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MP की इस लोकसभा सीट पर महिलाओं को क्यों मौका नहीं देती पार्टियां, 16 चुनावों सिर्फ एक महिला सांसद

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Published : Apr 12, 2019, 12:06 AM IST

Updated : Apr 12, 2019, 7:50 AM IST

रतलाम झाबुआ लोकसभा सीट पर 1952 से 2014 तक 16 बार चुनाव हुए है. लेकिन, इस सीट पर सिर्फ एक बार ही महिला सांसद चुनी गयी है. इस बार कांग्रेस ने फिर से कांतिलाल भूरिया को टिकट दिया है. तो बीजेपी ने यहां अबतक प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है.

रतलाम-झाबुआ लोकसभा सीट

रतलाम। मध्यप्रदेश की आदिवासी बाहुल्य रतलाम-झाबुआ लोकसभा सीट पर 1952 से 2014 तक 16 बार चुनाव हुए है. लेकिन बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां इस सीट पर महिलाओं को मौका देने में पीछे नजर आती हैं. रतलाम में अब तक केवल एक बार 1962 में कांग्रेस की जमुना देवी सांसद चुनी गयी थी. उसके बाद से इस सीट पर महिलाओं को प्रतिनिधित्व करने का मौका नहीं मिला है.

1967 के बाद से इस सीट का प्रतिनिधित्व पुरुष वर्ग ही करता रहा है. कांग्रेस ने जहां इस सीट पर जमुनादेवी के रुप में एक बार ही महिला प्रत्याशी को मौका दिया है. तो बीजेपी ने 2004 और 2009 के चुनाव में रेलम चौहान और 2015 के उपचुनाव में निर्मला भूरिया को मौका दिया था. हालांकि रतलाम-झाबुआ लोकसभा सीट पर जमुना देवी के बाद से कोई भी महिला उम्मीदवार जीत दर्ज नहीं कर सकी है.

महिला उम्मीदवारों को मौका न दिए जाने पर कांग्रेस नेता विमल छिपानी की दलील है कि उनकी पार्टी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण देने की हमेशा पैरवी करती है. रतलाम-झाबुआ में पार्टी के उम्मीदवार कांतिलाल भूरिया हर बार अच्छा परिणाम दे रहे हैं इसलिए पार्टी उन पर ही भरोसा जताती है.

रतलाम-झाबुआ लोकसभा सीट पर महिलाओं को मौका देने पीछे सियासी पार्टियां।

महिला उम्मीदवार के सवाल पर बीजेपी नेता श्रेणिक जैन कहते है कि बीजेपी ने रतलाम में चार बार महिलाओं को मौका दिया हैं. जबकि इस बार भी निर्मला भूरिया और संगीता चारेल का नाम टिकट की दौड़ में है. हालांकि उनका ये भी मानना है कि महिलाओं को मौका दिए जाने से रतलाम में परिणाम अच्छे नहीं आए है.

बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टी भले ही खुद को महिला हितैषी बता रही हैं. लेकिन हकीकत यही है कि हार के डर से दोनों ही महिलाओं पर भरोसा जताने से कतरा रहे हैं. यही वजह है कि कांग्रेस ने इस सीट पर एक बार फिर आदिवासी वर्ग के कद्दावर नेता कांतिलाल भूरिया पर दांव लगाया है. तो बीजेपी ने अब तक यहां प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है. अगर बीजेपी यहां फिर से महिला उम्मीदवार पर दांव लगाती है तो यहां मुकाबला दिलचस्प हो सकता है.

रतलाम। मध्यप्रदेश की आदिवासी बाहुल्य रतलाम-झाबुआ लोकसभा सीट पर 1952 से 2014 तक 16 बार चुनाव हुए है. लेकिन बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां इस सीट पर महिलाओं को मौका देने में पीछे नजर आती हैं. रतलाम में अब तक केवल एक बार 1962 में कांग्रेस की जमुना देवी सांसद चुनी गयी थी. उसके बाद से इस सीट पर महिलाओं को प्रतिनिधित्व करने का मौका नहीं मिला है.

1967 के बाद से इस सीट का प्रतिनिधित्व पुरुष वर्ग ही करता रहा है. कांग्रेस ने जहां इस सीट पर जमुनादेवी के रुप में एक बार ही महिला प्रत्याशी को मौका दिया है. तो बीजेपी ने 2004 और 2009 के चुनाव में रेलम चौहान और 2015 के उपचुनाव में निर्मला भूरिया को मौका दिया था. हालांकि रतलाम-झाबुआ लोकसभा सीट पर जमुना देवी के बाद से कोई भी महिला उम्मीदवार जीत दर्ज नहीं कर सकी है.

महिला उम्मीदवारों को मौका न दिए जाने पर कांग्रेस नेता विमल छिपानी की दलील है कि उनकी पार्टी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण देने की हमेशा पैरवी करती है. रतलाम-झाबुआ में पार्टी के उम्मीदवार कांतिलाल भूरिया हर बार अच्छा परिणाम दे रहे हैं इसलिए पार्टी उन पर ही भरोसा जताती है.

रतलाम-झाबुआ लोकसभा सीट पर महिलाओं को मौका देने पीछे सियासी पार्टियां।

महिला उम्मीदवार के सवाल पर बीजेपी नेता श्रेणिक जैन कहते है कि बीजेपी ने रतलाम में चार बार महिलाओं को मौका दिया हैं. जबकि इस बार भी निर्मला भूरिया और संगीता चारेल का नाम टिकट की दौड़ में है. हालांकि उनका ये भी मानना है कि महिलाओं को मौका दिए जाने से रतलाम में परिणाम अच्छे नहीं आए है.

बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टी भले ही खुद को महिला हितैषी बता रही हैं. लेकिन हकीकत यही है कि हार के डर से दोनों ही महिलाओं पर भरोसा जताने से कतरा रहे हैं. यही वजह है कि कांग्रेस ने इस सीट पर एक बार फिर आदिवासी वर्ग के कद्दावर नेता कांतिलाल भूरिया पर दांव लगाया है. तो बीजेपी ने अब तक यहां प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है. अगर बीजेपी यहां फिर से महिला उम्मीदवार पर दांव लगाती है तो यहां मुकाबला दिलचस्प हो सकता है.

Intro:CITY VISUALE


Body:city visuale


Conclusion:city visual
Last Updated : Apr 12, 2019, 7:50 AM IST
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