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कहां से मिला चांटा मारने का अधिकार, कलेक्टर से पूर्व सीएम का सवाल

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Published : Jan 19, 2020, 6:51 PM IST

Updated : Jan 19, 2020, 7:09 PM IST

प्रदेश में शासन-प्रशासन द्वारा कांग्रेस सरकार की चाटुकारिता के नये आयाम गढ़े जा रहे हैं, सरकार के तुगलकी फरमानों पर अमल में कौन रेस में पहले आता है, इसकी होड़ लगी है! कुछ अधिकारी भूल गए हैं कि वे किसी पार्टी के हुक्म बजाने के लिए नहीं बल्कि जनता की सेवा हेतु पद पर हैं.

Sub collector priya verma slapped protestor
डिप्टी कलेक्टर ने प्रदर्शनकारी पर जड़ा थप्पड़

राजगढ़। राजगढ़ में नागरिकता संसोधन कानून के समर्थन में बिना अनुमित रैली निकालने पर प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की, जिसके बाद कलेक्टर निधि निवेदिता ने प्रदर्शनकारियों को थप्पड़ मारे, जबकि प्रदर्शनकारियों ने डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा के साथ प्रदर्शनकारियों ने अभद्रता की और उनके बाल भी खींचे. जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने नाराजगी जताते हुए ताबड़तोड़ कई ट्वीट किए. जिसमें उन्होंने लिखा- मध्यप्रदेश में ऐसे अधिकारी, जो चाटुकारिता के नशे में अपनी सीमाएं लांघ रहे हैं, उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए,कांग्रेस सरकार के साथ-साथ अब शासन-प्रशासन की मानसिकता भी हिंसक हो गई है, जिसका अहिंसक विरोध हम प्रदेशवासियों के साथ करेंगे!हिंसक मानसिकता का अहिंसक विरोध!

  • प्रदेश में शासन-प्रशासन द्वारा कांग्रेस सरकार की चाटुकारिता के नये आयाम गढ़े जा रहे हैं!

    सरकार के तुग़लकी फरमानों पर अमल में कौन रेस में पहले आता है, इसकी होड़ लगी है!

    कुछ अधिकारी भूल गए हैं कि वे किसी पार्टी के हुक्म बजाने के लिए नहीं बल्कि जनता की सेवा हेतु पद पर हैं। pic.twitter.com/7xIY3bZJVE

    — Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 19, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अगले ट्वीट में शिवराज सिंह ने लिखा कि आज का दिन लोकतंत्र के सबसे काले दिनों में गिना जायेगा, आज राजगढ़ में कलेक्टर साहिबा ने जिस बेशर्मी से #CAA के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे बीजेपी कार्यकर्ताओं को लताड़ा, घसीटा और चांटे मारे, उसकी निंदा मैं शब्दों में नहीं कर सकता. क्या उन्हें प्रदर्शनकारियों को पीटने का आदेश मिला था?

  • आज का दिन लोकतंत्र के सबसे काले दिनों में गिना जायेगा।
    आज राजगढ़ में डे. कलेक्टर साहिबा ने जिस बेशर्मी से #CAA के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं को लताड़ा, घसीटा और चाँटे मारे, उसकी निंदा मैं शब्दों में नहीं कर सकता।
    क्या उन्हें प्रदर्शनकारियों को पीटने का आदेश मिला था? pic.twitter.com/gi5fLCZsV8

    — Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 19, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

फिर अगले ट्वीट में उन्होंने सवाल करते हुए ट्वीट किया और पूछा- कलेक्टर मैडम, आप ये बताइये कि कानून की कौन सी किताब आपने पढ़ी है, जिसमें शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे नागरिकों को पीटने और घसीटने का अधिकार आपको मिला है? सरकार कान खोलकर सुने ले, मैं किसी भी कीमत पर प्रदेशवासियों के साथ इस प्रकार की हिटलरशाही बर्दाश्त नहीं करूंगा.

शिवराज यहीं नहीं रुके, अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा, शासन-प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी गलती से भी यह न भूलें कि सरकारें पर्मानेंट नहीं होती हैं, वो बदलती हैं! बुराई का अंत और अच्छाई की विजय निश्चित है, इसलिए नागरिकों की सेवा की जिम्मेदारी, जो आपको मिली है, उसे निभाने में अपनी ऊर्जा, जज्बा, जुनून और मेहनत लगाएं.

राजगढ़ में मेरे निर्दोष नागरिक और कार्यकर्ता भारत की संसद द्वारा बनाये गए कानून के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे थे, क्या यह अपराध है? कलेक्टर साहिबा, कांग्रेस सरकार पर तो जनता का विश्वास कभी था ही नहीं, क्या आप चाहती हैं कि लोग शासन-प्रशासन पर भी भरोसा करना छोड़ दें?

आगे उन्होंने पूछा कि- क्या कलेक्टरी का इतना ज्यादा नशा छा गया कि आप गली के गुंडे-बदमाशों की तरह नागरिकों को पीटने लगीं? असभ्यता और अनैतिकता की सारी हदें पार की जा चुकी हैं. लोकतंत्र का उपहास है राजगढ़ की घटना! कांग्रेस सरकार प्रदेश के नागरिकों को दबाने और कुचलने में अब अधिकारियों का सहारा ले रही है.

राजगढ़। राजगढ़ में नागरिकता संसोधन कानून के समर्थन में बिना अनुमित रैली निकालने पर प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की, जिसके बाद कलेक्टर निधि निवेदिता ने प्रदर्शनकारियों को थप्पड़ मारे, जबकि प्रदर्शनकारियों ने डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा के साथ प्रदर्शनकारियों ने अभद्रता की और उनके बाल भी खींचे. जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने नाराजगी जताते हुए ताबड़तोड़ कई ट्वीट किए. जिसमें उन्होंने लिखा- मध्यप्रदेश में ऐसे अधिकारी, जो चाटुकारिता के नशे में अपनी सीमाएं लांघ रहे हैं, उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए,कांग्रेस सरकार के साथ-साथ अब शासन-प्रशासन की मानसिकता भी हिंसक हो गई है, जिसका अहिंसक विरोध हम प्रदेशवासियों के साथ करेंगे!हिंसक मानसिकता का अहिंसक विरोध!

  • प्रदेश में शासन-प्रशासन द्वारा कांग्रेस सरकार की चाटुकारिता के नये आयाम गढ़े जा रहे हैं!

    सरकार के तुग़लकी फरमानों पर अमल में कौन रेस में पहले आता है, इसकी होड़ लगी है!

    कुछ अधिकारी भूल गए हैं कि वे किसी पार्टी के हुक्म बजाने के लिए नहीं बल्कि जनता की सेवा हेतु पद पर हैं। pic.twitter.com/7xIY3bZJVE

    — Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 19, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अगले ट्वीट में शिवराज सिंह ने लिखा कि आज का दिन लोकतंत्र के सबसे काले दिनों में गिना जायेगा, आज राजगढ़ में कलेक्टर साहिबा ने जिस बेशर्मी से #CAA के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे बीजेपी कार्यकर्ताओं को लताड़ा, घसीटा और चांटे मारे, उसकी निंदा मैं शब्दों में नहीं कर सकता. क्या उन्हें प्रदर्शनकारियों को पीटने का आदेश मिला था?

  • आज का दिन लोकतंत्र के सबसे काले दिनों में गिना जायेगा।
    आज राजगढ़ में डे. कलेक्टर साहिबा ने जिस बेशर्मी से #CAA के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं को लताड़ा, घसीटा और चाँटे मारे, उसकी निंदा मैं शब्दों में नहीं कर सकता।
    क्या उन्हें प्रदर्शनकारियों को पीटने का आदेश मिला था? pic.twitter.com/gi5fLCZsV8

    — Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 19, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

फिर अगले ट्वीट में उन्होंने सवाल करते हुए ट्वीट किया और पूछा- कलेक्टर मैडम, आप ये बताइये कि कानून की कौन सी किताब आपने पढ़ी है, जिसमें शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे नागरिकों को पीटने और घसीटने का अधिकार आपको मिला है? सरकार कान खोलकर सुने ले, मैं किसी भी कीमत पर प्रदेशवासियों के साथ इस प्रकार की हिटलरशाही बर्दाश्त नहीं करूंगा.

शिवराज यहीं नहीं रुके, अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा, शासन-प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी गलती से भी यह न भूलें कि सरकारें पर्मानेंट नहीं होती हैं, वो बदलती हैं! बुराई का अंत और अच्छाई की विजय निश्चित है, इसलिए नागरिकों की सेवा की जिम्मेदारी, जो आपको मिली है, उसे निभाने में अपनी ऊर्जा, जज्बा, जुनून और मेहनत लगाएं.

राजगढ़ में मेरे निर्दोष नागरिक और कार्यकर्ता भारत की संसद द्वारा बनाये गए कानून के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे थे, क्या यह अपराध है? कलेक्टर साहिबा, कांग्रेस सरकार पर तो जनता का विश्वास कभी था ही नहीं, क्या आप चाहती हैं कि लोग शासन-प्रशासन पर भी भरोसा करना छोड़ दें?

आगे उन्होंने पूछा कि- क्या कलेक्टरी का इतना ज्यादा नशा छा गया कि आप गली के गुंडे-बदमाशों की तरह नागरिकों को पीटने लगीं? असभ्यता और अनैतिकता की सारी हदें पार की जा चुकी हैं. लोकतंत्र का उपहास है राजगढ़ की घटना! कांग्रेस सरकार प्रदेश के नागरिकों को दबाने और कुचलने में अब अधिकारियों का सहारा ले रही है.

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shivraj singh


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Last Updated : Jan 19, 2020, 7:09 PM IST
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