राजगढ़। मध्यप्रदेश शासन द्वारा मातृ मृत्य दर कम करने वा कुपोषण को खत्म करने के उद्देश्य से प्रसूताओं को अस्पतालों में बच्चों को जन्म देने के लिए प्रेरित किया जा हा है. साथ ही अस्पतालों में जन्म देने वाली प्रसूताओं को उनके बच्चे व स्वयं के पोषण आहार से संबंधित सामग्री का क्रय कर उपयोग करने के लिए निर्धारित राशि बैंक खाते के माध्यम से वितरित की जाती है. जिसके लिए बाकायदा दस्तावेज भी जमा कराए जाते हैं. जिसमे संबंधित जच्चा बच्चा से संबंधित जानकारी होती है. लेकिन आज के इस डिजिटल युग में साइबर ठगों की नज़र जच्चा बच्चा के उस पोषण आहार पर भी है. जिसका ताजा उदाहरण राजगढ़ में देखने को मिला है.
बैंक की जानकारी मांगी : राजगढ़ जिला अस्पताल में बच्चे को जन्म देने वाली एक प्रसूता को पोषण आहार की राशि का वितरण करने के बहाने उनके बैंक खाते से संबंधित निजी जानकारी मांगी गई, लेकिन शिक्षित होने के साथ साइबर क्राइम से जागरूक होने के चलते वह ठगी का शिकार होने से बच गई. उन्होंने पूरे मामले से उन्होंने जिला अस्पताल सीएमएचओ को अवगत कराया.
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सीएमएचओ ने किया इंकार : फ्रॉड काल करने वाले के पास राजगढ़ जिला अस्पताल में हुए उनके बेटे के जन्म से संबंधित समस्त जानकारी पहले से उपलब्ध थी. उसका कहना था कि आपके खाते में DBT न होने के चलते पोषण आहार से संबंधित राशि नहीं डाल पा रहे हैं. कृपया आपका फोन पे का क्युआर कोड भेजें. महिला ने ऐसा कुछ नही किया सीधे जिला अस्पताल की सीएमएचओ डॉ. किरण वाडिया को फ्रॉड काल से संबंधित पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया. CMHO किरण वाडिया का कहना है कि डाटा लीक होने जैसी कोई बात नही है. स्वास्थ विभाग से पोषण आहार की राशि वितरण करने की प्रोसेस पूरी तरह से ऑनलाइन है. इस तरह से फोन या मैसेज करके कोई भी जानकारी मांगी नहीं जाती. हालांकि फ्रॉड काल से सावधान रहें.