राजगढ़। जिले में राष्ट्रीय बाल आयोग ने कैंप का आयोजन किया. जिसमें बच्चों से संबंधित विभिन्न प्रकार की समस्याएं सुनी गई और उनके निराकरण के लिए प्रशासन को उचित निर्देश दिए गए. इस दौरान कैंप में अव्यवस्थाओं को लेकर बाल आयोग के अध्यक्ष ने प्रशासन को खरी- खोटी सुनाई और इसकी जिम्मेदारी लेते हुए दोबारा शिविर लगाने की बात कही.
कई सूचकांकों में पिछड़ा है जिला
राजगढ़ जिले कई मामलों में अभी भी पिछड़ा हुआ है, जिसमें शिक्षा और स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएं हैं. जिसके चलते नीति आयोग ने इसे 117 संवेदनशील जिलों में शामिल किया है. जिससे इन जिलों को मुख्यधारा में लाया जा सके. इस कैंप में 1200 आवेदन प्राप्त हुए, जिनका निराकरण किया गया.
लचर स्वास्थ्य व्यवस्था
राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा कि जिले में स्वास्थ्य की व्यवस्थाएं काफी लचर हैं. जिसके लिए पूरे स्वास्थ्य विभाग को सर्जरी की जरूरत है. वहीं कैंप के दौरान जिनका मानसिक विकलांग प्रमाण नहीं बन पाया, उन्हें भोपाल बुलाया गया है. इसके लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया गया है.
उत्पीणन पर कार्रवाई के निर्देश
इस दौरान एक मामला पॉक्सो एक्ट के आरोपी द्वारा बालिका को परेशान करने का था. जिस पर आयोग ने आरोपी और उसके साथियों पर मामला दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. वहीं एक मामला बिना रजिस्ट्रेशन एक स्कूल में बालगृह चलाए जाने के मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.
बच्चा चोरी की घटनाओं पर टीम देगी रिपोर्ट
वहीं जिले में लगातार हो रही बच्चा चोरी घटनाओं पर उन्होंने कहा कि, इसके लिए पुलिस को निर्देशित करने के साथ ही एक रिसर्चर की टीम भेजा जाएगा. जिनमें न्याय विभाग के कुछ अधिकारी और कुछ रिटायर्ड पुलिस कर्मचारी शामिल होंगे. जो इस संबंध में एक रिपोर्ट पेश करेंगे.
आयोग ने प्रशासन को लगाई फटकार
उन्होंने कहा कि एक बेंच के दौरान सारी समस्याओं का निवारण नहीं हो पा रहा है. जिसके चलते प्रशासन को फटकारते हुए उन्होंने कहा कि तीन बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करने के बाद भी स्थानीय प्रशासन ने यहां उचित व्यवस्थाएं नहीं की है. लेकिन हम फिर से पुनः प्रयास करेंगे कि राजगढ़ जिले में फिर से एक नया बेंच लगाया जाए, जिसमें बच्चों की समस्त समस्याओं का निराकरण हो सके.