राजगढ़। समाज सेविका मोना सुस्तानी नगर की सबसे बड़ी कुप्रथा नातरा के विरोध में लगातार लड़ रही हैं. सुस्तानी बताती हैं कि उन्होंने समाज सेवा की शुरुआत ब्लड डोनेशन से की थी. पहले तो वह स्वयं ब्लड डोनेट करती थीं, फिर लोगों को जागरूक करते हुए ब्लड डोनेट करवाती थीं.
समाज की नातरा प्रथा के विरोध में उन्होंने लाल चुनर नामक एक नया संगठन बनाया है. जो जिले की नातरा प्रथा से पीड़ित महिलाओं को न सिर्फ न्याय दिलाने के लिए काम कर रही है, बल्कि लोगों को भी लगातार इस कुप्रथा के बारे में जागरूक कर रहा है.
क्या है नातरा प्रथा
नातरा प्रथा में बालक- बालिकाओं का बचपन में ही माता-पिता अपनी आपसी रजामंदी से विवाह कर देते हैं. जब वो बड़े होते हैं, तो वे एक- दूसरे को कई बार पसंद नहीं करते है. कुछ मामलों में लड़का- लड़की को छोड़ देता है. या फिर छुटकारा पाने के लिए मारपीट, विवाद कर प्रताड़ित करना शुरू कर देता है. यह सब होने के बाद लड़के का पक्ष लड़की के नए पति अथवा पिता से शादी में होने वाले खर्च को वसूलने के लिए झगड़ा करता है और राशि वसूलकर दूसरी शादी कर लेता है.