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Emergency: इमरजेंसी के 45 साल : अनसुने किस्से नरसिंहगढ़ जेल के जहां बंद थे देश के कई बड़े नेता

देश में इमरजेंसी के 45 साल पूरे हो गए. उस दौर के कई ऐसे किस्से हैं जिससे आज की युवा पीढ़ी अनजान है. ईटीवी भारत पर जानिए कि आखिर नरसिंहगढ़ जेल में कौन कौन से बडे़ नेता आपातकाल के दौरान बंद थे और आखिर उनके साथ हुआ क्या था? इमरजेंसी में मिसा एक्ट के तहत बंदी बनाए गए एमपी के पूर्व विधायक रघुनंदन शर्मा ने आपातकाल के अनुभव ईटीवी भारत से साझा किए.

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सांकेतिक चित्र
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Published : Jun 25, 2020, 6:16 PM IST

Updated : Jun 25, 2020, 9:42 PM IST

राजगढ़। 25 जून को भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में काली तारीख के तौर पर याद किया जाता है. इसी दिन साल 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगाने की घोषणा की थी. मौजूदा दौर में भारतीय जनता पार्टी इस दिन को काला दिवस के रूप में मनाती है और कांग्रेस पर निशाना साधती है. आज इमरजेंसी के 45 साल पूरे हो गए हैं. मिसा एक्ट के तहत बंदी बनाए गए पूर्व विधायक रघुनंदन शर्मा को आज भी आपातकाल की कई यादें जेहन में ताजा हैं. उन्होने इस मौके पर कई यादें ईटीवी भारत से साझा की जो उस दौर में राजगढ़ के नरसिंहगढ़ जेल में बंद थे. उन्होंने बताया कि कैसे इमरजेंसी के दौरान उन्हें बंदी बनाया गया और आपातकाल की यादें रूह को कंपा देती हैं.

District Jail Rajgarh
जिला जेल राजगढ़

सुबह 5:30 बजे पुलिस ने किया था गिरफ्तार

पूर्व विधायक ने बताया कि 25 जून 1975 की रात पूरे देश में इमरजेंसी लगाई गई थी. इमरजेंसी के तहत उनको भी गिरफ्तार किया गया. इस दौरान उन्हे जेल में यातनाएं दी गईं. उस दौरान उनके परिवार को भी काफी कुछ सहना पड़ा. वह बताते हैं कि उनको सुबह 5:30 बजे गिरफ्तार किया गया था, अपराधियों की तरह पकड़कर जेल ले जाया गया. उस समय उनके घर पर 15 पुलिस वाले एक साथ आए थे उनको बनियान और पाजामे में ही घर से लेकर चले गए. पूरे बाजार में जुलूस निकाला गया और जिला जेल में बंद किया गया.

इमरजेंसी के 45 साल पूरे

दोस्त को भी किया गया था गिरफ्तार

रघुनंदन शर्मा बताते हैं कि उनके दोस्त गिरिराज शर्मा को भी उनके साथ ही गिरफ्तार किया गया था. गिरिराज शर्मा की शादी 25 जून 1975 को हुई थी और बारात में वह भी शामिल हुए थे. अभी उनकी पत्नी के हाथों की मेहंदी भी नहीं निकली थी और 4 दिनों बाद ही उनको पुलिस ने हिरासत में लेते हुए जेल भेज दिया था. उन्हे लगातार कई हफ्तों तक जेल में बंद रका गया.

लोग बात करने से भी डरते थे

पूर्व विधायक के मुताबिक जब उन्हें गिरफ्तार किया गया था तब लोग उनके परिवार वालों से बात करने से भी डरते थे. वहीं जेल से छूटने के बाद उनसे भी लोगों ने बात करना बंद कर दिया था. किसी भी किस्म की मदद भी शहर के लोगों ने बंद कर दिया था.

नरसिंहगढ़ जेल में बंद थे एलजेडी नेता शरद यादव

एलजेडी नेता शरद यादव को भी आपातकाल में राजगढ़ के नरसिंहगढ़ जेल में ही रखा गया था. शरद यादव से जुड़ी कई यादें भी हैं. वो इस दौरान काफी समय तक जेल के बंद बैरक में ही अपना वक्त गुजारते और राजनीति पर साथ के लोगों से चर्चा किया करते थे. पठन-पाठन में भी शरद यादव के दिन गुजरते थे और हरेक दल के लोगों से बड़े ही आसानी से वो घुल मिल जाते थे.

राजगढ़। 25 जून को भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में काली तारीख के तौर पर याद किया जाता है. इसी दिन साल 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगाने की घोषणा की थी. मौजूदा दौर में भारतीय जनता पार्टी इस दिन को काला दिवस के रूप में मनाती है और कांग्रेस पर निशाना साधती है. आज इमरजेंसी के 45 साल पूरे हो गए हैं. मिसा एक्ट के तहत बंदी बनाए गए पूर्व विधायक रघुनंदन शर्मा को आज भी आपातकाल की कई यादें जेहन में ताजा हैं. उन्होने इस मौके पर कई यादें ईटीवी भारत से साझा की जो उस दौर में राजगढ़ के नरसिंहगढ़ जेल में बंद थे. उन्होंने बताया कि कैसे इमरजेंसी के दौरान उन्हें बंदी बनाया गया और आपातकाल की यादें रूह को कंपा देती हैं.

District Jail Rajgarh
जिला जेल राजगढ़

सुबह 5:30 बजे पुलिस ने किया था गिरफ्तार

पूर्व विधायक ने बताया कि 25 जून 1975 की रात पूरे देश में इमरजेंसी लगाई गई थी. इमरजेंसी के तहत उनको भी गिरफ्तार किया गया. इस दौरान उन्हे जेल में यातनाएं दी गईं. उस दौरान उनके परिवार को भी काफी कुछ सहना पड़ा. वह बताते हैं कि उनको सुबह 5:30 बजे गिरफ्तार किया गया था, अपराधियों की तरह पकड़कर जेल ले जाया गया. उस समय उनके घर पर 15 पुलिस वाले एक साथ आए थे उनको बनियान और पाजामे में ही घर से लेकर चले गए. पूरे बाजार में जुलूस निकाला गया और जिला जेल में बंद किया गया.

इमरजेंसी के 45 साल पूरे

दोस्त को भी किया गया था गिरफ्तार

रघुनंदन शर्मा बताते हैं कि उनके दोस्त गिरिराज शर्मा को भी उनके साथ ही गिरफ्तार किया गया था. गिरिराज शर्मा की शादी 25 जून 1975 को हुई थी और बारात में वह भी शामिल हुए थे. अभी उनकी पत्नी के हाथों की मेहंदी भी नहीं निकली थी और 4 दिनों बाद ही उनको पुलिस ने हिरासत में लेते हुए जेल भेज दिया था. उन्हे लगातार कई हफ्तों तक जेल में बंद रका गया.

लोग बात करने से भी डरते थे

पूर्व विधायक के मुताबिक जब उन्हें गिरफ्तार किया गया था तब लोग उनके परिवार वालों से बात करने से भी डरते थे. वहीं जेल से छूटने के बाद उनसे भी लोगों ने बात करना बंद कर दिया था. किसी भी किस्म की मदद भी शहर के लोगों ने बंद कर दिया था.

नरसिंहगढ़ जेल में बंद थे एलजेडी नेता शरद यादव

एलजेडी नेता शरद यादव को भी आपातकाल में राजगढ़ के नरसिंहगढ़ जेल में ही रखा गया था. शरद यादव से जुड़ी कई यादें भी हैं. वो इस दौरान काफी समय तक जेल के बंद बैरक में ही अपना वक्त गुजारते और राजनीति पर साथ के लोगों से चर्चा किया करते थे. पठन-पाठन में भी शरद यादव के दिन गुजरते थे और हरेक दल के लोगों से बड़े ही आसानी से वो घुल मिल जाते थे.

Last Updated : Jun 25, 2020, 9:42 PM IST
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