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कलेक्टर की अपील के बाद मिट्टी के दीयों की बढ़ी बिक्री, कुम्हारों के मन में जगी नई आस

राजगढ़ जिले में दीपावली के मौक पर मिट्टी के दीयों की मांग बढ़ गई है. कलेक्टर की अपील के बाद दीयों की बिक्री में इजाफा हुआ है.

मिट्टी के दीयों की बढ़ी मांग
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Published : Oct 26, 2019, 9:59 AM IST

राजगढ़। इस बार दीपावली के मौके पर मिट्टी के दीयों की मांग बढ़ गई है. बदलते ट्रेंड के साथ लोग डिजाइनर दीये भी खूब पसंद करने लगे हैं. वहीं पारंपरिक दीयों की बिक्री अधिक हो रही है. चाइनीज दीयों से अब लोगों का मोहभंग होता नजर आ रहा है, इसकी वजह से भी मिट्टी के दीयों की मांग बढ़ रही है. पिछले साल की तुलना में इस साल मिट्टी के दीये ज्यादा बिक रहे हैं.

मिट्टी के दीयों की बढ़ी मांग

प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कुम्हारों के लिए विशेष प्रयोजन किया है और ज्यादा से ज्यादा मिट्टी के दीपक और मिट्टी के बर्तन लोग खरीदें, इसके लिए जिला कलेक्टर द्वारा आदेश पारित किया गया था और उनसे किसी भी प्रकार शुल्क नहीं लेने के लिए नगर पालिका सहित पंचायतों को आदेश दिया, साथ ही लोगों से अपील की गई थी कि, लोग ज्यादा से ज्यादा मिट्टी से बने दीपक और बर्तन खरीदे, जिससे गरीब कुम्हारों की आमदनी में बढ़ोत्तरी हो सके.

इसके साथ ही सोशल मीडिया पर ऐसे दीयों की बिक्री पर जोर देने के कारण भी इसका खासा प्रभाव पड़ रहा है. मिट्टी के दीपक बनाने का काम तेजी से चल रहा है. वहीं इस अपील का असर लोगों में दिखाई देने लगा है, जहां इस बार पिछले वर्ष की तुलना में कुम्हारों से दीपक खरीदने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है और उनके मुनाफे में भी बढ़ोत्तरी हुई है. नगर पालिका द्वारा शुल्क नहीं लिए जाने के कारण भी कुम्हार काफी खुश दिखाई दे रहे हैं.

जिला मुख्यालय पर दीपक और अन्य मिट्टी के सामानों की दुकान लगाने वाले कुम्हारों ने बताया कि इस बार उनकी पिछले साल की तुलना में बिक्री अच्छी हुई है और कलेक्टर के आदेश की वजह से नगर पालिका द्वारा दीपक पर कोई शुल्क नहीं लिया गया है. वहीं पिछले वर्ष तक उनको उनकी दुकान लगाने के लिए नगर पालिका सहित पंचायतों को शुल्क देना पड़ता था. जिससे उनका मुनाफा कम होता था लेकिन इस बार मुनाफे में बढ़ोतरी हुई है. वहीं इस बार दुकानदारों में जागरूकता दिखी है और उनसे मिट्टी के बर्तन के लिए टैक्स वसूल करने आए लोगों को उन्होंने मना किया है.

राजगढ़। इस बार दीपावली के मौके पर मिट्टी के दीयों की मांग बढ़ गई है. बदलते ट्रेंड के साथ लोग डिजाइनर दीये भी खूब पसंद करने लगे हैं. वहीं पारंपरिक दीयों की बिक्री अधिक हो रही है. चाइनीज दीयों से अब लोगों का मोहभंग होता नजर आ रहा है, इसकी वजह से भी मिट्टी के दीयों की मांग बढ़ रही है. पिछले साल की तुलना में इस साल मिट्टी के दीये ज्यादा बिक रहे हैं.

मिट्टी के दीयों की बढ़ी मांग

प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कुम्हारों के लिए विशेष प्रयोजन किया है और ज्यादा से ज्यादा मिट्टी के दीपक और मिट्टी के बर्तन लोग खरीदें, इसके लिए जिला कलेक्टर द्वारा आदेश पारित किया गया था और उनसे किसी भी प्रकार शुल्क नहीं लेने के लिए नगर पालिका सहित पंचायतों को आदेश दिया, साथ ही लोगों से अपील की गई थी कि, लोग ज्यादा से ज्यादा मिट्टी से बने दीपक और बर्तन खरीदे, जिससे गरीब कुम्हारों की आमदनी में बढ़ोत्तरी हो सके.

इसके साथ ही सोशल मीडिया पर ऐसे दीयों की बिक्री पर जोर देने के कारण भी इसका खासा प्रभाव पड़ रहा है. मिट्टी के दीपक बनाने का काम तेजी से चल रहा है. वहीं इस अपील का असर लोगों में दिखाई देने लगा है, जहां इस बार पिछले वर्ष की तुलना में कुम्हारों से दीपक खरीदने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है और उनके मुनाफे में भी बढ़ोत्तरी हुई है. नगर पालिका द्वारा शुल्क नहीं लिए जाने के कारण भी कुम्हार काफी खुश दिखाई दे रहे हैं.

जिला मुख्यालय पर दीपक और अन्य मिट्टी के सामानों की दुकान लगाने वाले कुम्हारों ने बताया कि इस बार उनकी पिछले साल की तुलना में बिक्री अच्छी हुई है और कलेक्टर के आदेश की वजह से नगर पालिका द्वारा दीपक पर कोई शुल्क नहीं लिया गया है. वहीं पिछले वर्ष तक उनको उनकी दुकान लगाने के लिए नगर पालिका सहित पंचायतों को शुल्क देना पड़ता था. जिससे उनका मुनाफा कम होता था लेकिन इस बार मुनाफे में बढ़ोतरी हुई है. वहीं इस बार दुकानदारों में जागरूकता दिखी है और उनसे मिट्टी के बर्तन के लिए टैक्स वसूल करने आए लोगों को उन्होंने मना किया है.

Intro:जिले में मिट्टी के दीपकओं की आवक बढ़ी, पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष ज्यादा बिक रहे हैं मिट्टी के दीपक और मिट्टी से बने बर्तन कलेक्टर की अप्रैल और आदेश के चलते जिला मुख्यालय पर मिट्टी का कार्य करने वाले कुम्हारों के मुनाफे में हुई बढ़ोतरी।


Body:जहां आज से दीपावली का 5 दिवसीय त्योहार शुरू हो गया है और जहां आज लोगों ने धनतेरस के पर्व पर बाजारों में जाकर अनेक चीजों की खरीदारी की और वही लोग लगातार अपने घर में दिवाली के उत्सव को मनाने के लिए तरह-तरह की चीजें ला रहे हैं वहीं मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिला मुख्यालय पर भी आज बाजारों में रौनक देखने को मिली और लोग खरीदारी करने के लिए बाजारों का रुख कर रहे थे वही जहां हर साल लोग अपने घरों को अलग-अलग तरह से सजाते हैं और इन्हीं सज्जो सजावट में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले मिट्टी के दीपक भी इस बार लोग बढ़-चढ़कर खरीद रहे हैं जहां अनेक जिलों में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कुम्हारों के लिए विशेष प्रयोजन किया है और ज्यादा से ज्यादा मिट्टी के दीपक और मिट्टी के बर्तन लोग खरीदें इसके लिए जिले में अभी जिला कलेक्टर द्वारा आदेश पारित किया गया था और उनसे किसी भी प्रकार शुल्क नहीं लेने के लिए नगर पालिका सहित पंचायतों को आदेश दिया था और वही लोगो से अपील की गई थी कि ज्यादा से ज्यादा मिट्टी से बने दीपक और बर्तन खरीदे ,जिससे गरीब कुम्हारों की आमदनी में बढ़ोतरी हो सके ।
वही इस अपील का असर लोगों में दिखाई देने लगा है जहां इस बार पिछले वर्ष की तुलना में कुम्हारों से दीपक खरीदने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है और उनके मुनाफे में भी बढ़ोतरी हुई है वही राजगढ़ नगर पालिका द्वारा शुल्क नहीं लिए जाने के कारण भी कुम्हार काफी खुश दिखाई दे रहे हैं ।


Conclusion:वहीं जिला मुख्यालय पर दीपक और अन्य मिट्टी के सामानों की दुकान लगाने वाले कुम्हारों ने बताया कि इस बार उनकी पिछले साल की तुलना में खरीदारी अच्छी खासी हुई है और कलेक्टर के आदेश के वजह से नगर पालिका द्वारा दीपक पर कोई शुल्क नहीं लिया गया है वहीं पिछले वर्ष तक उनको उनकी दुकान लगाने के लिए नगर पालिका सहित पंचायतों को शुल्क देना पड़ता था जिससे उनका मुनाफा कम होता था, परंतु इस बार मुनाफे में बढ़ोतरी हुई है। वहीं इस बार दुकानदारों में जागरूकता दिखी है और उनसे मिट्टी के बर्तन के लिए टैक्स वसूल करने आए लोगों को उन्होंने मना किया ।



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