सागर: जैसा कि शहर के नाम से अंदाजा लगा सकते हैं कि यहां कोई विशाल जल संरचना होगी और शायद उसी के नाम पर शहर का नाम सागर पड़ा होगा. सागर शहर के बीचों बीच बनी विशाल लाखा बंजारा झील की बात ही निराली है. झील का नाम लाखा बंजारा होने के पीछे भी एक किवदंती है कि लाखा बंजारा एक व्यापारी था जो सागर से गुजरा था. सागर की झील में पानी लाने के लिए उसने अपनी बेटे-बहू की बलि दी थी. तब जाकर झील में पानी आया था. बलिदानी लाखा बंजारा को याद करने के लिए झील का नाम उनके नाम पर रख दिया गया. स्मार्ट सिटी मिशन ने जब झील जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण किया गया तो झील के बीचोंबीच लाखा बंजारा की विशाल मूर्ति भी स्थापित की गयी. मूर्ति को लगे 2 साल का वक्त बीत चुका है लेकिन अभी भी ये मूर्ति अनावरण का इंतजार कर रही है.
झील में नहीं आया पानी
ऐतिहासिक झील लाखा बंजारा के पीछे एक ऐतिहासिक कहानी है. कहा जाता है कि करीब 400 साल पहले सागर के राजा ने किले का निर्माण कराया था और किले से लगकर विशाल झील बनवाई थी लेकिन इतनी विशाल झील में पानी नहीं आ रहा था. 400 एकड़ के एरिया में फैली झील में पानी का इंतजार करते-करते लोग परेशान थे. सागर से अक्सर बंजारों की टोली गुजरती थी जो व्यापार के सिलसिले में निकलती थी. जब वह सागर रुकते थे तो उनके साथ काफी संख्या में पशु होते थे, जिनके लिए यहां पानी की समस्या खड़ी हो जाती थी. बंजारों की टोली के मुखिया लाखा बंजारा थे. वह भी पानी की समस्या से परेशान थे. ऐसे में उन्होंने झील में पानी आए इसके लिए कई प्रयास किए लेकिन पानी नहीं आया.
लाखा बंजारा ने दी बेटे और बहू की बलि
सागर की झील में पानी नहीं आने पर किसी सिद्धपुरुष ने उन्हें बताया कि वो सोने के झूले में अपने बेटे और बहू को बिठाकर बलि देंगे तब जाकर झील में पानी आएगा. उन्होंने सागर की जनता और सैकड़ों पशुओं की जान बचाने अपने बेटे बहू की बलि दे दी और ऐसा करते ही झील पानी से लबालब भर गई. तब से शहर उनके योगदान को याद रखता है और झील का नाम उन्हीं के नाम पर रखा गया है. झील का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण होने के बाद उनकी विशाल प्रतिमा स्थापित की गई है.
'2 साल से मूर्ति कर रही अनावरण का इंतजार'
समाजसेवी पप्पू तिवारी का कहना है कि "जिस व्यक्ति ने शहर की जनता की प्यास बुझाने के लिए अपने जिगर के टुकड़ों की बलि दे दी. उनकी मूर्ति 2 साल से अनावरण का इंतजार कर रही है. इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण क्या हो सकता है कि आज पूरा शहर सवाल कर रहा है कि आखिर लाखा बंजारा का अपमान क्यों किया जा रहा है. हमारी मांग है कि मुख्यमंत्रीजी आए और बलिदानी लाखा बंजारा की मूर्ति का अनावरण करें. मूर्ति को स्थापित हुए 2 साल बीत गए हैं."
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'सीएम जल्द करेंगे अनावरण'
विधायक शैलेंद्र जैन का कहना है कि "पहले तय हुआ था कि रीजनल इंडस्ट्री कॉनक्लेव के साथ मुख्यमंत्री मोहन यादव लाखा बंजारा की मूर्ति का अनावरण करेंगे. लेकिन जब इस विषय पर मुख्यमंत्री से चर्चा हुई तो उन्होंने कहा कि ऐसे महान बलिदानी की मूर्ति के अनावरण के लिए अलग से विशेष कार्यक्रम होना चाहिए और मैं खुद सागर आकर महान बलिदानी लाखा बंजारा की मूर्ति का अनावरण करूंगा. जल्द ही मुख्यमंत्री मोहन यादव का कार्यक्रम तय होने वाला है और वह सागर आकर लाखा बंजारा की मूर्ति का अनावरण करेंगे."