इंदौर: शहर में सार्वजनिक दीवारों पर प्रॉपर्टी बिक्री या प्रमोशन का पंपलेट चिपकाना भी अब भारी पड़ सकता है. दरअसल इंदौर नगर निगम ने स्वच्छता सर्वेक्षण के पूर्व इस तरह सार्वजनिक स्थलों पर प्रचार करने के लिए दीवारों को खराब करना जैसी गतिविधियों पर कठोरता से रोक लगाने की मुहिम चला रखी है. इस क्रम में शनिवार को एक फर्म के खिलाफ एक लाख का जुर्माना लगाया. संभवत प्रदेश में यह पहला मामला है, जब एक सार्वजनिक दीवार पर पंपलेट स्टीकर चिपकाने पर नगर निगम ने इतना भारी जुर्माना वसूला हो.
कंपनी को पंपलेट चिपकाना पड़ा भारी
दरअसल, देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में जल्द ही स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम दौरा करने आने वाली है. ऐसे में स्वच्छता को बरकार रखने के लिए निगम कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता. ऐसे में शनिवार को एक रियल एस्टेट कंपनी के प्रतिनिधि ने लालबाग पैलेस की दीवार पर अपने फोन नंबर वाला पंपलेट स्टीकर चिपका दिया. स्वच्छता को लेकर नगर निगम आयुक्त ने जब क्षेत्र का दौरा किया तो लालबाग पैलेस की दीवार पर यह पंपलेट स्टीकर नजर आया. लिहाजा उन्होंने तत्काल स्टीकर पर लिखे नंबर और एड्रेस के आधार पर संबंधित फर्म पर फाइन करने के आदेश दिए.
कंपनी के दफ्तर पहुंचे निगम अधिकारी
लिहाजा नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी गौतम भाटिया और अन्य कर्मचारी शहर के इंद्रप्रस्थ टावर में मौजूद कंपनी के ऑफिस में पहुंचे. जहां उन्होंने स्पॉट फाइन की राशि के रूप में एक लाख रुपए के जुर्माने का नोटिस कंपनी के प्रतिनिधियों को थमा दिया. इस दौरान कंपनी ने लाख मिन्नतें की और बताया कि हमें इस तरह की कार्रवाई की जानकारी नहीं थी. लिहाजा जुर्माने की रकम कम की जाए. लेकिन नगर निगम के अधिकारी इस बात पर तैयार नहीं हुए. इस दौरान करीब 1 घंटे तक दोनों पक्षों की ओर से बहस हुई.
कंपनी से वसूले 1 लाख रुपए
आखिरकार पुलिस बुलाने के बाद कंपनी का ऑफिस सील करने की तैयारी की गई. तब कंपनी एक लाख रुपए का जुर्माना भरने को तैयार हुई. हालांकि इस दौरान कंपनी के प्रतिनिधियों ने नगर निगम में राजनीतिक रूप से दबाव डालने का प्रयास भी किया. लेकिन अधिकारी कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हुए. इसके बाद संबंधित कंपनी से ₹100000 की जुर्माना की राशि चेक द्वारा प्राप्त की गई.
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स्वच्छता से कोई समझौता नहीं
दरअसल, पंपलेट चिपकने पर इतने जुर्माने की राशि का संभवत यह पहला मामला है. गौरतलब में इंदौर में फिलहाल स्वच्छता सर्वेक्षण के पूर्व इस तरह की कार्रवाई लगातार की जा रही है. हालांकि पूर्व में भी बस में से थूकने और गंदगी करने पर लोगों के खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई हो चुकी है. इस बार क्योंकि नगर निगम आठवीं बार स्वच्छता सर्वेक्षण में पहले नंबर पर आने की कोशिश में जुटा हुआ है. जिसके चलते स्वच्छता को लेकर नगर निगम के अधिकारी कोई भी समझौता करने को तैयार नहीं हैं.
नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी गौतम भाटिया ने बताया कि, ''एक फर्म ने सार्वजिन दिवारों पर पंपलेट्स लगाए थे. जिस पर कार्रवाई करते हुए कंपनी पर एक लाख का जुर्माना लगाया गया है. इंदौर को आठवां बार नंवर बनाना है. इसलिए गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है.''