ग्वालियर : हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में शरीयत कानून के हिसाब से बंटवारे को दी गई हाईकोर्ट में चुनौती को याचिकाकर्ता महिला द्वारा वापस ले लिया गया है. अब महिला का कहना है कि वह इस मामले में अपने भाइयों से मिलजुल कर निराकरण की पहल करेगी. दरअसल दतिया की रहने वाली एक मुस्लिम महिला के पिता की संपत्ति में से भाई और बहन को मौजूदा कानून के हिसाब से बंटवारा किया गया था.
शरीयत कानून और संपत्ति बंटवारा
शरीयत कानून के लिहाज से पिता की संपत्ति में से आधी संपत्ति बेटे को मिलती है और आधी से आधी बेटी को मिलती है लेकिन दतिया के नजूल विभाग ने मौजूदा कानून के हिसाब से भाई बहन को आधी-आधी संपत्ति यानी मकान दे दिया था. इसे लेकर महिला के भाई ने पहले कलेक्टर न्यायालय में याचिका दायर की जहां से नजूल अधिकारी का आदेश बरकरार रखा गया. इसके बाद महिला के भाई ने कमिश्नर कोर्ट में अपील की.
महिला ने याचिका ली वापस, कही ये बात
कमिश्नर कोर्ट ने शरीयत कानून 1937 के हिसाब से भाई की संपत्ति देने के आदेश दिए. इसे चुनौती देने के लिए महिला ने हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में अपील की. इस पिटीशन पर 2019 से सुनवाई चल रही थी और इसमें तर्क-वितर्क हो चुके थे. कुछ तर्क पेश करने के लिए कोर्ट ने मौखिक रूप से भी आदेश दिए थे. महिला के अधिवक्ता पी. बिसौरिया के मुताबिक, '' महिला ने अपने आवेदन को वापस लेने के लिए आवेदन किया, जिसे हाई कोर्ट ने स्वीकार कर लिया. महिला का कहना है कि अब वह अपने भाइयों से मिलजुल कर संपत्ति का बंटवारा कर लेगी. महिला का दतिया में एक मकान है जिस पर उसके भाई और वह खुद दावेदार हैं.''