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हीरानगर के नाई नहीं काटते इनके बाल, 10 किमी दूर जाकर कराते हैं कटिंग - TIKAMGARH UNTOUCHABILITY CASE

टीकमगढ़ में बंशकार समाज ने खोला नाइयों के खिलाफ खोला मोर्चा. देहात थाने जाकर दर्ज कराई शिकायत.

TIKAMGARH UNTOUCHABILITY CASE
हीरानगर के नाई नहीं काटते इनके बाल (Getty Image)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 2, 2025, 9:02 PM IST

टीकमगढ़: आजादी के 77 वर्षों के बाद भी बुंदेलखंड में जात-पात का भेदभाव देखने मिल रहा है. ऐसा आरोप है कि आज भी कई गांवों में निचली जातियों के लोगों के दाढ़ी-बाल गांव के नाई नहीं काटते और बनाते हैं. जिस कारण लोगों को अपने बाल कटवाने व दाढ़ी बनवाने के लिए जिला मुख्यालय जाना पड़ता है. ऐसा ही एक मामला टीकमगढ़ जिले के हीरानगर गांव से सामने आया है. गांव के बंशकार समाज के लोगों ने छुआछूत का आरोप लगाते हुए नाई समाज के खिलाफ थाने में शिकायत की है.

छुआछूत की शिकायत करने थाने पहुंचे लोग

दरअसल, छुआछूत का यह मामला उस समय सामने आया, जब हीरानगर गांव में रहने वाले दलित समाज के कई लोग 29 जनवरी को देहात थाना पहुंचकर गांव के नाई समाज के खिलाफ शिकायत की. बंशकार समाज के लोगों का आरोप है कि "गांव के नाई समाज के लोग उनकी हजामत करने से इंकार कर देते हैं. जिसकी वजह से उनको दाढ़ी और बाल कटवाने के लिए गांव से करीब 10 किलोमीटर दूर टीकमगढ़ जाना पड़ता है."

बंशकार समाज ने खोला नाइयों के खिलाफ खोला मोर्चा (ETV Bharat)

बंशकार समाज की हजामत नहीं करते नाई

ग्रामीण महिला का आरोप है कि "नाई समाज के लोग हमारे बच्चों और घर वालों के दाढ़ी और बाल नहीं काटते हैं, सीधे मना कर देते हैं. हम लोग छुआछूत का दंश सालों से झेल रहे हैं, यह परंपरा पीढ़ियों से चली आई है. हमारे घरों में शादी विवाह हो या फिर किसी की मृत्यु हो जाने के बाद भी मुण्डन तक नहीं करने आते है. मजबूरी में हमारे बच्चों को बाल कटवाने के लिए टीकमगढ़ जिला मुख्यालय जाना पड़ता है."

छुआछूत मिटाने निकाली थी यात्रा

बता दें कि पिछले दिनों बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने जात-पात को खत्म करने के लिए हिंदू एकता यात्रा निकाली थी. इस विशाल पैदल यात्रा में बुंदेलखंड सहित दूर-दराज के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए थे. इसमें धीरेंद्र शास्त्री के साथ नेता लोग भी पैदल चले थे. यह यात्रा छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम से शुरू हुई थी, जिसका समापन ओरछा श्री राम राजा सरकार धाम में हुआ था. यह यात्रा हिंदू समाज में व्याप्त बुराई छुआछूत को खत्म करने के उद्देश्य से निकाली गई थी. इस दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने हिंदुओं को मिलकर और साथ रहने की अपील भी की थी.

सालों से चली आ रही परंपरा

इस मामले में गांव में सैलून चलाने वाले दुकानदार सौरभ सेन का कहना है कि "हमारे पिता-दादाओं ने बंशकार समाज के लोगों के कभी बाल नहीं काटे तो हम कैसे काट दें. हमारे गांव में पुराने समय से प्रथा चली आ रही है, हम अपने गांव में सभी लोगों के बाल काटते हैं, लेकिन बंशकार समाज के बाल नहीं काटते है." वहीं इस पूरे मामले में एसडीओपी राहुल कटरे ने कहा कि "थाना प्रभारी के माध्यम से सूचना मिली थी. मैंने आवेदन मंगाया है. इस पूरे मामले की जांच की जाएगी और मौके पर जाकर लोगों को समझाइश देकर उनकी समस्या निराकरण किया जाएगा."

टीकमगढ़: आजादी के 77 वर्षों के बाद भी बुंदेलखंड में जात-पात का भेदभाव देखने मिल रहा है. ऐसा आरोप है कि आज भी कई गांवों में निचली जातियों के लोगों के दाढ़ी-बाल गांव के नाई नहीं काटते और बनाते हैं. जिस कारण लोगों को अपने बाल कटवाने व दाढ़ी बनवाने के लिए जिला मुख्यालय जाना पड़ता है. ऐसा ही एक मामला टीकमगढ़ जिले के हीरानगर गांव से सामने आया है. गांव के बंशकार समाज के लोगों ने छुआछूत का आरोप लगाते हुए नाई समाज के खिलाफ थाने में शिकायत की है.

छुआछूत की शिकायत करने थाने पहुंचे लोग

दरअसल, छुआछूत का यह मामला उस समय सामने आया, जब हीरानगर गांव में रहने वाले दलित समाज के कई लोग 29 जनवरी को देहात थाना पहुंचकर गांव के नाई समाज के खिलाफ शिकायत की. बंशकार समाज के लोगों का आरोप है कि "गांव के नाई समाज के लोग उनकी हजामत करने से इंकार कर देते हैं. जिसकी वजह से उनको दाढ़ी और बाल कटवाने के लिए गांव से करीब 10 किलोमीटर दूर टीकमगढ़ जाना पड़ता है."

बंशकार समाज ने खोला नाइयों के खिलाफ खोला मोर्चा (ETV Bharat)

बंशकार समाज की हजामत नहीं करते नाई

ग्रामीण महिला का आरोप है कि "नाई समाज के लोग हमारे बच्चों और घर वालों के दाढ़ी और बाल नहीं काटते हैं, सीधे मना कर देते हैं. हम लोग छुआछूत का दंश सालों से झेल रहे हैं, यह परंपरा पीढ़ियों से चली आई है. हमारे घरों में शादी विवाह हो या फिर किसी की मृत्यु हो जाने के बाद भी मुण्डन तक नहीं करने आते है. मजबूरी में हमारे बच्चों को बाल कटवाने के लिए टीकमगढ़ जिला मुख्यालय जाना पड़ता है."

छुआछूत मिटाने निकाली थी यात्रा

बता दें कि पिछले दिनों बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने जात-पात को खत्म करने के लिए हिंदू एकता यात्रा निकाली थी. इस विशाल पैदल यात्रा में बुंदेलखंड सहित दूर-दराज के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए थे. इसमें धीरेंद्र शास्त्री के साथ नेता लोग भी पैदल चले थे. यह यात्रा छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम से शुरू हुई थी, जिसका समापन ओरछा श्री राम राजा सरकार धाम में हुआ था. यह यात्रा हिंदू समाज में व्याप्त बुराई छुआछूत को खत्म करने के उद्देश्य से निकाली गई थी. इस दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने हिंदुओं को मिलकर और साथ रहने की अपील भी की थी.

सालों से चली आ रही परंपरा

इस मामले में गांव में सैलून चलाने वाले दुकानदार सौरभ सेन का कहना है कि "हमारे पिता-दादाओं ने बंशकार समाज के लोगों के कभी बाल नहीं काटे तो हम कैसे काट दें. हमारे गांव में पुराने समय से प्रथा चली आ रही है, हम अपने गांव में सभी लोगों के बाल काटते हैं, लेकिन बंशकार समाज के बाल नहीं काटते है." वहीं इस पूरे मामले में एसडीओपी राहुल कटरे ने कहा कि "थाना प्रभारी के माध्यम से सूचना मिली थी. मैंने आवेदन मंगाया है. इस पूरे मामले की जांच की जाएगी और मौके पर जाकर लोगों को समझाइश देकर उनकी समस्या निराकरण किया जाएगा."

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