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मोहन यादव सरकार को मिला 20000 करोड़ का गिफ्ट, दिवाली की खुशियां हुईं डबल

मोहन यादव सरकार को बड़ा दिवाली गिफ्ट मिला है. भोपाल में हुए माइनिंग कॉन्क्लेव में मध्य प्रदेश में 20 हजार करोड़ का निवेश आया है.

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 3 hours ago

Updated : 2 hours ago

BHOPAL MINING CONCLAVE 2024
मोहन यादव सरकार को मिला 20000 करोड़ का गिफ्ट (Mohan Yadav X Image)

भोपाल: मध्य प्रदेश में हुई माइनिंग कॉन्क्लेव में 20 हजार करोड़ का निवेश आया है. सीएम डॉ मोहन यादव ने कॉन्क्लेव के समापन के मौके पर कहा कि 'हमने मध्य प्रदश का बजट अगले पांच साल में डबल करने का लक्ष्य रखा है. अभी जिस तरह से माइनिंग सेक्टर में दस हजार करोड़ मिल रहे हैं. इसे हम 50 हजार करोड़ तक ले जाएंगे. उन्होंने कहा कि प्रयास होगा कि जो खनन यहां हो तो केवल कच्चे माल के लिए ही नहीं मध्य प्रदेश में उद्योग के साथ हम यहां से पूरा उत्पाद बनाकर देंगे.

सीएम डॉ यादव ने माइनिग विभाग को लेकर मजाकिया लहज में कहा कि माइनिंग बड़ा संकट वाला विभाग है. जिसमें बहुत संभलकर साइन करने पड़ते हैं. उन्होंने मंच पर अधिकारियों के सामने रखे गुलाब के रंग का उदाहरण देकर कहा कि अब इसमें पारदर्शिता भी है और और शुचिता भी. सीएम मोहन यादव ने निवेशकों के सामने ये सवाल भी छोड़ा कि जिस जिले से हीरा निकलता है, उसका नाम पन्ना क्यों है. इसकी कोई वजह तो होगी. उन्होंने कहा कि हीरे के लिए पहचाने जाने वाले एमपी में अब सोने की खदानों के भी संकेत मिल रहे हैं.

मध्य प्रदेश को मिला बड़ा दिवाली गिफ्ट (ETV Bharat)

माइनिंग कॉन्क्लेव में बीस हजार करोड़ के प्रस्ताव आए

भोपाल में दो दिन चले माइनिंग कॉन्क्लेव में बीस हजार करोड़ के प्रस्ताव आए. सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा कि 'मध्य प्रदेश में अकूत खनिज संपदा है. उन्होंने बताया की एमपी माइनिंग की नीलामी में नंबर वन है, लेकिन अब केवल खनन के साथ कच्चे माल की ही बात नहीं हो. खदान से जो कच्चा माल निकले, उससे उत्पाद भी यही तैयार हो. जैसे लाइम स्टोन से सीमेंट यहीं बने. उन्होंने कहा सरकार आपके साथ प्रतिबध्दता के साथ खड़ी है.

MP Got 20 Thousand crore investment
भोपाल माइनिंग कॉन्क्लेव में मोहन यादव (ETV Bharat)

क्यों बोले मोहन माइनिंग संकट वाला विभाग

डॉ मोहन यादव ने कहा कि ये माइनिंग संकट वाला विभाग है. अगर इस विभाग में किसी फाइल पर साइन करो तो बहुत सोच समझकर करना पड़ता है, लेकिन पीएम मोदी की नीतियों की बदौलत अब इस विभाग में पूरी पारदरर्शिता है. उन्होंने मंच पर अफसरों के सामने रखे फूलों के रंगों का उदाहरण देते हुए कहा कि जो अधिकारी बैठे हैं. उनके सामने सफेद रंग के फूल रखे हैं. प्रमुख सचिव के सामने पीले और लाल फूल हैं. मेरे सामने लाल फूल हैं, तो अधिकारियों के सामने जो सफेल फूल हैं. उससे मुझे गाना याद आ रहा है कि पानी रे पानी तेरा रंग कैसा, जिसमें मिला दो लगे उस जैसा. सरकार चलाने वाला व्यक्ति इसी मानसिकता से पारदर्शी तरीके और सहजता से घुलता मिलता है.

हीरे देने वाले जिला का नाम पन्ना क्यों

सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश पर प्रभु की ऐसी कृपा है कि यहां खनिज संपदा भरपूर है. उन्होंने कहा कि सोने की खदानों का भी संकेत मिल रहा है. जहां हीरा मिला है, उस जगह का नाम पन्ना है. मुझे जानकारी नहीं, लेकिन कुछ तो पन्ना के पीछे रहस्य है.

यहां पढ़ें...

सोने के ढेर पर बैठा मध्य प्रदेश, मिला अथाह स्वर्ण भंडार, खानों से मालामाल होगी मोहन सरकार

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एमपी में 1 लाख कैरेट हीरा का उत्पादन

कॉन्क्लेव में बताया गया कि एमपी में पन्ना में एक लाख कैरेट हीरा का उत्पादन होता है. छतरपुर में 32.2 मिलियन कैरेट हीरे का उत्पादन होता है. चूना उत्पादन में देश में 15 फीसदी का योगदान एमपी का है. इसके अलावा अयोध्या मंदिर क रगर्भगृह में जो मार्बल लगा है, वो मध्यप्रदेश का ही है ये जानकारी भी साझा की गई.

भोपाल: मध्य प्रदेश में हुई माइनिंग कॉन्क्लेव में 20 हजार करोड़ का निवेश आया है. सीएम डॉ मोहन यादव ने कॉन्क्लेव के समापन के मौके पर कहा कि 'हमने मध्य प्रदश का बजट अगले पांच साल में डबल करने का लक्ष्य रखा है. अभी जिस तरह से माइनिंग सेक्टर में दस हजार करोड़ मिल रहे हैं. इसे हम 50 हजार करोड़ तक ले जाएंगे. उन्होंने कहा कि प्रयास होगा कि जो खनन यहां हो तो केवल कच्चे माल के लिए ही नहीं मध्य प्रदेश में उद्योग के साथ हम यहां से पूरा उत्पाद बनाकर देंगे.

सीएम डॉ यादव ने माइनिग विभाग को लेकर मजाकिया लहज में कहा कि माइनिंग बड़ा संकट वाला विभाग है. जिसमें बहुत संभलकर साइन करने पड़ते हैं. उन्होंने मंच पर अधिकारियों के सामने रखे गुलाब के रंग का उदाहरण देकर कहा कि अब इसमें पारदर्शिता भी है और और शुचिता भी. सीएम मोहन यादव ने निवेशकों के सामने ये सवाल भी छोड़ा कि जिस जिले से हीरा निकलता है, उसका नाम पन्ना क्यों है. इसकी कोई वजह तो होगी. उन्होंने कहा कि हीरे के लिए पहचाने जाने वाले एमपी में अब सोने की खदानों के भी संकेत मिल रहे हैं.

मध्य प्रदेश को मिला बड़ा दिवाली गिफ्ट (ETV Bharat)

माइनिंग कॉन्क्लेव में बीस हजार करोड़ के प्रस्ताव आए

भोपाल में दो दिन चले माइनिंग कॉन्क्लेव में बीस हजार करोड़ के प्रस्ताव आए. सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा कि 'मध्य प्रदेश में अकूत खनिज संपदा है. उन्होंने बताया की एमपी माइनिंग की नीलामी में नंबर वन है, लेकिन अब केवल खनन के साथ कच्चे माल की ही बात नहीं हो. खदान से जो कच्चा माल निकले, उससे उत्पाद भी यही तैयार हो. जैसे लाइम स्टोन से सीमेंट यहीं बने. उन्होंने कहा सरकार आपके साथ प्रतिबध्दता के साथ खड़ी है.

MP Got 20 Thousand crore investment
भोपाल माइनिंग कॉन्क्लेव में मोहन यादव (ETV Bharat)

क्यों बोले मोहन माइनिंग संकट वाला विभाग

डॉ मोहन यादव ने कहा कि ये माइनिंग संकट वाला विभाग है. अगर इस विभाग में किसी फाइल पर साइन करो तो बहुत सोच समझकर करना पड़ता है, लेकिन पीएम मोदी की नीतियों की बदौलत अब इस विभाग में पूरी पारदरर्शिता है. उन्होंने मंच पर अफसरों के सामने रखे फूलों के रंगों का उदाहरण देते हुए कहा कि जो अधिकारी बैठे हैं. उनके सामने सफेद रंग के फूल रखे हैं. प्रमुख सचिव के सामने पीले और लाल फूल हैं. मेरे सामने लाल फूल हैं, तो अधिकारियों के सामने जो सफेल फूल हैं. उससे मुझे गाना याद आ रहा है कि पानी रे पानी तेरा रंग कैसा, जिसमें मिला दो लगे उस जैसा. सरकार चलाने वाला व्यक्ति इसी मानसिकता से पारदर्शी तरीके और सहजता से घुलता मिलता है.

हीरे देने वाले जिला का नाम पन्ना क्यों

सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश पर प्रभु की ऐसी कृपा है कि यहां खनिज संपदा भरपूर है. उन्होंने कहा कि सोने की खदानों का भी संकेत मिल रहा है. जहां हीरा मिला है, उस जगह का नाम पन्ना है. मुझे जानकारी नहीं, लेकिन कुछ तो पन्ना के पीछे रहस्य है.

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एमपी में 1 लाख कैरेट हीरा का उत्पादन

कॉन्क्लेव में बताया गया कि एमपी में पन्ना में एक लाख कैरेट हीरा का उत्पादन होता है. छतरपुर में 32.2 मिलियन कैरेट हीरे का उत्पादन होता है. चूना उत्पादन में देश में 15 फीसदी का योगदान एमपी का है. इसके अलावा अयोध्या मंदिर क रगर्भगृह में जो मार्बल लगा है, वो मध्यप्रदेश का ही है ये जानकारी भी साझा की गई.

Last Updated : 2 hours ago
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