Tree Cutting Rules : स्वच्छ वातावरण ठंडी हवा और छांव के लिए पेड़ बहुत जरूरी होते हैं, ये बात हम बचपन से सुनते आए हैं. लेकिन आधुनिकता की दौड़ और दिखावटी सुंदरता के लिए अब बेझिझक इन पेड़ों को काट दिया जाता है. लगातार सिमटते जंगलों से पर्यावरण को हो रहे नुकसान की वजह से सरकारें भी पौधारोपण जैसे अभियान चला रही है लेकिन क्या आप जानते हैं की अगर आपके घर के बाहर कोई पेड़ लगा है तो आप उसे काट नहीं सकते? कम से कम बिना परमिशन तो बिल्कुल भी नहीं. और अगर फिर भी आप पेड़ काटते हैं तो आपको ये कदम आपको बहुत भारी पड़ सकता है.
पेड़ काटने पर दर्ज हो सकता है मामला
भारत में आम लोगों के साथ ही पेड़ पौधों को लेकर भी कानून बने हैं और अगर कोई व्यक्ति बिना अनुमति पेड़ काटता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है. देश में बिना इजाजत पेड़ काटना गैरकानूनी है और इसके लिए भारतीय वन कानून 1927 के खंड 78 के तहत पर्यावरण न्यायालय में केस दर्ज किया जा सकता है.
अनुमति के साथ भरनी होगी इतनी फीस
डीएफओ स्वरूप दीक्षित कहते हैं, '' भारत में अगर कोई भी व्यक्ति किसी पेड़ को काटने की इच्छा रखता है फिर भले ही वह उसके घर के सामने या बाहर ही क्यों न हो इसकी अनुमति लेना अनिवार्य है. ये अनुमति वन विभाग, नगर पंचायत या नगरीय निकाय द्वारा लिखित में ली जाती है और इसके लिए आवेदनकर्ता को ना सिर्फ पेड़ काटने की वजह और अपनी जानकारी देनी होती है बल्कि साथ ही 34500 रु का चालान भी जमा कराना पड़ता है.''
60 हजार तक के जुर्माने का प्रावधान
इस सबके बावजूद अगर कोई बिना अनुमति लिए किसी पेड़ को काटता पाया जाता है तो उसके लिए दंडात्मक कार्रवाई का भी प्रावधान है. पेड़ की सिर्फ छटाई करने पर ही 20 हजार की पेनल्टी देनी पड़ सकती है. वहीं बिना परमिशन लिए पूरा पेड़ काटा तो जुर्माना 60 हजार रु तक भरना पड़ सकता है. तो अगर आप भी किसी पेड़ को हटाने की सोच रहे हैं तो पहले रुपयों का इंतजाम करलें क्योंकि इजाजत लेकर पेड़ काटेंगे तो फीस भरनी पड़ेगी और बिना इजाजत पेड़ काटा तो जुर्माना.