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MP Police का 'बजरंगी भाईजान', भटक रहे मूक-बधिर युवक को परिवार से मिलाया - कांस्टेबल कैलाश नायक

सीवान जिले से 10 साल पहले लापता हुआ मूक-बधिर युवक एक कांस्टेबल के प्रयासों से अपने परिवार के पास पहुंच गया. युवक के घरवालों ने कांस्टेबल को 'बजरंगी भाईजान' का नाम दिया.

deaf with family
परिवार के साथ मुक बधिर युवक
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Published : Jun 20, 2021, 1:48 PM IST

राजगढ़। मध्य प्रदेश के राजगढ़ में 'बजरंगी भाईजान' फिल्म की तरह एक रीयल मामला सामने आया है. यहां अपने परिवार से दूर एक मुक बधिर युवक को कांस्टेबल ने 8 महीने बाद उसके परिवार से मिलाया. युवक के माता-पिता ने जब 10 साल बाद अपने बेटे को देखा तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. अब पूरे इलाके में बजरंगी भाईजान कांस्टेबल की चर्चा हो रही है.

constable reunites the deaf with the family
10 सालों बाद परिवार से मिला मुक बधिर युवक

मूक-बधिर अवधेश 10 साल पहले अपने परिवार से बिछड़ गया था. वह इधर-उधर सड़कों पर भटकते हुए किसी तरह अपना जीवन यापन कर रहा था. आठ महीने पहले अवधेश राजगढ़ जिले के ब्यावरा में पहुंच गया और उसके बाद यह कहानी पूरी तरह बजरंगी भाईजान फिल्म में तब्दील हो गई.

बिहार का निकाल मुक बधिर युवक

मध्य प्रदेश के ब्यावरा सिटी पुलिस थाने के कांस्टेबल कैलाश नायक आठ महीने पहले पीपल चौराहे पर ड्यूटी कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने एक मूक-बधिर युवक को देखा जो अकेले भूखा-प्यासा बैठा हुआ था. कैलाश नायक युवक को लेकर थाने पर आए, लेकिन वह अपना कुछ अता-पता नहीं बता सका. कैलाश, युवक को अपने घर ले गए और परिवार को पूरा मामला बताया. युवक बुधवार के दिन उनके घर पहुंचा था. इसलिए कांस्टेबल की पत्नी ने उसका नाम गजानंद रख दिया और उसे अपने परिवार का हिस्सा मानकर उसकी देखभाल करने लगी. आखिरकार, 8 महीने की कड़ी मेहनत के बाद कांस्टेबल को बिहार के सीवान की पुलिस से पता चला कि एक मूक बधिर युवक गायब है, जिसके बाद कांस्टेबल ने 'गजानंद' का फोटो बिहार भिजवाया. फोटो देखते ही उसके माता-पिता ने उसे पहचान लिया, जिसके बाद युवक को उसके परिवार से मिलवाया गया.

constable reunites the deaf with the family
10 सालों बाद परिवार से मिला मुक बधिर युवक

Rajgarh News :बैंड-बाजे बजाकर और पीले चावल देकर की vaccine लगवाने की अपील

10 सालों बाद परिवार से मिला मुक बधिर युवक

युवक के परिजनों ने बताया कि वह पिछले 10 सालों से युवक की तलाश कर रहे थे. थक हारकर फिर उन्होंने पुलिस को सूचित किया था. वहीं, परिजनों ने युवक को देखते ही उसे गले लगा लिया. परिजनों ने कांस्टेबल को धन्यवाद किया है.

राजगढ़। मध्य प्रदेश के राजगढ़ में 'बजरंगी भाईजान' फिल्म की तरह एक रीयल मामला सामने आया है. यहां अपने परिवार से दूर एक मुक बधिर युवक को कांस्टेबल ने 8 महीने बाद उसके परिवार से मिलाया. युवक के माता-पिता ने जब 10 साल बाद अपने बेटे को देखा तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. अब पूरे इलाके में बजरंगी भाईजान कांस्टेबल की चर्चा हो रही है.

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10 सालों बाद परिवार से मिला मुक बधिर युवक

मूक-बधिर अवधेश 10 साल पहले अपने परिवार से बिछड़ गया था. वह इधर-उधर सड़कों पर भटकते हुए किसी तरह अपना जीवन यापन कर रहा था. आठ महीने पहले अवधेश राजगढ़ जिले के ब्यावरा में पहुंच गया और उसके बाद यह कहानी पूरी तरह बजरंगी भाईजान फिल्म में तब्दील हो गई.

बिहार का निकाल मुक बधिर युवक

मध्य प्रदेश के ब्यावरा सिटी पुलिस थाने के कांस्टेबल कैलाश नायक आठ महीने पहले पीपल चौराहे पर ड्यूटी कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने एक मूक-बधिर युवक को देखा जो अकेले भूखा-प्यासा बैठा हुआ था. कैलाश नायक युवक को लेकर थाने पर आए, लेकिन वह अपना कुछ अता-पता नहीं बता सका. कैलाश, युवक को अपने घर ले गए और परिवार को पूरा मामला बताया. युवक बुधवार के दिन उनके घर पहुंचा था. इसलिए कांस्टेबल की पत्नी ने उसका नाम गजानंद रख दिया और उसे अपने परिवार का हिस्सा मानकर उसकी देखभाल करने लगी. आखिरकार, 8 महीने की कड़ी मेहनत के बाद कांस्टेबल को बिहार के सीवान की पुलिस से पता चला कि एक मूक बधिर युवक गायब है, जिसके बाद कांस्टेबल ने 'गजानंद' का फोटो बिहार भिजवाया. फोटो देखते ही उसके माता-पिता ने उसे पहचान लिया, जिसके बाद युवक को उसके परिवार से मिलवाया गया.

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10 सालों बाद परिवार से मिला मुक बधिर युवक

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10 सालों बाद परिवार से मिला मुक बधिर युवक

युवक के परिजनों ने बताया कि वह पिछले 10 सालों से युवक की तलाश कर रहे थे. थक हारकर फिर उन्होंने पुलिस को सूचित किया था. वहीं, परिजनों ने युवक को देखते ही उसे गले लगा लिया. परिजनों ने कांस्टेबल को धन्यवाद किया है.

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