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BSP प्रत्याशी निशा त्रिपाठी ने नामांकन लिया वापस, कांग्रेस पर लगा दबाव बनाने का आरोप

राजगढ़ संसदीय सीट से बीएसपी प्रत्याशी निशा त्रिपाठी ने अपना नामांकन वापस ले लिया है. इससे पार्टी कार्यकर्ताओं में निराशा का माहौल है.

बीएसपी प्रत्याशी निशा त्रिपाठी
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Published : Apr 27, 2019, 7:52 AM IST

राजगढ़। राजगढ़ संसदीय सीट से बहुजन समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी निशा त्रिपाठी ने अपना नामांकन वापस ले लिया है. वहीं बसपा के पूर्व जिला प्रभारी इंदर सिंह ने कांग्रेस पर दबाव बनाने का आरोप लगाया. बता दें कि निशा त्रिपाठी वैसे तो गुना की रहने वाली हैं, लेकिन उन्होंने यहां के कार्यकर्ताओं की मदद से राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र में अपना दबदबा बनाने की कोशिश की थी और 23 अप्रैल को अपना नामांकन जमा किया था. वहीं अब उन्होंने अपना नामांकन वापस लिया है.

बीएसपी प्रत्याशी ने नामांकन वापस लिया


माना जा रहा है कि किसी राजनीतिक पार्टी के दबाव के कारण ऐसा किया गया है, क्योंकि इसमें पार्टियों को आपस में नुकसान हो रहा था. इस बारे में बीएसपी के पूर्व जिला प्रभारी इंदर सिंह वर्मा ने कांग्रेस के ऊपरी स्तर के नेताओं पर साजिश का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि अगर जिले के पदाधिकारियों की मिलीभगत नहीं होती तो निशा त्रिपाठी अपना नामांकन कभी वापस नहीं लेती. साथ ही उन्होंने कांग्रेस द्वारा पैसों की लेन-देन की भी बात कही है.इंदर सिंह ने कहा कि नामांकन वापसी से जनता और बसपा के कार्यकर्ताओं में एक निराशा है.

राजगढ़। राजगढ़ संसदीय सीट से बहुजन समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी निशा त्रिपाठी ने अपना नामांकन वापस ले लिया है. वहीं बसपा के पूर्व जिला प्रभारी इंदर सिंह ने कांग्रेस पर दबाव बनाने का आरोप लगाया. बता दें कि निशा त्रिपाठी वैसे तो गुना की रहने वाली हैं, लेकिन उन्होंने यहां के कार्यकर्ताओं की मदद से राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र में अपना दबदबा बनाने की कोशिश की थी और 23 अप्रैल को अपना नामांकन जमा किया था. वहीं अब उन्होंने अपना नामांकन वापस लिया है.

बीएसपी प्रत्याशी ने नामांकन वापस लिया


माना जा रहा है कि किसी राजनीतिक पार्टी के दबाव के कारण ऐसा किया गया है, क्योंकि इसमें पार्टियों को आपस में नुकसान हो रहा था. इस बारे में बीएसपी के पूर्व जिला प्रभारी इंदर सिंह वर्मा ने कांग्रेस के ऊपरी स्तर के नेताओं पर साजिश का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि अगर जिले के पदाधिकारियों की मिलीभगत नहीं होती तो निशा त्रिपाठी अपना नामांकन कभी वापस नहीं लेती. साथ ही उन्होंने कांग्रेस द्वारा पैसों की लेन-देन की भी बात कही है.इंदर सिंह ने कहा कि नामांकन वापसी से जनता और बसपा के कार्यकर्ताओं में एक निराशा है.

Intro:राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र के राजनीतिक गलियारों में उस समय हलचल मच गई जब एक राष्ट्रीय पार्टी के उम्मीदवार ने अपना नामांकन वापस ले लिया, वहीं लोगों के बीच यह एक चर्चा का विषय बन गया, और लोगों के बीच में अनेक तरह की चर्चाएं चलने लगी वहीं कुछ लोग कह रहे थे कि यह सब कांग्रेस ने किया है क्योंकि बीएसपी अधिकतम वोट कांग्रेस के ही अपनी ओर खींचती है। राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र से बीएसपी के उम्मीदवार निशा त्रिपाठी वैसे तो गुना की रहने वाली है परंतु उन्होंने यहां के कार्यकर्ताओं की मदद लेते हुए राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र में अपना दबदबा बनाने की कोशिश की थी और उन्होंने यहां पर एक दमदार शुरुआत करते हुए लाव लश्कर के साथ अपना नामांकन दाखिल करने 23 तारीख को निर्वाचन अधिकारी के यहां पहुंची थी ।


Body:वहीं आज जब उन्होंने नामांकन वापस लिया तो राजगढ़ जिले के राजनीतिक गलियारे में यह बातें शुरू हो गए कि हो ना हो या नामांकन किसी राजनीतिक दबाव या फिर किसी भ्रष्टाचार के अंतर्गत किया गया है क्योंकि इसमें पार्टियों को आपस में नुकसान हो रहा था ,जिसके कारण उम्मीदवार द्वारा अपना नामांकन वापस लिया गया है वहीं ऐसी घटनाएं चुनाव में अधिकतर देखने को मिलती है कि किसी निर्दलीय उम्मीदवार को पार्टी अपने लाभ के लिए उम्मीदवारी खत्म करवा देती है परंतु एक राष्ट्रीय पार्टी के उम्मीदवार द्वारा ऐसा करना ,किसी भी राजनीतिक को समझ नहीं आ रहा था और शंका हो रही थी कि इसमें हो ना हो किसी बड़ी पार्टी का हाथ जरूर है ,

वहीं इस बारे में बीएसपी के पूर्व जिला प्रभारी इंदर सिंह वर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यहां कांग्रेस की ऊपरी स्तर के नेताओं की साजिश है और मेरे जिले के पदाधिकारियों की मिलीभगत से यह भ्रष्टाचार रचा गया है यह नामांकन वापसी कभी नहीं होती अगर वहां पर जिले के पदाधिकारी मौजूद होते तो, वहीं उन्होंने कहा कि इसमें यकीनन पैसों की लेनदेन हुई है क्योंकि बसपा के साथ जनता का और अनुसूचित जनजाति का बहुत ज्यादा बहुमत था और वह लोग बसपा में ही वोट करते वह मूलतः कांग्रेस के वोटर होते हैं परंतु बसपा के उम्मीदवार होने के वजह से वह बसपा के पक्ष में अपना वोट करते ,इसलिए यह नामांकन वापसी बहुत सोची-समझी साजिश है।


Conclusion:वहीं उन्होंने कहा कि इस नामांकन वापसी से जनता और बसपा के कार्यकर्ताओं में एक निराशा छाई है और मैंने भी जब या नामांकन वापसी की बात सुनी तो मेरे होश उड़ गए और मैं आश्चर्यचकित रह गया कि कैसे एक राष्ट्रीय पार्टी की उम्मीदवार अपना नाम वापस ले सकती है।

विसुअल
निशा त्रिपाठी के

बाइट
इन्दर सिंह वर्मा
पूर्व जिला प्रभारी बसपा
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