राजगढ़। जिले की एक महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नियुक्ति के लिए इस ऑफिस से उस ऑफिस तक भटक रही है. अपर कलेक्टर कार्यालय से आदेश जारी होने के बावजूद उसे नियुक्ति नहीं मिल रही है. महिला पिछले 2 सालों से कलेक्टर ऑफिस के चक्कर काट रही है, लेकिन हर बार उसे नियमों का हवाला देखकर वापस लौटा दिया जाता है.
सारंगपुर तहसील के सुस्याहेड़ी गांव में रहने वाली संजू वर्मा ने बताया कि दो साल पहले उसने अपर कलेक्टर न्यायालय में केस दर्ज कराया था. जिसमें उसने खुद को नियुक्ति के लिए योग्य बताया था. मामले की सुनवाई करते हुये एडीएम कोर्ट ने उसकी नियुक्ति का आदेश भी जारी कर दिया था, लेकिन महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी ने भर्ती में एक साल से अधिक समय होने पर नियमों का हवाला देकर नियुक्ति देने से मना कर दिया.
इसके बाद अपर कलेक्टर ऑफिस से बीती 26 मई को एक आदेश जारी हुआ, जिसमें कहा गया कि न्यायालय में चले प्रकरण का समय सीमन नहीं रहता, संजू वर्मा को तुरंत नियुक्ति दी जाए. इसके बावजूद महिला को नियुक्ति नहीं मिल रही है. जिला कार्यक्रम अधिकारी चंद्रसेना भिड़े के मुताबिक उनके पास नियुक्ति की जो लिस्ट होती है, उसकी मान्यता एक साल तक ही होती है. उन्होंने बताया कि आदेश का जवाब उन्होंने अपर कलेक्टर के ऑफिस भेज दिया है.
जिला कार्यक्रम अधिकारी चंद्रसेना भिड़े ने कहा कि वह इस मामले की जांच कराएंगी, विकासखंड स्तर की सूचियों को देखा जाएगा. उन्होंने कहा कि कलेक्टर न्यायालय के नियम के तहत 1 साल से अधिक समय हो जाने का कारण बताते हुए एक लिखित पत्र अपने पक्ष में रखेंगे कि हम महिला को नियुक्ति नहीं दे पाएंगे.