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दो बार आदेश जारी होने के बावजूद नियुक्ति के लिए भटक रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता - Order issued

एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का नियुक्ति आदेश जारी होने के बाद भी उसे ज्वॉइनिंग नहीं मिल रही है. संजू वर्मा नाम की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नियुक्ति के लिए इस ऑफिस से उस ऑफिस तक भटक रही है.

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Published : Jul 11, 2019, 10:22 AM IST

राजगढ़। जिले की एक महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नियुक्ति के लिए इस ऑफिस से उस ऑफिस तक भटक रही है. अपर कलेक्टर कार्यालय से आदेश जारी होने के बावजूद उसे नियुक्ति नहीं मिल रही है. महिला पिछले 2 सालों से कलेक्टर ऑफिस के चक्कर काट रही है, लेकिन हर बार उसे नियमों का हवाला देखकर वापस लौटा दिया जाता है.

आदेश जारी होने के बावजूद नियुक्ति के लिए भटक रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता


सारंगपुर तहसील के सुस्याहेड़ी गांव में रहने वाली संजू वर्मा ने बताया कि दो साल पहले उसने अपर कलेक्टर न्यायालय में केस दर्ज कराया था. जिसमें उसने खुद को नियुक्ति के लिए योग्य बताया था. मामले की सुनवाई करते हुये एडीएम कोर्ट ने उसकी नियुक्ति का आदेश भी जारी कर दिया था, लेकिन महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी ने भर्ती में एक साल से अधिक समय होने पर नियमों का हवाला देकर नियुक्ति देने से मना कर दिया.


इसके बाद अपर कलेक्टर ऑफिस से बीती 26 मई को एक आदेश जारी हुआ, जिसमें कहा गया कि न्यायालय में चले प्रकरण का समय सीमन नहीं रहता, संजू वर्मा को तुरंत नियुक्ति दी जाए. इसके बावजूद महिला को नियुक्ति नहीं मिल रही है. जिला कार्यक्रम अधिकारी चंद्रसेना भिड़े के मुताबिक उनके पास नियुक्ति की जो लिस्ट होती है, उसकी मान्यता एक साल तक ही होती है. उन्होंने बताया कि आदेश का जवाब उन्होंने अपर कलेक्टर के ऑफिस भेज दिया है.

जिला कार्यक्रम अधिकारी चंद्रसेना भिड़े ने कहा कि वह इस मामले की जांच कराएंगी, विकासखंड स्तर की सूचियों को देखा जाएगा. उन्होंने कहा कि कलेक्टर न्यायालय के नियम के तहत 1 साल से अधिक समय हो जाने का कारण बताते हुए एक लिखित पत्र अपने पक्ष में रखेंगे कि हम महिला को नियुक्ति नहीं दे पाएंगे.

राजगढ़। जिले की एक महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नियुक्ति के लिए इस ऑफिस से उस ऑफिस तक भटक रही है. अपर कलेक्टर कार्यालय से आदेश जारी होने के बावजूद उसे नियुक्ति नहीं मिल रही है. महिला पिछले 2 सालों से कलेक्टर ऑफिस के चक्कर काट रही है, लेकिन हर बार उसे नियमों का हवाला देखकर वापस लौटा दिया जाता है.

आदेश जारी होने के बावजूद नियुक्ति के लिए भटक रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता


सारंगपुर तहसील के सुस्याहेड़ी गांव में रहने वाली संजू वर्मा ने बताया कि दो साल पहले उसने अपर कलेक्टर न्यायालय में केस दर्ज कराया था. जिसमें उसने खुद को नियुक्ति के लिए योग्य बताया था. मामले की सुनवाई करते हुये एडीएम कोर्ट ने उसकी नियुक्ति का आदेश भी जारी कर दिया था, लेकिन महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी ने भर्ती में एक साल से अधिक समय होने पर नियमों का हवाला देकर नियुक्ति देने से मना कर दिया.


इसके बाद अपर कलेक्टर ऑफिस से बीती 26 मई को एक आदेश जारी हुआ, जिसमें कहा गया कि न्यायालय में चले प्रकरण का समय सीमन नहीं रहता, संजू वर्मा को तुरंत नियुक्ति दी जाए. इसके बावजूद महिला को नियुक्ति नहीं मिल रही है. जिला कार्यक्रम अधिकारी चंद्रसेना भिड़े के मुताबिक उनके पास नियुक्ति की जो लिस्ट होती है, उसकी मान्यता एक साल तक ही होती है. उन्होंने बताया कि आदेश का जवाब उन्होंने अपर कलेक्टर के ऑफिस भेज दिया है.

जिला कार्यक्रम अधिकारी चंद्रसेना भिड़े ने कहा कि वह इस मामले की जांच कराएंगी, विकासखंड स्तर की सूचियों को देखा जाएगा. उन्होंने कहा कि कलेक्टर न्यायालय के नियम के तहत 1 साल से अधिक समय हो जाने का कारण बताते हुए एक लिखित पत्र अपने पक्ष में रखेंगे कि हम महिला को नियुक्ति नहीं दे पाएंगे.

Intro:आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की नौकरी के लिए 2 साल से लगातार भटक रही है महिला , अपर कलेक्टर कार्यालय द्वारा जारी किए गए आदेश के बावजूद नहीं मिल रही महिला को नौकरी, नौकरी के लिए रखती है पूर्ण योग्यता, वहीं महिला बाल विकास अधिकारी का कहना नियम दे रहे हैं अड़चन।


Body:मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में एक महिला जिला कलेक्टर कार्यालय के 2 साल से लगातार चक्कर काट रही है महिला आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के लिए अपर कलेक्टर द्वारा आदेश जारी होने के बावजूद नौकरी नहीं मिल पा रही है। सारंगपुर तहसील के अंतर्गत आने वाले गांव सुस्याहेड़ी का मामला।

वही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के लिए आवेदन करने वाली संजू वर्मा ने बताया कि वह लगातार 2 साल से कलेक्टर कार्यालय के चक्कर काट रही है और उसने 2 वर्ष पूर्व अपर कलेक्टर न्यायालय में एक याचिका दायर की थी, जिसमें उसने खुद को योग्य बताया था और आंगनबाड़ी मैं हुई नियुक्ति को लेकर अपर कलेक्टर न्यायालय में केस दर्ज किया था, जिसकी सुनवाई करते हुए अपर कलेक्टर न्यायालय ने मुझे नियुक्ति देने का आदेश जारी किया था, परंतु महिला बाल विकास के अंतर्गत जिला कार्यक्रम अधिकारी ने भर्ती में 1 साल अधिक हो जाने के कारण नियुक्ति देने से इनकार कर दिया था, परंतु अपर कलेक्टर ऑफिस द्वारा 26/06/2019 को फिर से आदेश जारी किया गया और उसमें कहा गया कि न्यायालय में चले प्रकरण का समय सीमन नही रहता है और संजू वर्मा को तुरंत नियुक्ति दी जाए, परंतु आज दिनांक तक मुझे नियुक्ति नहीं मिली है।


Conclusion:वहीं जिला कार्यक्रम अधिकारी चंद्रसेना भिड़े ने बताया कि हमारे यहां पर खंड स्तरीय बैठक की जो लिस्ट होती है वह 1 वर्ष तक ही बेली धोती है जो कि यह मामला 2015 का है जो खंड स्तरीय बैठक की जो लिस्ट थी उसको 5 वर्ष पूरे होने को आए हैं जो कि वह लिस्ट एक साल बाद ही खत्म हो गई थी इसीलिए मेरिट को आगे बढ़ाना मुमकिन नहीं था, वहीं अपर कलेक्टर न्यायालय द्वारा महिला की नियुक्ति को लेकर एक का आदेश मिला था जिसमें लिखा था कि आपने इस आदेश का पालन नहीं किया है वहीं हमने हमारा जवाब लिखित में देते हुए कहा था कि इस मेरिट सूची को 1 साल से अधिक हो चुका है, इसलिए हम उसको आगे नहीं बढ़ा सकते तो हमको अपर कलेक्टर के ऑफिस द्वारा एक लेटर दिया गया था, जिसमें कहा गया था कि आप न्यायालय में चलने वाले समय और अन्य प्रक्रियाओं के समय को हटाकर 1 वर्ष ही हुआ है, तो आज उस आदेश को देखते हुए हमारे द्वारा एक आदेश जारी किया गया है, जिसमें सीडीपीओ को कहा गया है कि वह देखें कि अगर संपूर्ण प्रक्रिया में खर्च हुआ समय निकाल दिया जाए तो क्या नियुक्ति के लिए 1 वर्ष से कम समय बच रहा है और अगर 1 वर्ष से कम समय बचता है तो हम महिला को मेरिट सूची में आगे बढ़ा देंगे, परंतु वहीं अगर मेरिट सूची को तैयार हुए सब समय निकालने के बाद 1 वर्ष से अधिक हुआ होगा तो हम अपर कलेक्टर न्यायालय में नियम के तहत 1 वर्ष से अधिक हो जाने का कारण बताते हुए एक लिखित पत्र अपने पक्ष में रखेंगे कि हम महिला को नियुक्ति नहीं दे पाएंगे। वहीं अगर हम नियमों का पालन नहीं करते हैं तो फिर हम पर मेरिट सूची में तीसरे स्थान पर आने वाली महिला भी केस कर सकती है इसलिए हम अब तक महिला को नियुक्ति नहीं दे पाए हैं।

विसुअल

26-06-2019 आदेश

बाइट
संजू वर्मा पीड़ित महिला

चंद्रसेना भिड़े जिला कार्यक्रम अधिकारी
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