ETV Bharat / state

रायसेन: रातापानी के जंगल में एक साल में तीसरी बार हुआ बाघ का शिकार, वन विभाग की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल

जंगल कटाई और शिकार की चर्चा में रहने वाले रातापानी अभयारण्य रेंज में एक बार फिर बाघ का शिकार हुआ है. शिकारियों ने पिछले 1 साल में तीसरी बार बाघ का शिकार किया है.

बाघ का शिकार
author img

By

Published : Apr 10, 2019, 5:26 PM IST

रायसेन| जंगल कटाई और शिकार की चर्चा में रहने वाले रातापानी अभयारण्य रेंज में एक बार फिर बाघ का शिकार हुआ है. शिकारियों ने पिछले 1 साल में तीसरी बार बाघ का शिकार किया है. इसके बाद वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं.

बाघ का शिकार

वन मंडल अब्दुल्लागंज रातापानी अभयारण्य बिनेका रेंज जो कभी जंगल कटाई के चलते चर्चा में रहता है तो कभी शिकार के मामले में. बिनेका रेंज बीट बगासपुर के सामने शिकारी बाघ के चारों पैर, एक कान, पूछ, और मूंछें काट कर ले गए. बाघ का शव 4 से 5 दिन पुराना बताया जा रहा है. अब सवाल ये उठता है जब नाकेदार और डिप्टी रेंजर अपनी ड्यूटी पर हैं, तो फिर शिकार कैसे हुआ और 5 दिन तक बाघ का शव पड़ा रहा. वहीं इस अभ्यारण में बिना अनुमति के कोई जा नहीं सकता कुछ समय पहले रेंजर द्वारा मीडिया को कवरेज की अनुमति नहीं दी गई थी, तो फिर शिकारियों ने अंदर घुसकर बाघ को कैसे मारा. कहीं ना कहीं रेंजर नाकेदार की मिलीभगत से वनों की कटाई और बाघ का शिकार होता है.

जब एसडीओ रातापानी अधीक्षक से बात करना चाहा तो उन्होंने साफ तौर पर मीडिया से बात करने से मना कर दिया और कहा यह सब तो चलता रहता है. वरिष्ठ अधिकारियों ने भोपाल से टीम बुलाई है. इसके बाद शव का पोस्टमार्टम हुआ.

रायसेन| जंगल कटाई और शिकार की चर्चा में रहने वाले रातापानी अभयारण्य रेंज में एक बार फिर बाघ का शिकार हुआ है. शिकारियों ने पिछले 1 साल में तीसरी बार बाघ का शिकार किया है. इसके बाद वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं.

बाघ का शिकार

वन मंडल अब्दुल्लागंज रातापानी अभयारण्य बिनेका रेंज जो कभी जंगल कटाई के चलते चर्चा में रहता है तो कभी शिकार के मामले में. बिनेका रेंज बीट बगासपुर के सामने शिकारी बाघ के चारों पैर, एक कान, पूछ, और मूंछें काट कर ले गए. बाघ का शव 4 से 5 दिन पुराना बताया जा रहा है. अब सवाल ये उठता है जब नाकेदार और डिप्टी रेंजर अपनी ड्यूटी पर हैं, तो फिर शिकार कैसे हुआ और 5 दिन तक बाघ का शव पड़ा रहा. वहीं इस अभ्यारण में बिना अनुमति के कोई जा नहीं सकता कुछ समय पहले रेंजर द्वारा मीडिया को कवरेज की अनुमति नहीं दी गई थी, तो फिर शिकारियों ने अंदर घुसकर बाघ को कैसे मारा. कहीं ना कहीं रेंजर नाकेदार की मिलीभगत से वनों की कटाई और बाघ का शिकार होता है.

जब एसडीओ रातापानी अधीक्षक से बात करना चाहा तो उन्होंने साफ तौर पर मीडिया से बात करने से मना कर दिया और कहा यह सब तो चलता रहता है. वरिष्ठ अधिकारियों ने भोपाल से टीम बुलाई है. इसके बाद शव का पोस्टमार्टम हुआ.

Intro:हमेशा जंगल कटाई और शिकार की चर्चा में रहने वाला रातापानी अभयारण्य बिनेका रेंज में एक बार फिर शेर का शिकार हुआ है और शिकारियों ने पिछले 1 साल में तीसरी बार शेर का शिकार किया है इससे वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग गए हैं


Body:रायसेन बन मंडल अब्दुल्लागंज रातापानी अभयारण्य बिनेका रेंज जो कभी जंगल कटाई में चर्चित रहता है तो कभी शिकार के मामले में एक बार फिर चर्चा में है आपको बता दें कि जहां बिनेका रेंज बीट बगासपुर के सामने एक बार फिर शिकार हुआजहां शिकारियों द्वारा शेर के चारों पैर, एक कान, पूछ, और मूंछें काट कर ले गए। शेर का शव 4 से 5 दिन पुराना बताया जा रहा है अब सवाल यह खड़ा होता है जंगल में बाग 5 दिन से सड़ रहा था वन विभाग के रेंजर और बन रक्षक को पता नहीं चला और पता भी कैसे चलेगा क्योंकि नाकेदार और अधिकारियों की कार्यप्रणाली हमेशा संदेहास्पद रहती है और कर्मचारी और अधिकारी अपनी बीट में रहते नहीं है इसी कारण शिकारी और लकड़ी चोर बेखौफ शिकार करते हैं और जंगल की कटाई करते हैं कहीं ना कहीं नाकेदार और अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होते हैं नाकेदार जिस तरह अपनी बीट से नदारद रहते हैं इसी कारण शिकारियों की काल रात के समय अभ्यारण में घूमती हैं अब सवाल यह भी उठता है जब नाकेदार और डिप्टी रेंजर अपनी ड्यूटी पर है तो फिर शिकार कैसे हुआ और 5 दिन तक बाघ का शव पड़ा रहा उस समय नाकेदार और डिप्टी रेंजर कहां थे वहीं इस अभ्यारण में बिना अनुमति के कोई जा नहीं सकता कुछ समय पहले रेंजर द्वारा मीडिया को कवरेज की अनुमति नहीं दी थी तो फिर शिकारियों ने अंदर घुसकर शेर का शिकार कैसे किया। कहीं ना कहीं रेंजर नाकेदार की मिलीभगत से बनो की कटाई और बाघ का शिकार होता है जब मीडिया द्वारा एसडीओ रातापानी अधीक्षक से बाइट लेना चाहा तो उन्होंने साफ तौर पर मीडिया से मना किया और कहा यह सब तो चलता रहता है बाइट देने पर हू हल्ला होता है बात दिल्ली तक पहुंच जाती है हमें अधिकार नहीं है अब सवाल यह है कि वरिष्ठ अधिकारी ही इस तरह की बात करेंगे तो क्या बनो और वन्य प्राणियों की रक्षा होगी। वरिष्ठ अधिकारियों ने भोपाल से टीम बुलाई इसके बाद शव का पोस्टमार्टम हुआ इसके बाद शेर के शव को जलाया गया वही जिम्मेदार अधिकारियों ने बाइट देने से मना कर दिया।


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.