रायसेन। मध्यप्रदेश में भारी बारिश ने कहर बरपा रखा है, सभी नदी-नाले, तालाब उफान पर हैं, ऐसे में रायसेन जिले का सबसे बड़ा बारना बांध अभी डेढ़ मीटर खाली है, हालांकि पिछले साल से इस साल बारिश ज्यादा हुई है, लेकिन पिछले तीन साल से एक बार भी बांध के गेट नहीं खोले गए हैं.
इस साल बाड़ी क्षेत्र में कम बारिश होने से डेम खाली रह गया , बांध से बाड़ी क्षेत्र ही नहीं बल्कि बकतरा, खरगोन, उदयपुरा बरेली सहित सैकड़ों गांव में सिंचाई के लिए पानी मिलता है, बारना बांध का पानी रायसेन जिले एवं सीहोर जिले के गांवों में जाता है इसलिए बाड़ी में बना बारना डेम दोनों जिलों के किसानों को वरदान के रूप में माना जाता है.
बारना बांध पिछले साल 2018 के वर्षा काल में कम बारिश होने से मात्र 342 मीटर ही भरा था , जबकि उसकी भराव क्षमता 348.55 मीटर है , प्रतिवर्ष वर्षा काल में अधिक बारिश होने से बारना बांध के गेट दर्जनों बार खुल जाते हैं लेकिन वर्ष 2018 में एक बार भी गेट नहीं खोले गए, रवि फसल के लिए 2 जिलों में 75 हजार हेक्टेयर भूमि में बारना बांध से पानी दिया जाता है
बारना बांध के पिछले हिस्से में जहां पानी का भराव होना चाहिए, उस हिस्से में किसानों द्वारा खेती की जा रही है डैम के पिछले हिस्से की सफाई ना होने के कारण यहां पानी का भराव कम होता है वहीं गर्मियों में जलस्तर कम होते ही डैम की जमीन पर किसानों द्वारा खेती करना शुरू कर दिया था यह किसान डैम के पिछले हिस्से से ही पानी ले लेते हैं और डेम की जमीन पर खेती कर खासा मुनाफा कमा रहे हैं बारना बांध से जुड़े अधिकारी भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं.