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सिंचाई विभाग की खुली पोल, बारिश में बहा कुछ साल पहले बना डैम

रायसेन जिले की सिलवानी तहसील के पठा पौंड़ी गांव में भारी बारिश के चलते स्टाप डैम क्षतिग्रस्त हो गया है. जिससे गांव का दूसरे गांवों से संपर्क टूट चुका है.

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Published : Sep 24, 2019, 8:27 AM IST

क्षतिग्रस्त स्टाप डैम

रायसेन। प्रदेश भर में इन दिनों भारी बारिश कहर जारी है . जिसका सबसे ज्यादा नुकसान गांव कस्बों को उठाना पड़ रहा है. ऐसे ही हालातों का सामना सिलवानी तहसील का पठा पौंड़ी गांव कर रहा है. जहां तेदोनी नदी पर बने स्टाप डैम बारिश के चलते क्षतिग्रस्त हो गया है. जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने इरीगेशन विभाग पर स्टाप डैम में घटिया मटेरियल उपयोग किये जाने के आरोप लगाए हैं.

बारिश में क्षतिग्रस्त हुआ स्टाप डैम

स्टाप डैम का निर्माण 2008-09 में कराया गया था. ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि इरीगेशन डिपार्टमेंट ने स्टाप डैम के निर्माण में काली रेत, बजरी, खराब गुणवत्ता वाला सस्ता सीमेंट का प्रयोग किया गया था. जिसके चलते बारिश में ये डैम टिक नहीं पाया और क्षतिग्रस्त हो गया. जिससे गांव का करीब 15 गांवों से संपर्क टूट गया है. स्थानीय निवासी महेश रघुवंशी ने बताया कि स्टाप डैम के क्षतिग्रस्त हो जाने से लोगों को आने-जाने में भी परेशानी हो रही है. वाहनों का आवागमन पूरी तरह बंद पड़ा हुआ है. जबकि मामले की जानकारी स्थानीय प्रशासन को भी दी गई थी, लेकिन अभी तक कोई अधिकारी गांव की सुध लेने नहीं पहुंचा है.

सिलवानी एसडीएम संजय उपाध्याय ने बताया कि उनको स्टाप डैम के क्षतिग्रस्त होने जानकारी मिली थी. जिसके संबंध में इरिगेशन डिपार्टमेंट के अधिकारियों से बात की गई है. जिसमें कहा गया है कि बारिश का मौसम खत्म होने के बाद स्टाप डैम की मरम्मत कराई जाएगी.

रायसेन। प्रदेश भर में इन दिनों भारी बारिश कहर जारी है . जिसका सबसे ज्यादा नुकसान गांव कस्बों को उठाना पड़ रहा है. ऐसे ही हालातों का सामना सिलवानी तहसील का पठा पौंड़ी गांव कर रहा है. जहां तेदोनी नदी पर बने स्टाप डैम बारिश के चलते क्षतिग्रस्त हो गया है. जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने इरीगेशन विभाग पर स्टाप डैम में घटिया मटेरियल उपयोग किये जाने के आरोप लगाए हैं.

बारिश में क्षतिग्रस्त हुआ स्टाप डैम

स्टाप डैम का निर्माण 2008-09 में कराया गया था. ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि इरीगेशन डिपार्टमेंट ने स्टाप डैम के निर्माण में काली रेत, बजरी, खराब गुणवत्ता वाला सस्ता सीमेंट का प्रयोग किया गया था. जिसके चलते बारिश में ये डैम टिक नहीं पाया और क्षतिग्रस्त हो गया. जिससे गांव का करीब 15 गांवों से संपर्क टूट गया है. स्थानीय निवासी महेश रघुवंशी ने बताया कि स्टाप डैम के क्षतिग्रस्त हो जाने से लोगों को आने-जाने में भी परेशानी हो रही है. वाहनों का आवागमन पूरी तरह बंद पड़ा हुआ है. जबकि मामले की जानकारी स्थानीय प्रशासन को भी दी गई थी, लेकिन अभी तक कोई अधिकारी गांव की सुध लेने नहीं पहुंचा है.

सिलवानी एसडीएम संजय उपाध्याय ने बताया कि उनको स्टाप डैम के क्षतिग्रस्त होने जानकारी मिली थी. जिसके संबंध में इरिगेशन डिपार्टमेंट के अधिकारियों से बात की गई है. जिसमें कहा गया है कि बारिश का मौसम खत्म होने के बाद स्टाप डैम की मरम्मत कराई जाएगी.

Intro:रायसेन-जिले की सिलवानी तहसील के पठा गांव से लग कर बहने वाली तेदोनी नदी पर जल संसाधन विभाग के द्वारा 8 वर्ष पूर्व करीब दो करोड़ रुपए की राशि से स्टॉप डैम का निर्माण कराया गया था ताकि किसानों को फसल की सिंचाई के लिए गर्मी के मौसम में पर्याप्त पानी की उपलब्धता हो सके लेकिन निर्माण के दौरान बरती गई लापरवाही तथा अधिकारियों के द्वारा नियमित मॉनिटरिंग ना किए जाने से स्टॉप डैम क्षतिग्रस्त हो गया। बरसात के पानी में इस स्टॉप डैम का एक हिस्सा बह गया। तो वही इस पुल और स्टॉप डेम के क्षतिग्रस्त हो जाने से करीब 15 गांवों के लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।


Body:रायसेन जिले की सिलवानी तहसील से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित पठा गांव से लगकर यह नदी बहती है और इस नदी पर करीब 8 वर्ष पूर्व जल संसाधन विभाग के द्वारा करोड़ों रुपए की राशि व्यय कर पुल एवं स्टॉप डैम का निर्माण कराया गया था ताकि गर्मी के मौसम में किसानों को फसल की सिंचाई हो सके। लेकिन 8 वर्षों में ही स्टॉप डैम ना केवल पूर्णता क्षतिग्रस्त हो गया बल्कि मटेरियल भी बरसात के पानी में बह गया। वही नदी पर पुल का निर्माण व स्टॉप डैम का निर्माण साथ किया गया था और पानी रोके जाने के लिए गेट का निर्माण भी कराया गया था ताकि गेट में दरवाजे लगाकर पानी को रोका जा सके लेकिन निर्माण के समय बरती गई मनमानी व लापरवाही के निर्माण एजेंसी के द्वारा तय मापदंडों का उपयोग नहीं किया गया जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने अधिकारियों से भी की थी तो वहीं ग्रामीणों ने बताया कि निर्माण के समय ही स्टॉप डेम व पुल क्षतिग्रस्त होने लगा था लेकिन तत्कालीन अधिकारियों के द्वारा निर्माण एजेंसी पर कार्यवाही नहीं की गई और पानी रोके जाने के लिए स्टॉप डैम में गेट भी नहीं लगाए गए थे गेट लगाकर पानी रोके जाने की मांग को भी अधिकारियों द्वारा नजरअंदाज किया जाता रहा।तो वही इस नदी पर बना पुल भी क्षतिग्रस्त हो जाने से करीब 15 गांव की आबादी को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

Byte-महेश रघुवंशी स्थानीय।

Byte-संतोष बघेल स्थानीय।

Byte-संजय उपाध्याय एसडीएम।


Conclusion:
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