रायसेन। रायसेन जिले के बेगमगंज तहसील के जंगल क्षेत्र में जसरथ बाबा की गुफा स्थित है. कहा जाता है कि इनकी तपस्या से प्रसन्न हो भगवान विष्णु अपने वाहन गरुड़ के साथ यहां पहुँचे थे.अपने भक्त को आशीर्वाद देने. ग्रामीणों की आस्था से जुड़ा है ये देव स्थल. दावा किया जाता है वर्षो पूर्व इस गुफा में बारात की बारात समा गई थी. कहते हैं जो जाता है वो वापस नहीं आ पाता. यह पहाड़ी 10 एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में फैली है. और इसे जसरथी की पहाड़ी और जसरथ की टेकरी नाम से जाना जाता है.
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रायसेन जिले के बेगमगंज तहसील के जंगल क्षेत्र में 2500 फिट ऊपर इस पहाड़ी पर जसरथ जी एवं हनुमान जी का मंदिर बना हुआ है. कई रोचक कथाएं जुड़ी हैं इस धार्मिक स्थल से. कहते हैं यहां पर शक्ति माता की मूर्ति जंगल में थी. लोगों को दुर्गम स्थान तक पहुंचने में भारी मशक्कत करनी पड़ती थी. अपनी परेशानियों से पार पाने के लिए लोगों ने मूर्ति को दूसरी जगह स्थापित कर दिया, लेकिन लोगों के आश्चर्य का ठिकाना न रहा जब मूर्ति अपने पुरानी जगह पुन स्थापित हो गईं.
यहां के स्थानीय निवासी पुष्पेंद्र सोलंकी ने बताया कि- हम हमारे बुर्जुगों से सुनते आ रहे है इस पहाड़ी को जसरथ बाबा की टेकरी नाम से जाना जाता है. यहां जसरथ बाबा ने तपस्या की है विष्णु भगवान यहां गरुड़ जी के साथ आये है यहां गरुण तलैया भी बनी हुई है. नदी दुधई ओर दशान की कहानी भी बताते हैं. लोगों को विश्वास है कि जसरथ बाबा के प्रताप से ही ये नदियां बहीं. जसरथ बाबा का मुंह धोते लोटा जहां गिरा और इसकी तस्दीक एक गहरा छोटा निशान करता है. लोग इन चिन्हों की पूजा करते हैं.
आस्था की एक दास्तां तो तुलसीराम भी सुनाते हैं. बताते हैं कि बीमारी से जूझते हुए जब कोई नीम हकीम काम नहीं आया तो एक टोटका किया, रास्ते के पत्थर हटाने का और बाबा के प्रताप से अब स्वस्थ हैं.
धार्मिक विश्वास या आस्था को किसी सांचे में नहीं ढाला जा सकता. आस्था ही है जो जीवन में सकारात्मकता का संचार करती है और ये गुफा लोगों को उनके दुख में, उनके सुख में आस्थावन बने रहने का मंत्र देती है.