दतिया: महिला जूनियर एशिया कप में टीम इंडिया ने चीन को रौंद कर खिताब अपने नाम कर लिया है. भारतीय हॉकी टीम ने पेनल्टी शूटआउट में 3-2 से जीत दर्ज की है. पहले ये मैच 1-1 की बराबरी पर रहा था. इसके बाद शूटआउट हुआ, इसमें भारत ने रोमांचक जीत दर्ज की है. दतिया की ज्योति सिंह की कप्तानी में भारत की महिला हॉकी टीम ने शानदार प्रदर्शन किया.
ज्योति सिंह ने की टीम की कप्तानी
बता दें कि 15 दिसम्बर को खेले गए एशिया कप के फाइनल मैच में भारत ने चीन को परास्त कर चैंपियन बनी. इस भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम की कप्तानी दतिया की बेटी ज्योति सिंह ने की थी. पूर्व ओलंपियन तुषार खांडेकर मुख्य प्रशिक्षक हैं, जिनके पास दतिया की बेटी ज्योति सिंह परिहार राज्य महिला हॉकी अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही थी. उनको कप्तानी की जिम्मेदारी हॉकी इंडिया द्वारा सौंपी गई थी.
फाइनल मैच के चारों क्वार्टर रोमांचक रहे
हॉकी मैच के फाइनल में चारों क्वार्टर में मैच का रोमांच देखने को मिला. दर्शक भी मस्कट में हाथ थाम कर इस रोमांचक मुकाबले के गवाह बने. भारतीय लड़कियों ने चीन पर पेनाल्टी शूट आउट में 3-2 से जीत हासिल कर बैक टू बैक दूसरी बार इस खिताब को अपने नाम किया. भारत की गोलकीपर निधि चीनी खिलाड़ियों के आगे दीवार बन कर खड़ी रहीं.
रोमांचक रहा मुकाबला
मैच का निर्धारित समय पूरा होने के बाद हूटर बजने तक चीन और भारत की टीम 1-1 के स्कोर के साथ बराबरी पर थी. इसके बाद दूसरे क्वार्टर के 30 वें मिनट पर चीन की कप्तान जिनझुआंग ने बढ़त दिलाई. वहीं तीसरे क्वार्टर में भारत की सिवाच कनिका ने 41वें मिनट में गोल दागकर खिताब भारत के नाम किया.
देश के साथ दतिया में भी खुशी की लहर
भारतीय जूनियर महिला टीम के एशिया चैंपियन बनने पर दतिया के खेल प्रेमियों में खुशी की लहर दौड़ गई. इस अवसर पर जिला खेल अधिकारी अरविंद सिंह राणा और खेल समन्वयक संजय रावत ने ज्योति सिंह और उनके पिता धीरज सिंह परिहार को विशेष सफलता के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी. साथ ही भारतीय जूनियर महिला हॉकी की कप्तान ज्योति के उज्जवल भविष्य की कामना की.
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ज्योति की मां शिक्षिका और पिता रेलवे में कार्यरत हैं
भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम की कप्तान ज्योति सिंह एक मध्यमवर्गीय परिवार से हैं. ज्योति के पिता रेलवे में कार्यरत हैं, तो माता सरकारी स्कूल में शिक्षिका हैं. उनकी दो बहने हैं और दोनों स्पोर्ट में अच्छी खासी रुचि रखती हैं. ज्योति शुरू से ही स्पोर्ट में अच्छी खासी रुचि रखती थीं, इस कारण ज्योति के परिवार ने भी उनके हौसलों को कभी कमजोर नहीं होने दिया.