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एमपी का ये किसान है स्पेशल, राष्ट्रपति कर चुके हैं तारीफ

रायसेन जिले के नयाखेड़ा गांव के किसान ने किया कृषि यंत्र का निर्माण, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किसान महाराज सिंह लोधी को सम्मानित किया.

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Published : Mar 24, 2019, 2:54 PM IST

कृषि यंत्र का निर्माण

रायसेन। मेरे देश की धरती सोना उगले-उगले हीरे मोती...मनोज कुमार की फिल्म उपकार का ये गाना... जिस बंजर भूमि पर भी किसान सोना उगा देता है लेकिन इसी अन्नदाता पर कभी मौसम की मार है तो कभी प्रकृति की बेरूखी का सामना... कई दिक्कतों, कई समस्याओं से जूझता अन्नदाता, लेकिन इन सबके बावजूद रायसेन जिले के नयाखेड़ा गांव के किसान ने वो कर दिखाया है जिसे देखकर किसानों की खुशी का ठिकाना ही नहीं है, एक ऐसा कृषि यंत्र का निर्माण किया है, जो उपकरणों की कमी से जूझ रहे अन्नदाताओं के लिए वरदान साबित हुआ है.

Agriculture Machine
कृषि यंत्र का निर्माण

तस्वीरों में जो आप कल्टीवेटर देख रहे है वो कोई आम कल्टीवेटर नहीं है, थ्री इन वन फार्मूले पर बना है. इस विशेष कल्टीवेटर को महराज सिंह लोधी ने अपने साथी प्रमोद दुबे के साथ मिलकर 3 महीने में तैयार किया है. इस कल्टीवेटर की खासियत है कि तीन बार की जुताई का काम ये कल्टीवेटर एक बार में ही कर देगा.

कृषि यंत्र का निर्माण

किसान के बेटे महाराज सिंह लोधी ने जिस कल्टीवेटर का निर्माण किया है उससे किसानों की कई समस्याओं का समाधान तो होगा ही साथ ही जुताई करने में लगने वाली लागत भी कम होगी. महाराज सिहं अपनी इस उपलब्धि के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से सम्मानित हुए हैं. इतना ही नहीं, इस कल्टीवेटर को नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन ने भी मान्यता दी है.

तीन महीने की कड़ी मेहनत से बना ये "बाहुप्लाऊ" कल्टीवेटर अन्नदाताओं की कई समस्याओं को हल कर देगा.इसकी कीमत 50 हजार रुपये रखी गयी है. बहरहाल, इस उपकरण की बदौलत किसानों की लागत तो कम होगी ही साथ ही समय भी बचेगा.

रायसेन। मेरे देश की धरती सोना उगले-उगले हीरे मोती...मनोज कुमार की फिल्म उपकार का ये गाना... जिस बंजर भूमि पर भी किसान सोना उगा देता है लेकिन इसी अन्नदाता पर कभी मौसम की मार है तो कभी प्रकृति की बेरूखी का सामना... कई दिक्कतों, कई समस्याओं से जूझता अन्नदाता, लेकिन इन सबके बावजूद रायसेन जिले के नयाखेड़ा गांव के किसान ने वो कर दिखाया है जिसे देखकर किसानों की खुशी का ठिकाना ही नहीं है, एक ऐसा कृषि यंत्र का निर्माण किया है, जो उपकरणों की कमी से जूझ रहे अन्नदाताओं के लिए वरदान साबित हुआ है.

Agriculture Machine
कृषि यंत्र का निर्माण

तस्वीरों में जो आप कल्टीवेटर देख रहे है वो कोई आम कल्टीवेटर नहीं है, थ्री इन वन फार्मूले पर बना है. इस विशेष कल्टीवेटर को महराज सिंह लोधी ने अपने साथी प्रमोद दुबे के साथ मिलकर 3 महीने में तैयार किया है. इस कल्टीवेटर की खासियत है कि तीन बार की जुताई का काम ये कल्टीवेटर एक बार में ही कर देगा.

कृषि यंत्र का निर्माण

किसान के बेटे महाराज सिंह लोधी ने जिस कल्टीवेटर का निर्माण किया है उससे किसानों की कई समस्याओं का समाधान तो होगा ही साथ ही जुताई करने में लगने वाली लागत भी कम होगी. महाराज सिहं अपनी इस उपलब्धि के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से सम्मानित हुए हैं. इतना ही नहीं, इस कल्टीवेटर को नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन ने भी मान्यता दी है.

तीन महीने की कड़ी मेहनत से बना ये "बाहुप्लाऊ" कल्टीवेटर अन्नदाताओं की कई समस्याओं को हल कर देगा.इसकी कीमत 50 हजार रुपये रखी गयी है. बहरहाल, इस उपकरण की बदौलत किसानों की लागत तो कम होगी ही साथ ही समय भी बचेगा.

Intro:पारंपरिक कल्टीवेटर से जुताई करने में आती थी परेशानी तीन बार जुताई से लागत के साथ समय भी अधिक लगता था इस समस्या से निपटने के लिए रायसेन जिले के नयाखेड़ा गांव के किसान ने किया कृषि यंत्र का निर्माण जो अन्नदाता के लिए वरदान साबित हुआ कल्टीवेटर जिसे किसान के दसवीं तक पढ़े लिखे बेटे ने बनाया इस कल्टीवेटर की विशेषता 3 इन 1 फार्मूला है NIF अहमदाबाद में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सम्मानित किया इस कल्टीवेटर से तीन बार की जुताई एक बार में होती है और रोटरबेटर का काम भी साथ-साथ होता है तीन माह की कड़ी मेहनत कर सफलता अर्जित कर बनाया "बाहुप्लाऊ"। इसकी कीमत महज 50 हजार है इस कृषि उपकरण को कोई कंपनी नहीं बेचेगी,इस कृषि उपकरण को इन्हीं के द्वारा बेचा जाएगा।


Body:रायसेन जिले के एक छोटे से नयाखेड़ा गांव में रहने वाले एक 32 वर्षीय किसान ने खेती में कुछ नया करने का प्रयास कार एक संयुक्त जुताई कृषि यंत्र बना दिया,इस कल्टीवेटर को नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन ने मान्यता दी। इसके बाद किसान महाराज सिंह लोधी का नाम राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए चयनित हो गया अहमदाबाद में 15 मार्च को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों महाराज सिंह लोधी को नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान भारत द्वारा तीसरे राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह सम्मान समारोह राष्ट्रीय प्रतिष्ठान भारत की ओर से रखा गया था वहीं महाराज सिंह ने अपने खेत में काम करते हुए पाया कि सामान्यतया ट्रैक्टर में लगे कल्टीवेटर कठोर मुट्ठी में आवश्यक खुदाई नहीं कर पाते हैं इस समस्या के समाधान में पहले उसने एक बरमा हल का विकास किया जिसमें पांच घूमने वाले बरमा कल्टीवेटर दांते के स्थान पर लगे होते हैं बाद में अधिक प्रभावी व तेज काम करने के लिए उसने एक संशोधित मोल्ड हल और कृषि उपकरण बनाया ट्रैक्टर पर लगे ये संयुक्त कृषि उपकरण प्राथमिक व द्वितीयक कृषि कार्य एक साथ करते हैं इसमें 1.25 एकड़ भूमि एक घंटे मे कवर करने मे तीन लीटर डीजल खर्च होता है वही कार्यकुशलता 71 प्रतिशत है 18 से 21 सेमी गहराई करता है वहीं इसकी कीमत 50 हजार रुपए है यह संयुक्त कृषि यंत्र किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है।

Byte-महाराज सिंह लोधी निर्माणकर्ता।

Byte-मुकेश दुबे सहायक साथी।

Byte-प्रमोद दुबे स्थानीय।

Byte-राम सिंह लोधी स्थानीय।

Byte-के.के.धाकड़ कृषि विस्तार अधिकारी।


Conclusion:
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