रायसेन। विदिशा लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने लोकसभा चुनाव में विकास के नाम पर वोट देने की बात कही है. विदिशा लोकसभा सीट बीजेपी की मजबूत सीटों में से एक है. यहां से पिछले दो लोकसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर जीत दर्ज करने वाली सुषमा स्वराज सांसद हैं, जो केंद्र में विदेश मंत्री की जिम्मेदारी भी संभाल रही हैं. कुछ लोगों ने सुषमा स्वराज के कामकाज पर संतुष्टि जताई है, तो असंतुष्ट नजर आए.
लोगों का आरोप है कि सांसद ने जो वादे किए थे, उनमें से ज्यादातर अधूरे हैं. लोकसभा चुनाव 2019 के लिए बीजेपी-कांग्रेस ने इस सीट पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं. हालांकि मतदाताओं का मानना है कि चेहरा कोई भी हो, कमल का फूल ही खिलेगा. जिन लोगों में आक्रोश है वह कहते हैं कि सांसद सुषमा स्वराज ने जिन गांव को गोद लिया, उनमें विकास नहीं हुआ. लोगों का मानना है कि रुटीन के काम तो हुए, लेकिन कोई विशेष विकास नहीं हुआ. लोग बताते हैं कि पुस्तकालय की घोषणा समते दूसरी घोषणाएं अब तक अधूरी हैं.
लोगों का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास मिलने के अलावा कोई विकास नहीं हुआ. विदिशा लोकसभा क्षेत्र में रायसेन जिले की तीन विधानसभा सीटें सांची, भोजपुर एवं सिलवानी आती हैं. इस सीट से दिवंगत पूर्व पीएम अटविहारी वाजपेयी, पूर्व सीएम शिवराज, पूर्व मंत्री रामपाल सिंह, सांसद रहे चुके हैं. पिछले दो लोकसभा चुनावों से यहां के मतदाताओं ने सुषमा स्वराज को सांसद चुना है. आगामी लोकसभा चुनाव के लिये मतादाओं ने उनके कामकाज पर मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है.
जब सुषमा स्वराज ने 2009 और 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा था, उस समय जिले से तीन मंत्री एवं एक विधायक का अहम सहयोग रहा था. यही वजह रही कि वे 2009 में पौने 4 लाख जबकि 2014 में चार लाख से ज्यादा वोटों से जीती थीं. लेकिन इस बार बीजेपी की राह में मतदाताओं की नाराजगी रोड़ा बन सकती है.