रायसेन। मध्य प्रदेश बोर्ड की 10वीं परीक्षा के पेपर लीक मामले में जिला शिक्षा अधिकारी रायसेन एम.एल राठौरिया ने 3 आरोपियों को जांच में दोषी पाया और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया. थाना सिलवानी में 3 आरोपियों के खिलाफ धारा 420 IPC एवं मध्य प्रदेश मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम 1937 की धारा 3/4 के तहत केस दर्ज किया गया है. इसमें प्रतापगढ़ के सेटर इंचार्ज रमाशंकर अहिरवार, असिस्टेंट इंचार्ज निर्भय भवेदी और उनके एक सहयोगी केशव को पकड़ा है. गिरफ्तारी के बाद इन तीनों को कोर्ट में प्रोड्यूस किया गया जहां से पुलिस ने इनकी न्यायिक हिरासत हासिल कर पूछताछ शुरु कर दी है.
पेपर लीक मामले की सारी डिटेल जानें: थाना सिलवानी अंतर्गत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय प्रतापगढ़ परीक्षा केंद्र पर 14 मार्च को क्लास 10वीं के संस्कृत विषय के प्रश्नपत्र की फोटो मिली थी. इसकी जानकारी उमेश ठाकुर निवासी भोपाल ने सुबह 09.36 बजे जिला शिक्षा अधिकारी रायसेन एम.एल राठौरिया को दी. जिसके बाद उन्होंने लिखित आवेदन देकर सारी डिटेल अधिकारियों को भेजी. इस सूचना पर जिला शिक्षा अधिकारी और उनके निरीक्षण दल ने वेरिफिकेशन कराया और पाया कि परीक्षा केंद्र प्रतापगढ़ के केंद्राध्यक्ष रमाशंकर अहिरवार और सहायक केंद्राध्यक्ष निर्भय भवेदी ने अनैतिक लाभ लिया. इस आधार पर 18 मार्च को थाना सिलवानी में आरोपियों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया हुआ.
अधिकारियों का बयान : प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक रायसेन विकाश कुमार सहवाल के निर्देशन पर टीम गठित कर कार्रवाई की गई. इस दौरान 19 मार्च को पुलिस टीम ने परीक्षा केंद्र प्रतापगढ़ के केंद्राध्यक्ष रमाशंकर अहिरवार, सहायक केंद्राध्यक्ष निर्भय भवेदी और एक अन्य सहयोगी केशव पर छापेमार कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार किया. घटना की जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक विकास कुमार सहवाल ने कहा कि 14 मार्च को एमपी बोर्ड के 10वीं के संस्कृत का पेपर फोटो के जरिए लीक किया गया. इसी मामले में आज आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है. सबसे बड़ी बात ये है कि जिन पर परीक्षा की शुचिता और गोपनियता बनाए रखने की जिम्मेदारी थी उन्होने ही छात्रों की जिंदगी से खिलवाड़ किया.