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रायसेन जिला अस्पताल की बड़ी लापरवाही, जिंदा नवजात को डॉक्टरों ने घोषित किया मृत

जिला अस्पताल से बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. डिलीवरी के दौरान जिंदा हुई नवजात को डॉक्टरों ने मृत बता दिया. हालांकि बाद में बच्ची ने हाथ पैर चलाए और उसे परिजन आनन-फानन में कमला नेहरू अस्पताल लेकर पहुंचे. मामले में प्रसूता ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए हैं.

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जिंदा नवजात को बताया मृत
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Published : Sep 29, 2020, 4:20 PM IST

Updated : Sep 29, 2020, 10:15 PM IST

रायसेन। जिला अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आई है, जहां डिलीवरी के दौरान हुई नवजात को मृत बता दिया गया, जबकि वो जिंदा थी. बाद में उसे भोपाल रेफर कर दिया गया है. इस मामले में परिजनों ने डॉक्टरों पर गंभीर लापरवाही और उदासीनता बरतने का आरोप लगाया है.

रायसेन जिला अस्पताल की बड़ी लापरवाही

प्रसूता का कहना है कि, उन्हें बच्ची हुई, जिसे मृत बताते हुए एक कपड़े में लपेटकर दे दिया गया. परिजनों ने बच्ची को सुबह वापस ले जाने का फैसला किया तो देखा कि बच्ची हाथ-पैर हिला रही थी. जिसकी जानकारी उन्होंने डॉक्टर को दी, लेकिन डॉक्टर ने एक बार भी उसे नहीं देखा. जब महिला के परिजनों नें डॉक्टर से बार-बार गुहार लगाई, तब कहीं जाकर डॉक्टरों ने नवजात को दोबारा चेक किया तो पाया कि वो जिंदा थी. जिसके बाद डॉक्टरों ने बच्ची को वेंटीलेटर पर रख दिया.

प्रतूता के मुताबिक उसने रात को भी डॉक्टरों से बोला था कि बच्ची को देख लीजिए, लेकिन डॉक्टरों ने कोई जवाब नहीं दिया. परिजनों को भी बच्ची के पास नहीं जाने दियाय सुबह होते ही डॉक्टरों ने प्रसूता के परिवार के नरसिंह भैया को बुलाया और बताया कि आपकी बच्ची सही है, उसे कमला नेहरू अस्पताल लेकर जाइए, उसे वहां रेफर कर दिया गया है. इस प्रकार से डॉक्टर रातभर लापरवाही बरतते रहे.

वहीं मामले की जानकारी मिलने पर सिविल सर्जन ने जांच के आदेश दे दिए हैं.

रायसेन। जिला अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आई है, जहां डिलीवरी के दौरान हुई नवजात को मृत बता दिया गया, जबकि वो जिंदा थी. बाद में उसे भोपाल रेफर कर दिया गया है. इस मामले में परिजनों ने डॉक्टरों पर गंभीर लापरवाही और उदासीनता बरतने का आरोप लगाया है.

रायसेन जिला अस्पताल की बड़ी लापरवाही

प्रसूता का कहना है कि, उन्हें बच्ची हुई, जिसे मृत बताते हुए एक कपड़े में लपेटकर दे दिया गया. परिजनों ने बच्ची को सुबह वापस ले जाने का फैसला किया तो देखा कि बच्ची हाथ-पैर हिला रही थी. जिसकी जानकारी उन्होंने डॉक्टर को दी, लेकिन डॉक्टर ने एक बार भी उसे नहीं देखा. जब महिला के परिजनों नें डॉक्टर से बार-बार गुहार लगाई, तब कहीं जाकर डॉक्टरों ने नवजात को दोबारा चेक किया तो पाया कि वो जिंदा थी. जिसके बाद डॉक्टरों ने बच्ची को वेंटीलेटर पर रख दिया.

प्रतूता के मुताबिक उसने रात को भी डॉक्टरों से बोला था कि बच्ची को देख लीजिए, लेकिन डॉक्टरों ने कोई जवाब नहीं दिया. परिजनों को भी बच्ची के पास नहीं जाने दियाय सुबह होते ही डॉक्टरों ने प्रसूता के परिवार के नरसिंह भैया को बुलाया और बताया कि आपकी बच्ची सही है, उसे कमला नेहरू अस्पताल लेकर जाइए, उसे वहां रेफर कर दिया गया है. इस प्रकार से डॉक्टर रातभर लापरवाही बरतते रहे.

वहीं मामले की जानकारी मिलने पर सिविल सर्जन ने जांच के आदेश दे दिए हैं.

Last Updated : Sep 29, 2020, 10:15 PM IST
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