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बंगले में न भरे पानी, इसलिए बीच रास्ते में खोदा गड्ढा, अधिकारी के तानाशाह रवैये से परेशान लोग

रायसेन में मुख्य कार्यपालन अधिकारी अवि प्रसाद ने सड़क को सिर्फ इसलिए खोद डाला, ताकि बारिश का पानी उसके बंगले में ना भर जाए. अब इसके कारण स्कूल आने-जाने वाले बच्चे और लोग परेशान हो रहे हैं.

अधिकारी का तानाशाह रवैया
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Published : Aug 12, 2019, 1:16 PM IST

रायसेन। आपने जर्मनी के तानाशाह हिटलर के बारे में तो बहुत कुछ सुना होगा, लेकिन हम आपको एक ऐसे अधिकारी के बारे में बता रहे हैं, जिसने 457 बच्चों के भविष्य को अंधकार में डालते हुए एक सड़क को सिर्फ इसलिए खोद दिया, ताकि उनके बंगले में पानी ना भर जाए. जी हां आप जिस शख्स को नीली शर्ट पहने हुए रायसेन कलेक्टर के बगल में बैठे देख रहे हैं, यह जिले के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अवि प्रसाद ही हैं, जिन्होंने ये काम किया है.

इस अधिकारी से परेशान लोग

यूं तो अवि प्रसाद जब से रायसेन में अधिकारी बनकर आए हैं, तब से सुर्खियों में हैं, लेकिन इन जनाब ने अब सारी हदों को पार करते हुए बच्चों के भविष्य को खतरे में डाल दिया है. अवि प्रसाद से 457 बच्चों के साथ उसके आसपास रहने वाले लोग भी परेशान हैं. कलेक्ट्रेट कॉलोनी में रहने वाले लोग इस सड़क से गुजरते हैं. मुख्य कार्यपालन अधिकारी अवि प्रसाद ने रास्ता रोकते हुए नाला खोद डाला, वो भी सिर्फ इसलिए कि कहीं इनके बंगले में पानी ना भर जाए.

इस रास्ते से निकलने वाले बच्चों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. एक ओर सरकार चाहती है कि बच्चे "स्कूल चलें हम" योजना का लाभ उठाकर शिक्षा लें, तो वहीं स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे कहते हैं कि सड़क के बीच में है पुलिया तो कैसे स्कूल चलें हम".

अधिकारी की मनमानी पर बोलते हुए बच्चों ने कहा कि स्कूल के रास्ते में एक बड़ा नाला बना दिया है, इससे उन्हें स्कूल आने-जाने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि सड़क खोदे जाने से हमें स्कूल घूमकर आना पड़ता है.

वहीं प्रभारी मंत्री हर्ष यादव ने कहा कि कहीं ना कहीं अधिकारी ने गलती की है, इसके लिए उन्हें निर्देशित किया जाएगा. उनके किसी भी काम से आम लोगों को किसी भी प्रकार से परेशानी नहीं होनी चाहिए.

प्रभारी मंत्री हर्ष यादव ने सख्त लहजे में कहा कि यदि अधिकारी ही आम लोगों के लिए रोड़ा बनेंगे, तो इनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

रायसेन। आपने जर्मनी के तानाशाह हिटलर के बारे में तो बहुत कुछ सुना होगा, लेकिन हम आपको एक ऐसे अधिकारी के बारे में बता रहे हैं, जिसने 457 बच्चों के भविष्य को अंधकार में डालते हुए एक सड़क को सिर्फ इसलिए खोद दिया, ताकि उनके बंगले में पानी ना भर जाए. जी हां आप जिस शख्स को नीली शर्ट पहने हुए रायसेन कलेक्टर के बगल में बैठे देख रहे हैं, यह जिले के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अवि प्रसाद ही हैं, जिन्होंने ये काम किया है.

इस अधिकारी से परेशान लोग

यूं तो अवि प्रसाद जब से रायसेन में अधिकारी बनकर आए हैं, तब से सुर्खियों में हैं, लेकिन इन जनाब ने अब सारी हदों को पार करते हुए बच्चों के भविष्य को खतरे में डाल दिया है. अवि प्रसाद से 457 बच्चों के साथ उसके आसपास रहने वाले लोग भी परेशान हैं. कलेक्ट्रेट कॉलोनी में रहने वाले लोग इस सड़क से गुजरते हैं. मुख्य कार्यपालन अधिकारी अवि प्रसाद ने रास्ता रोकते हुए नाला खोद डाला, वो भी सिर्फ इसलिए कि कहीं इनके बंगले में पानी ना भर जाए.

इस रास्ते से निकलने वाले बच्चों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. एक ओर सरकार चाहती है कि बच्चे "स्कूल चलें हम" योजना का लाभ उठाकर शिक्षा लें, तो वहीं स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे कहते हैं कि सड़क के बीच में है पुलिया तो कैसे स्कूल चलें हम".

अधिकारी की मनमानी पर बोलते हुए बच्चों ने कहा कि स्कूल के रास्ते में एक बड़ा नाला बना दिया है, इससे उन्हें स्कूल आने-जाने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि सड़क खोदे जाने से हमें स्कूल घूमकर आना पड़ता है.

वहीं प्रभारी मंत्री हर्ष यादव ने कहा कि कहीं ना कहीं अधिकारी ने गलती की है, इसके लिए उन्हें निर्देशित किया जाएगा. उनके किसी भी काम से आम लोगों को किसी भी प्रकार से परेशानी नहीं होनी चाहिए.

प्रभारी मंत्री हर्ष यादव ने सख्त लहजे में कहा कि यदि अधिकारी ही आम लोगों के लिए रोड़ा बनेंगे, तो इनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

Intro:रायसेन-आपने हिटलर की तानाशाही के बारे में तो बहुत सुना होगा, मगर हम आपको एक ऐसे अधिकारी के बारे में बता रहे हैं कि जिसने 457 बच्चों के भविष्य की चिंता ना करते हुए और इसी सड़क से गुजरने वाले करीब 10 हजार लोगों की आबादी बाली इस सड़क को सिर्फ इसलिए खोद दिया कि,कहीं उनके बंगले में पानी ना भरा जाए। जी हां आप जिस शख्स को नीली शर्ट पहने हुए रायसेन कलेक्टर के बगल में बैठे देख रहे हैं, यह हैं रायसेन जिले के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अवि प्रसाद, यूं तो यह अधिकारी जब से रायसेन में आए हैं तब से सुर्खियों में हैं। मगर इन जनाब ने अब सारी हदों को पार करते हुए मध्य प्रदेश सरकार की बच्चों के भविष्य को लेकर तरह-तरह की योजनाएं जो बनाई जा रही हैं, और इसी योजना के तहत बच्चों को स्कूलों में साइकिल दी जाती है कि बच्चे आप स्कूल जाएं और अपना बेहतर भविष्य बनाएं। मगर अवि प्रसाद ने तो 457 बच्चों के साथ इस कलेक्ट्रेट कॉलोनी में रहने वाले और करीब 10 हजार लोग जो इस सड़क से गुजरते थे उन सभी का रास्ता रोकते हुए नाला खोद डाला,महज इसलिए कि इन महोदय को यहां से स्कूल निकलने बाले बच्चो की आवाज पसंद नही है।कहीं इनके बंगले में पानी ना भर जाए हम आपको यहां पर बता दें कि इससे पहले भी इस बंगले में कई सीईओ रहकर चले गए मगर उन्होंने कभी इस मुख्य सड़क को खोदने की कोशिश नहीं की।वहीं यह जनाब तो जैसे मानो अलग मिट्टी के बने हैं और इन्होंने सरकार के बच्चों के लिए किए जा रहे शिक्षा के क्षेत्र में सरकार के प्रयासों में पलीता लगाने की कोशिश की है। जहां सरकार कहती है कि "स्कूल चले हम",तो अब इस कलेक्ट्रेट कॉलोनी हाई स्कूल में पड़ने बाले बच्चे कहते हैं "स्कूल चले हम" सड़क के बीच में है पुलिया कैसे चले हम"।इन महोदय की आगे कारगुजारी देखिए कि इन्होंने इस नाले को खुदवाने के बाद इसी सड़क पर अपने बंगले के सामने अपने अधीन बोलेरो वाहन को खड़ा कर दिया है, ताकि बच्चे पैदल भी यहां से ना निकल पाए।अब इसे मध्य प्रदेश सरकार की अबमानना कहे या स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभु राम चौधरी का इस अधिकारी के ऊपर किसी प्रकार का डर न होना कहे तो यह किसी प्रकार की कोई अतिशयोक्ति नहीं होना चाहिए।जहा किसी ने खूब कहा है कि अगर बागड़ ही खेत को खाने लगे तो किसान क्या करेगा। अब यही हाल इस मुख्य कार्यपालन अधिकारी की सनक का है,कि बच्चों का भविष्य उज्ज्वल बनाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी इन अधिकारी के हाथ में ही है। और इस सनकी अधिकारी सिर्फ अपनी सुख-सुविधाओं के लिए एक सड़क को खोदकर नाला बना देता है,और रायसेन कलेक्टर सहित मध्यप्रदेश सरकार के दोनों मंत्री मौन होकर चुपचाप तमाशा देख रहे है।इस सनकी अधिकारी को स्कूल में पढ़ने वाले 457 बच्चों और करीब 10 हजार लोग जो इस सड़क से निकलते थे उनकी चिंता है। जब इस बारे में प्रभारी मंत्री हर्ष यादव से बात की तो उनका कहना था कि अधिकारी कोई भी हो कार्यवाही करेंगे। अब देखना यह है कि कब इन अधिकारी महोदय के ऊपर कार्यवाही होती है।और कब ये बनाई हुई पुलिया की पुराई होगी। और यह बच्चों को निकलने के लिए उपलब्ध होगी।


Body:यह कोई बरसाती नाला नही है यह नाला एक आईएएस अधिकारी की सनक का नतीजा है। इन महोदय के सरकारी बंगले में बरसात का पानी न भरे इसलिये एक सरकारी स्कूल को जाने बाली यह पक्की मुख्य सड़क खोद दी गई। स्कूली बच्चे अब जान जोखिम में डालकर यह नाला पर करके जाने को मजबूर हो रहे हैं।इन बच्चों की सुविधाओं का ध्यान रखने की जिम्मेदारी भी इन्ही आईएएस अधिकारी अभि प्रसाद की है क्योंकि यह जिला पंचायत में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के रूप में पदस्थ हैं। सुनिए क्या परेशानी हो रही है......स्कूली बच्चे और प्रधान प्राचार्या की जुबानी..


लेकिन गजब है कि सीईओ के बंगले में बारिश का पानी घुसने लगा तो उन्होंने पूरी सड़क ही खुदवा दी। जब पीडब्लूडी के इंजीनियर से इस संबंध में बात की तो बो बोले हमारे पास पाईप नही है ।अब यह तो 2 माह तक खुदी पड़ी रहेगी ।
शहर में एक घंटे की बारिश में निचली बस्तियों में जल भराव होने की वजह से रहवासियों को दिन रात परेशानी का सामना करना पड़ता है। लेकिन इनकी समस्याओं का समाधान हो इसके लिए प्रशासनिक अधिकारी हमेशा आश्वासन की बौछार ही करते हुए चले जाते है। लेकिन जब बात आईएएस अधिकारी की हो तो पूरा सरकारी तंत्र बिना किसी नियम कायदों को देखते हुए समस्या का निराकरण करने में जुट जाता है। जी हां ऐसा शहर में तब हुआ जब जिला पंचायत सीईओ अवि प्रसाद के सरकारी बंगले में बारिश का पानी घुसा और साहब को परेशानी हुई तो पीडब्लूडी,आरईएस और नगर पालिका का अमला हरकत में आ गया और सरकारी बंगले में बारिश के पानी को निकालने के लिए देखते ही देखते सरकारी सड़क को बिना कुछ सोचे समझे नगर पालिका की जेसीबी से खुदवा दिया गया। जिससे अब स्कूली बच्चों के अलावा स्थानीय लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोगों की इस परेशानी का देखते हुए जब मौके पर जाकर पड़ताल की गई तो सामने आया कि कलेक्ट्रेट कॉलोनी सांची मार्ग पर स्थित जिला पंचायत सीईओ के सरकारी बंगले के आसपास जल निकासी के उचित इंतजाम नहीं होने की वजह से बारिश का पानी बंगले के भीतर घुस रहा था और इसी के चलते यह सड़क खुदवा दी गई। वहीं विश्वसनीय सूत्रों की माने यह बात सही है कि जल भराव सीईओ साहब के बंगले पर हो रहा था। लेकिन जल निकासी के लिए सड़क को ना खुदवाते हुए अन्य वैकल्पिक इंतजाम आसानी से हो सकते थे,क्योंकि सीईओ साहब के बंगले से कुछ दूरी पर मुख्य नाला गुजरा हुआ है और वह तक नाली खुदवाई जा सकती थी। लेकिन मुख्य सड़क को इसलिए खुदवा दिया क्योंकि यह सड़क पर आवाजाही काफी अधिक रहती थी और दुपहिया वाहन,चार पहिया वाहनों की आवाजाही के साथ हार्न की वजह से भी सीईओ साहब की शांति भंग हो रही थी। इसलिए सड़क को खुदवा दिया की लोगों की सड़क पर आवाजाही ही ना हो पाए।सीईओ साहब के बंगले में बरिश का पानी भरा रहा था और जल भराव अब ना हो इसलिए सड़क पर नाली खोदी गई है। इसके लिए किसी अनुमति की जरूरत नहीं होती है हमने खुद नगर पालिका की जेसीबी से सड़क को खुदवाया कि बारिश का पानी निकल सके। अभी हमारे पास पाईप नहीं है इसलिए 2 माह तक इसी तरह जल निकासी होगी और सड़क इसी तरह ही रहेगी।
इंजीनियर पीडब्लूडी रायसेन सीईओ साहब के बंगले के सामने की सड़क किस वजह से खोदी गई है। हमारे पास जानकारी नहीं है। आप पीडब्लूडी विभाग से जानकारी प्राप्त कर लिजिए।

Byte-रितिका शर्मा स्कूली छात्रा।

Byte-लाल साहब साहू स्कूली छात्रा।

Byte-राम प्रकाश राजपूत प्राचार्य।

Byte-हर्ष यादव प्रभारी मंत्री।

Conclusion:
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