ETV Bharat / state

बेशकीमती खजाना: 57 करोड़ साल पुराना - 57 करोड़ साल पुराने जानवर का जीवाश्म रायसेन

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से लगे हुए रायसेन जिले में स्थित भीमबेटका वर्ल्ड हेरिटेज साइट पर 57 करोड़ साल पुराने जानवर का जीवाश्म मिला है. शोधकर्ताओं के अनुसार ये जीवाश्म दक्षिणी आस्ट्रेलिया में पाए जाने वाले डिकिनसोनिया टेनियस से मिलता जुलता है.

simply priceless
बेशकीमती खजाना
author img

By

Published : Feb 11, 2021, 12:54 PM IST

Updated : Feb 11, 2021, 7:43 PM IST

रायसेन । मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से करीब 40 किलोमीटर दूर एक जगह है भीमबेटका. इस क्षेत्र को यूनेस्‍को ने संरक्षित घोषित कर रखा है. भीमबेटका रायसेन जिले में आता है. शोधकर्ताओं को यहां बेशकीमती ‘खजाना’ हाथ लगा है. भीमबेटका में शोधकर्ताओं ने दुनिया के सबसे पुराने जानवर का जीवाश्‍म खोजा है.

भीमबेटका में मिला बेशकीमती 'खजाना'

भोपाल से 40 किलोमीटर दूर स्थित यूनेस्‍को के संरक्षित क्षेत्र भीमबेटका में शोधकर्ताओं ने दुनिया के सबसे पुराने जानवर का जीवाश्‍म खोजा है. भीमबेटका के ऑडिटोरियम गुफा की छत पर मिले जानवर का जीवाश्म करीब 57 करोड़ साल पुराना है. इसका नाम डिकिनसोनिया है और देश में पहली बार इस जानवर का जीवाश्म मिला है.

बेशकीमती खजाना

बस यूं ही पड़ गई खजाने पर 'नजर'

मार्च 2020 में हुई 36वीं इंटरनेशनल जियोलॉजिकल कांग्रेस के पहले दो शोधकर्ता भीमबेटका गए थे. इस दौरान उनकी नजर ऑडिटोरियम गुफा की छत पर पत्तिनुमा आकृतियों पर पड़ी. ये जमीन से लगभग 11 फीट की ऊंचाई पर था.और किसी रॉक आर्ट की तरह नजर आ रहा था. यहां मिला जानवर का जीवाश्म करीब 57 करोड़ साल पुराना है.

डिकिनसोनिया के जीवाश्‍म का अध्‍ययन करके अभी तक जानकारी सामने आई है, कि ये चार फीट तक बढ़ सकते थे. लेकिन भीमबेटका में मिला जीवाश्म 17 इंच लंबा है.

fossils in bhimbetka
57 करोड़ साल पुराना जीवाश्म

क्या होते हैं जीवाश्म?

किसी भी विलुप्त जंतु या पौधों की जमीन पर मौजूदगी के सबूत को जीवाश्म कहते हैं. जब किसी मृत जीव का शरीर मिट्टी में दब जाता है, तो उसके शरीर के नरम भाग गल जाते हैं.

शरीर का जो कठोर भाग होता है, वो सैकड़ों सालों में पत्थर में बदल जाते हैं. जब ये किसी कारण से सतह पर आ जाते हैं, तब उन पर रिसर्च की जाती है. उससे जीव की फीजियोलॉजी यानि शारीरिक संरचना के बारे में बहुत सारी जानकारियां मिलती हैं .

जिन जीव जंतुओं में हड्डियां होती हैं उनकी हड्डियां आम तौर पर जीवाश्मों के रूप में मिलती हैं. इनके अलावा, अंडे और घाोंघों और शंखों के कवच भी जीवाश्मों के रूप में पाए जाते हैं.

treasur of civilization
ये है सभ्यता का खजाना

हैरान हुए पर्यटक

भीमबेटका घूमने आए पर्यटक शशि मोहन कहते हैं 57 करोड़ साल पुराना जीवाश्म देखना मेरे लिए आश्चर्य की बात है. ऐसा मैंने पहले कभी कहीं नहीं देखा. पैराणिक कथाओं के अनुसार यहां पर पांडव रहा करते थे. ये जगह समुद्र के अंदर थी. ग्वालियर से यहां घूमने आए दिलजीत सिंह कहते हैं कि हम दो साल से यहां आने का प्रोग्राम बना रहे थे. संयोग से आज यहां आना संभव हुआ. 57 करोड़ साल पुराने जीवाश्म देखकर हैरानी तो होती ही है, साथ ही कुछ स्पेशल भी फील होता है.

bhimbetka in news
दुनिया में छा गया भीमबेटका
गोंडवाना रिसर्च पत्रिका में छपा है लेख

भीमबेटका में मिले जीवाश्‍म के बार में अंतरराष्‍ट्रीय पत्रिका गोंडवाना रिसर्च के अंक में पब्लिश हुआ है. गोंडवाना रिसर्च में प्रकाशित रिसर्च का शीर्षक 'डिकिनसोनिया डिस्‍कवर्ड इन इंडिया एंड लेट एडिकैरन बायोजियोग्राफी' है.

इसमें लिखा है कि भोपाल के पास भीमबेटका की चट्टानों पर मौजूद ऑडिटोरियम केव की छत पर ये जीवाश्‍म मिला है. यह यूनेस्‍को द्वारा संरक्षित क्षेत्र है. ये जीवाश्‍म पूरी तरह से दक्षिणी ऑस्‍ट्रेलिया में पाए गए डिकिनसोनिया टेनियस से मिलता जुलता है.

रायसेन । मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से करीब 40 किलोमीटर दूर एक जगह है भीमबेटका. इस क्षेत्र को यूनेस्‍को ने संरक्षित घोषित कर रखा है. भीमबेटका रायसेन जिले में आता है. शोधकर्ताओं को यहां बेशकीमती ‘खजाना’ हाथ लगा है. भीमबेटका में शोधकर्ताओं ने दुनिया के सबसे पुराने जानवर का जीवाश्‍म खोजा है.

भीमबेटका में मिला बेशकीमती 'खजाना'

भोपाल से 40 किलोमीटर दूर स्थित यूनेस्‍को के संरक्षित क्षेत्र भीमबेटका में शोधकर्ताओं ने दुनिया के सबसे पुराने जानवर का जीवाश्‍म खोजा है. भीमबेटका के ऑडिटोरियम गुफा की छत पर मिले जानवर का जीवाश्म करीब 57 करोड़ साल पुराना है. इसका नाम डिकिनसोनिया है और देश में पहली बार इस जानवर का जीवाश्म मिला है.

बेशकीमती खजाना

बस यूं ही पड़ गई खजाने पर 'नजर'

मार्च 2020 में हुई 36वीं इंटरनेशनल जियोलॉजिकल कांग्रेस के पहले दो शोधकर्ता भीमबेटका गए थे. इस दौरान उनकी नजर ऑडिटोरियम गुफा की छत पर पत्तिनुमा आकृतियों पर पड़ी. ये जमीन से लगभग 11 फीट की ऊंचाई पर था.और किसी रॉक आर्ट की तरह नजर आ रहा था. यहां मिला जानवर का जीवाश्म करीब 57 करोड़ साल पुराना है.

डिकिनसोनिया के जीवाश्‍म का अध्‍ययन करके अभी तक जानकारी सामने आई है, कि ये चार फीट तक बढ़ सकते थे. लेकिन भीमबेटका में मिला जीवाश्म 17 इंच लंबा है.

fossils in bhimbetka
57 करोड़ साल पुराना जीवाश्म

क्या होते हैं जीवाश्म?

किसी भी विलुप्त जंतु या पौधों की जमीन पर मौजूदगी के सबूत को जीवाश्म कहते हैं. जब किसी मृत जीव का शरीर मिट्टी में दब जाता है, तो उसके शरीर के नरम भाग गल जाते हैं.

शरीर का जो कठोर भाग होता है, वो सैकड़ों सालों में पत्थर में बदल जाते हैं. जब ये किसी कारण से सतह पर आ जाते हैं, तब उन पर रिसर्च की जाती है. उससे जीव की फीजियोलॉजी यानि शारीरिक संरचना के बारे में बहुत सारी जानकारियां मिलती हैं .

जिन जीव जंतुओं में हड्डियां होती हैं उनकी हड्डियां आम तौर पर जीवाश्मों के रूप में मिलती हैं. इनके अलावा, अंडे और घाोंघों और शंखों के कवच भी जीवाश्मों के रूप में पाए जाते हैं.

treasur of civilization
ये है सभ्यता का खजाना

हैरान हुए पर्यटक

भीमबेटका घूमने आए पर्यटक शशि मोहन कहते हैं 57 करोड़ साल पुराना जीवाश्म देखना मेरे लिए आश्चर्य की बात है. ऐसा मैंने पहले कभी कहीं नहीं देखा. पैराणिक कथाओं के अनुसार यहां पर पांडव रहा करते थे. ये जगह समुद्र के अंदर थी. ग्वालियर से यहां घूमने आए दिलजीत सिंह कहते हैं कि हम दो साल से यहां आने का प्रोग्राम बना रहे थे. संयोग से आज यहां आना संभव हुआ. 57 करोड़ साल पुराने जीवाश्म देखकर हैरानी तो होती ही है, साथ ही कुछ स्पेशल भी फील होता है.

bhimbetka in news
दुनिया में छा गया भीमबेटका
गोंडवाना रिसर्च पत्रिका में छपा है लेख

भीमबेटका में मिले जीवाश्‍म के बार में अंतरराष्‍ट्रीय पत्रिका गोंडवाना रिसर्च के अंक में पब्लिश हुआ है. गोंडवाना रिसर्च में प्रकाशित रिसर्च का शीर्षक 'डिकिनसोनिया डिस्‍कवर्ड इन इंडिया एंड लेट एडिकैरन बायोजियोग्राफी' है.

इसमें लिखा है कि भोपाल के पास भीमबेटका की चट्टानों पर मौजूद ऑडिटोरियम केव की छत पर ये जीवाश्‍म मिला है. यह यूनेस्‍को द्वारा संरक्षित क्षेत्र है. ये जीवाश्‍म पूरी तरह से दक्षिणी ऑस्‍ट्रेलिया में पाए गए डिकिनसोनिया टेनियस से मिलता जुलता है.

Last Updated : Feb 11, 2021, 7:43 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.