रायसेन। इन दिनों प्रदेश में रबी फसल की खरीदी जारी है, जिसके लिए किसान अपनी गेहूं, चने की फसल लेकर उपार्जन केंद्र पहुंच रहे हैं. वहीं रायसेन जिले के सिलवानी तहसील के समैया शांति राज वेयरहाउस में बनाए गए उपार्जन केंद्र पर सर्वेयर की अवैध वसूली करने का मामला सामने आया है. जिससे किसानों के लिए चने की फसल की तुलाई मुसीबत बन गई है. किसानों की इस समस्या की तरफ कोई अधिकारी ध्यान नहीं दे रहा है.
सर्वेयर की अवैध वसूली किसानों के लिए मुसीबत बनी हुई है, जिसका खामियाजा गरीब किसानों को भुगतना पड़ रहा है. हालांकि प्रदेश सरकार ने चना उपार्जन केंद्र की शुरुआत कर किसानों से चने के एक-एक दाने की खरीदी किए जाने की घोषणा की है, लेकिन घोषणा के साथ ही शर्त भी लगा दी गई है कि, तिवड़ा मिले चने को नहीं खरीदा जाएगा, जिससे किसान परेशान हैं.
चने की दो लाख क्विंटल से अधिक पैदावार
हर साल सिलवानी तहसील के सैकड़ों किसानों के द्वारा हजारों एकड़ कृषि भूमि पर चने की खेती की जाती है. वर्ष 2020-21 में तहसील के किसानों ने करीब 15 हजार एकड़ कृषि भूमि पर चने की बोनी की थी. प्रति एकड़ में अधिकतम 15 क्विंटल पैदावार होती है. इस तरह लगभग 2 लाख क्विंटल से अधिक चने की पैदावार तहसील के किसानों द्वारा की गई है, लेकिन चने की पैदावार अब किसानों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है.
किसानों ने की शिकायत
तहसील में चना उपार्जन केंद्र बनाया गया है, जहां पंजीकृत किसानों को एसएमएस भेजकर उपज की तुलाई की सूचना दी जा रही है. जहां किसान चना लेकर पहुंच रहे हैं, तो वहीं किसानों के चना के सैंपल को पास नहीं करते हुए, चने में तिवड़ा की मात्रा बताकर उपज को निरस्त किया जा रहा है. वहीं जो किसान रिश्वत दे रहे हैं, उनके चने में बड़ी मात्रा में तिवड़ा मिला होने के बाद भी सर्वेयर द्वारा पास किया जा रहा है. जिसकी शिकायत किसानों ने अधिकारियों से की है.
कलेक्टर को भेजी जांच रिपोर्ट
कृषि विस्तार अधिकारी ने उपार्जन केंद्र पहुंचकर जांच की. जहां अधिकारियों ने पाया कि, सर्वेयर दबंग व्यक्तियों के साथ मिलकर तिवड़ा मिले चने की करीब 35 कुंटल की खरीदी की है. अधिकारियों ने जांच रिपोर्ट तैयार कर कार्रवाई के लिए रायसेन कलेक्टर को भेजी है.