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आसमानी आफत से अन्नदाता परेशान, लगातार बारिश से बर्बाद हुई सोयाबीन की फसल

रायसेन जिले में लगातार हो रही बारिश से किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है. जिले की सिलवानी तहसील में सोयाबीन की फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है. जिससे किसान परेशान है.

आसमानी आफत से परेशान अन्नदाता
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Published : Sep 13, 2019, 7:47 PM IST

रायसेन। जिले में लगातार हो रही बारिश से फसलों का काफी नुकसान पहुंचा है. सोयाबीन की फसल में पानी लगने से फसल सड़ गई है. सबसे ज्यादा नुकसान सिलवानी तहसील में बताया जा रहा है. जहां किसानों से सरकार से मुआवजे की गुहार लगाी है.

रायसेन की सिवालनी तहसील में आफत की बारिश से किसान सबसे ज्यादा परेशान जर आ रहे हैं. एक किसान ने बताया कि उन्होंने चार एकड़ में सोयाबीन की फसल लगाई थी. जो पानी में गलकर पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. इसके अलावा पूरी तहसील में किसानों की फसल बर्बाद हुई है. लेकिन प्रशासन ने अब तक किसी प्रकार का कोई सर्वे तक नहीं किया है.

आसमानी आफत से परेशान अन्नदाता

किसानों की माने तो अतिवृष्टि से बर्बाद हुई फसलों का सर्वे करने अभी तक प्रशासन का कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा है. वहीं अगर अधिकारियों की माने तो वे कहते है कि कृषि विभाग को सर्वे करने के लिए निर्देषित कर दिया गया है. जहां जल्द ही फसलों का सर्वे होगा. अन्नदाता ज्यादातर खाद, बीज, कीटनाशक, खरपतवार और जरुरत का सभी सामान सोयाबीन की फसल के भरोसे पर ही बाजार से उधार लेते हैं, लेकिन इस बार सोयाबीन की फसल ही नष्ट हो जाने के कारण किसान असहाय महसूस कर रहे हैं.

रायसेन। जिले में लगातार हो रही बारिश से फसलों का काफी नुकसान पहुंचा है. सोयाबीन की फसल में पानी लगने से फसल सड़ गई है. सबसे ज्यादा नुकसान सिलवानी तहसील में बताया जा रहा है. जहां किसानों से सरकार से मुआवजे की गुहार लगाी है.

रायसेन की सिवालनी तहसील में आफत की बारिश से किसान सबसे ज्यादा परेशान जर आ रहे हैं. एक किसान ने बताया कि उन्होंने चार एकड़ में सोयाबीन की फसल लगाई थी. जो पानी में गलकर पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. इसके अलावा पूरी तहसील में किसानों की फसल बर्बाद हुई है. लेकिन प्रशासन ने अब तक किसी प्रकार का कोई सर्वे तक नहीं किया है.

आसमानी आफत से परेशान अन्नदाता

किसानों की माने तो अतिवृष्टि से बर्बाद हुई फसलों का सर्वे करने अभी तक प्रशासन का कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा है. वहीं अगर अधिकारियों की माने तो वे कहते है कि कृषि विभाग को सर्वे करने के लिए निर्देषित कर दिया गया है. जहां जल्द ही फसलों का सर्वे होगा. अन्नदाता ज्यादातर खाद, बीज, कीटनाशक, खरपतवार और जरुरत का सभी सामान सोयाबीन की फसल के भरोसे पर ही बाजार से उधार लेते हैं, लेकिन इस बार सोयाबीन की फसल ही नष्ट हो जाने के कारण किसान असहाय महसूस कर रहे हैं.

Intro:किसान आत्म हत्या करने को मजबूर अधिक वर्षा से गल गई सोयाबीन की फसल अधिकारी सो रहे कुम्भकर्णी नीन्द
जी हा छेत्र में हो रही लगातार बारिस और जल भराव से सोयाबीन की फसल पूरी तरह गल गई नस्ट हो गई हे और सासन प्रसासन के लोग कुम्भकर्णीय नीन्द में सो रहे इन को किसान की जरा भी चिंता नही हे वही आप को बता दे की अधिक वर्षा से जो फसल नस्ट हुई हे उस का सर्वे करने अभी तक कोई नही आया हे एक किसान ने बताया की में सर्वे के लिए अगर कहे तो कहते हैं कि आप टोल फ्री नंबर पर बीमा कम्पनी को फोन करो वही आप की फसल का सर्वे करेंगे ।वही बीमा कम्पनी से कोई नही आया किसान बेचारे अब जाये तो जाये कहाँ बीमा कम्पनी ने तो फसल बिमा की राशि जमा कर आपनि तिजोरी भरली और नेता वोट लेकर नेता जी बन गए अब किसान जाए कहाँ ।

किसान की फसल गल गई नस्ट हो गई । आने वाले समय में किसान के पास आत्महत्या करने के अलावा कुछ नही बचे गा क्यों की किसान खाद, बिज , कीटनाश्क, खरपतवार नासक, और जरूरत का सभी सामन सोयाबीन की फसल के भरोसे पर ही बाजार से उधार लेता हे और सोयाबीन की फसल ही नस्ट हो जय तो किसान करें तो क्या करे।Body:किसान आत्म हत्या करने को मजबूर अधिक वर्षा से गल गई सोयाबीन की फसल अधिकारी सो रहे कुम्भकर्णी नीन्द
जी हा छेत्र में हो रही लगातार बारिस और जल भराव से सोयाबीन की फसल पूरी तरह गल गई नस्ट हो गई हे और सासन प्रसासन के लोग कुम्भकर्णीय नीन्द में सो रहे इन को किसान की जरा भी चिंता नही हे वही आप को बता दे की अधिक वर्षा से जो फसल नस्ट हुई हे उस का सर्वे करने अभी तक कोई नही आया हे एक किसान ने बताया की में सर्वे के लिए अगर कहे तो कहते हैं कि आप टोल फ्री नंबर पर बीमा कम्पनी को फोन करो वही आप की फसल का सर्वे करेंगे ।वही बीमा कम्पनी से कोई नही आया किसान बेचारे अब जाये तो जाये कहाँ बीमा कम्पनी ने तो फसल बिमा की राशि जमा कर आपनि तिजोरी भरली और नेता वोट लेकर नेता जी बन गए अब किसान जाए कहाँ ।

किसान की फसल गल गई नस्ट हो गई । आने वाले समय में किसान के पास आत्महत्या करने के अलावा कुछ नही बचे गा क्यों की किसान खाद, बिज , कीटनाश्क, खरपतवार नासक, और जरूरत का सभी सामन सोयाबीन की फसल के भरोसे पर ही बाजार से उधार लेता हे और सोयाबीन की फसल ही नस्ट हो जय तो किसान करें तो क्या करे।
वाईट = 1 एसडीएम संजय उपाध्याय
वाईट =02 विश्राम किसान
वाईट =03 बाबू किसान
बाइट =04 = केदार सिंह रघुवंशी किसान Conclusion:
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