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कर्ज के बोझ में दबी मोहन यादव सरकार, 5000 करोड़ का फिर ले रही लोन - MOHAN YADAV GOVT TAKE LOAN

मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार एक बार फिर 5000 करोड़ का कर्ज लेने जा रही है. जबकि प्रदेश सरकार पहले ही कर्ज है.

MOHAN YADAV GOVT TAKE LOAN
कर्ज के बोझ में दबी मोहन यादव सरकार (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 26, 2024, 10:48 PM IST

भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार एक बार फिर 5 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेने जा रही है. यह राशि सरकार को अपने स्टॉक गिरवी रखने पर मिलेंगे. 27 नवंबर को यह राशि दो किस्तों में राज्य सरकार के खाते में आएगी. दरअसल, 5 हजार करोड़ रुपये का ये लोन सरकार दो अलग-अलग कर्ज के रुप में ले रही है. इसके लिए वित्त विभाग ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को इच्छा पत्र भेजा था, जिसे स्वीकृति मिल गई है.

विकास की गति बढ़ाने के लिए कर्ज

राज्य सरकार द्वारा 5 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने को लेकर प्रदेश में सियासत भी तेज हो गई है. एक ओर जहां कांग्रेस सरकार पर हमलावर है. वहीं भाजपा भी विपक्ष पर पलटवार कर रही है. इस मामले में डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा का कहना है कि 'सरकार जो भी कर्ज लेती है. वह प्रदेश में विकास की गति को बढ़ाने के लिए ही लेती है. यह कर्ज भी प्रदेश की विकास योजनाओं में उपयोग करने के लिए लिया जा रहा है.'

भ्रष्टाचार और विदेश यात्रा के लिए कर्ज

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सरकार द्वारा लिए जा रहे 5000 करोड़ के कर्ज पर सरकार पर जमकर निशाना साधा है. जीतू पटवारी ने कहा कि सरकार यदि काम के लिए कर्ज ले रही है तो फिर किसानों को गेहूं, धान और सोयाबीन का पूरा दाम मिलना चाहिए था. मध्य प्रदेश में बेरोजगारों को रोजगार मिलना चाहिए था. प्रदेश की पंचायत को अधिकार मिलने चाहिए थे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो रहा. सरकार भ्रष्टाचार करने, अपने घर सजाने, हेलीकॉप्टर लेने और परिवार सहित अधिकारियों को लेकर विदेशी यात्रा करने के लिए कर्ज ले रही है.'

चालू वित्तीय वर्ष में 20 हजार करोड़ का कर्ज

बता दें कि मोहन सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के शुरुआती चार महीने में कोई लोन नहीं लिया था. सरकार ने 1 अगस्त को इस वित्तीय वर्ष का पहला 5000 करोड़ रुपए का लेने की औपचारिकताएं शुरू की थीं. 22 अगस्त को उसने 5000 करोड़ रुपए का दूसरा कर्ज लेने की प्रक्रिया शुरू की. इसके एक महीने बाद सितंबर में 5000 करोड़ रुपए का तीसरा कर्ज और 8 अक्टूबर को चौथी बार 5 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया. यानि मध्य प्रदेश सरकार चालू वित्तीय वर्ष में 20 हजार करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है. वहीं मध्यप्रदेश सरकार पर 31 मार्च, 2024 की स्थिति में 3 लाख 75 हजार करोड़ रुपए का कर्ज था. कर्ज की राशि अब बढ़कर 4 लाख करोड़ के करीब पहुंच गई है.

भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार एक बार फिर 5 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेने जा रही है. यह राशि सरकार को अपने स्टॉक गिरवी रखने पर मिलेंगे. 27 नवंबर को यह राशि दो किस्तों में राज्य सरकार के खाते में आएगी. दरअसल, 5 हजार करोड़ रुपये का ये लोन सरकार दो अलग-अलग कर्ज के रुप में ले रही है. इसके लिए वित्त विभाग ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को इच्छा पत्र भेजा था, जिसे स्वीकृति मिल गई है.

विकास की गति बढ़ाने के लिए कर्ज

राज्य सरकार द्वारा 5 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने को लेकर प्रदेश में सियासत भी तेज हो गई है. एक ओर जहां कांग्रेस सरकार पर हमलावर है. वहीं भाजपा भी विपक्ष पर पलटवार कर रही है. इस मामले में डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा का कहना है कि 'सरकार जो भी कर्ज लेती है. वह प्रदेश में विकास की गति को बढ़ाने के लिए ही लेती है. यह कर्ज भी प्रदेश की विकास योजनाओं में उपयोग करने के लिए लिया जा रहा है.'

भ्रष्टाचार और विदेश यात्रा के लिए कर्ज

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सरकार द्वारा लिए जा रहे 5000 करोड़ के कर्ज पर सरकार पर जमकर निशाना साधा है. जीतू पटवारी ने कहा कि सरकार यदि काम के लिए कर्ज ले रही है तो फिर किसानों को गेहूं, धान और सोयाबीन का पूरा दाम मिलना चाहिए था. मध्य प्रदेश में बेरोजगारों को रोजगार मिलना चाहिए था. प्रदेश की पंचायत को अधिकार मिलने चाहिए थे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो रहा. सरकार भ्रष्टाचार करने, अपने घर सजाने, हेलीकॉप्टर लेने और परिवार सहित अधिकारियों को लेकर विदेशी यात्रा करने के लिए कर्ज ले रही है.'

चालू वित्तीय वर्ष में 20 हजार करोड़ का कर्ज

बता दें कि मोहन सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के शुरुआती चार महीने में कोई लोन नहीं लिया था. सरकार ने 1 अगस्त को इस वित्तीय वर्ष का पहला 5000 करोड़ रुपए का लेने की औपचारिकताएं शुरू की थीं. 22 अगस्त को उसने 5000 करोड़ रुपए का दूसरा कर्ज लेने की प्रक्रिया शुरू की. इसके एक महीने बाद सितंबर में 5000 करोड़ रुपए का तीसरा कर्ज और 8 अक्टूबर को चौथी बार 5 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया. यानि मध्य प्रदेश सरकार चालू वित्तीय वर्ष में 20 हजार करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है. वहीं मध्यप्रदेश सरकार पर 31 मार्च, 2024 की स्थिति में 3 लाख 75 हजार करोड़ रुपए का कर्ज था. कर्ज की राशि अब बढ़कर 4 लाख करोड़ के करीब पहुंच गई है.

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