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चढ़ते उतरते खेल-खेल में ये सीढ़ी सिखा देती है संवैधानिक मूल्य, एक बार खेलो तो सही - INDIAN CONSTITUTION DAY 2024

मध्य प्रदेश की संस्था विकास संवाद ने सांप सीढ़ी के जरिए संविधान को समझाने का अद्भुत प्रयास किया.जिससे जीवन के मूल्यों को समझ सकते हैं.

INDIAN CONSTITUTION DAY 2024
चढ़ते उतरते खेल-खेल में ये सीढ़ी सिखा देती है संवैधानिक मूल्य (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 26, 2024, 10:53 PM IST

Updated : Nov 26, 2024, 11:02 PM IST

भोपाल: आपने सांप सीढ़ी तो खेली ही होगी. अब इस खेल में पहले सांप को बाहर निकाल लीजिए और फिर सीढ़ी खेलिए. चढ़ती सीढ़ी और उतरती सीढ़ी. खास बात ये है कि सीढ़ी का ये खेल केवल जीत हार के लिए नहीं होता. इस खेल में एक-एक खाने पर पहुंचते ही आप सीखते जाते हैं. वो संवैधानिक मूल्य जो आपके जीवन में बने हुए थे, लेकिन आपने कभी गौर नहीं किया. इसे खेलते हुए आपकी धारणाएं टूटती हैं. खेल-खेल में हर खाना जो सवाल आपके सामने लाता है, आप खुद आईने में खड़े हो जाते हैं.

एक से शुरु हुई इस सीढ़ी की यात्रा में सीढ़ी चढ़ते और उतरते आप संविधान की आत्मा उसकी प्रस्तावना के एक-एक शब्द को विस्तार से जान चुके होते हैं. यहां तक आ जाने के बाद अब आपका ये प्रश्न लाजिमी है कि ये सीढी क्या है. तो मध्य प्रदेश में संविधान को आम जन तक पहुंचाने के मकसद से संस्था विकास संवाद ने चढ़ती उतरती सीढ़ी के इस खेल को तैयार किया है. खास बात ये है कि इस खेल से सांप को शामिल नहीं किया गया. वजह ये है कि सांप हमेशा काटता ही है ये धारणा को तोड़ना था. धारणाएं जो आमतौर पर संवैधानिक मूल्यों के संप्रेषण में बाधा का काम करती हैं.

चढ़ती उतरती सीढ़ी सिखाएगी संवैधानिक मूल्य (ETV Bharat)

क्या है ये संविधान मूल्यों की चढ़ती उतरती सीढ़ी

संवैधानिक मूल्यों पर काम कर रही संस्था विकास संवाद ने ये जो संवैधानिक मूल्यों के लिए चढ़ती उतरती सीढ़ी तैयार की है. इसमें आम सांप सीढ़ी के खेल की तरह ही सौ खाने हैं, लेकिन इस खेल में हर खाने की कहानी अलग है. बाकी इस खेल को खेलने का तरीका भी अलग है. नीचे से ऊपर पहुंचने की वजह भी अलग है. विकास संवाद के एसोसिएट डायरेक्टर राकेश मालवीय बताते हैं , 'मिसाल के तौर पर सीढ़ी खेल के चौथे नंबर के खाने को देखिए जिसमें कहा गया है कि मानवीय गरिमा का हनन अब खेलने के दौरान अगर आपकी गोटी चार नंबर पर इस खाने में आती है, तो आपको मानवीय गरिमा से जुड़ा हुआ कोई वाक्य बनाना होगा.

जाहिर है जो संविधाननिक मूल्यों को विस्तार देता वाक्य होगा. इसी तरह आप आगे बढ़ें और आप मिसाल के तौर पर खाना नंबर 14 पर पहुंचे. जहां लिखा है कि सारे दोस्त केवल मेरे ही धर्म जाति के हैं. अब खाने में लिखे इन शब्दों से आपको वाक्य बनाना है. जो वाक्य बनता है वो संवैधानिक मूल्यों को नया विस्तार देता हुआ वाक्य होता है.'

Unique Snakes and Ladders For Constitution
सांप सीढ़ी से जानें संवैधानिक मूल्य (ETV Bharat)

एमपी में बच्चों नौजवानों ने चढ़ी संवैधानिक मूल्यों की सीढ़ी

एमपी में सात जिलों में खास तौर पर संवैधानिक मूल्यों की ये सीढ़ी विशेष रूप से बच्चों को खिलाई गई. वजह ये कि ये वे कल के नागरिक हैं. राकेश बताते हैं, 'हम बच्चों को खास तौर पर ये खेल खिलाते हैं. उनके बीच संवैधानिक मूल्यों के बीज बो देने से एक पंथ दो काज का काम होगा. एक तो श्रेष्ठ् नागरिक का पाठ और दूसरा समाज में संवैधानिक मूल्यों के बीज इसी तरह से पड़ेंगे.'

सांप हटाया क्योंकि उसके साथ भी अन्याय ना हो

राकेश बताते हैं 'हमने सांप को इस खेल से हटा दिया, क्योंकि सांप कांटता है. नीचे पहुंचा देता है, ये धारणा मजबूत हो रही थी. सांप की पहचान हमेशा काटने से ही क्यों हो. ये उसके साथ भी अन्याय ही था. लिहाजा हमने इसे चढ़ती उतरती सीढ़ी नाम दिया.

भोपाल: आपने सांप सीढ़ी तो खेली ही होगी. अब इस खेल में पहले सांप को बाहर निकाल लीजिए और फिर सीढ़ी खेलिए. चढ़ती सीढ़ी और उतरती सीढ़ी. खास बात ये है कि सीढ़ी का ये खेल केवल जीत हार के लिए नहीं होता. इस खेल में एक-एक खाने पर पहुंचते ही आप सीखते जाते हैं. वो संवैधानिक मूल्य जो आपके जीवन में बने हुए थे, लेकिन आपने कभी गौर नहीं किया. इसे खेलते हुए आपकी धारणाएं टूटती हैं. खेल-खेल में हर खाना जो सवाल आपके सामने लाता है, आप खुद आईने में खड़े हो जाते हैं.

एक से शुरु हुई इस सीढ़ी की यात्रा में सीढ़ी चढ़ते और उतरते आप संविधान की आत्मा उसकी प्रस्तावना के एक-एक शब्द को विस्तार से जान चुके होते हैं. यहां तक आ जाने के बाद अब आपका ये प्रश्न लाजिमी है कि ये सीढी क्या है. तो मध्य प्रदेश में संविधान को आम जन तक पहुंचाने के मकसद से संस्था विकास संवाद ने चढ़ती उतरती सीढ़ी के इस खेल को तैयार किया है. खास बात ये है कि इस खेल से सांप को शामिल नहीं किया गया. वजह ये है कि सांप हमेशा काटता ही है ये धारणा को तोड़ना था. धारणाएं जो आमतौर पर संवैधानिक मूल्यों के संप्रेषण में बाधा का काम करती हैं.

चढ़ती उतरती सीढ़ी सिखाएगी संवैधानिक मूल्य (ETV Bharat)

क्या है ये संविधान मूल्यों की चढ़ती उतरती सीढ़ी

संवैधानिक मूल्यों पर काम कर रही संस्था विकास संवाद ने ये जो संवैधानिक मूल्यों के लिए चढ़ती उतरती सीढ़ी तैयार की है. इसमें आम सांप सीढ़ी के खेल की तरह ही सौ खाने हैं, लेकिन इस खेल में हर खाने की कहानी अलग है. बाकी इस खेल को खेलने का तरीका भी अलग है. नीचे से ऊपर पहुंचने की वजह भी अलग है. विकास संवाद के एसोसिएट डायरेक्टर राकेश मालवीय बताते हैं , 'मिसाल के तौर पर सीढ़ी खेल के चौथे नंबर के खाने को देखिए जिसमें कहा गया है कि मानवीय गरिमा का हनन अब खेलने के दौरान अगर आपकी गोटी चार नंबर पर इस खाने में आती है, तो आपको मानवीय गरिमा से जुड़ा हुआ कोई वाक्य बनाना होगा.

जाहिर है जो संविधाननिक मूल्यों को विस्तार देता वाक्य होगा. इसी तरह आप आगे बढ़ें और आप मिसाल के तौर पर खाना नंबर 14 पर पहुंचे. जहां लिखा है कि सारे दोस्त केवल मेरे ही धर्म जाति के हैं. अब खाने में लिखे इन शब्दों से आपको वाक्य बनाना है. जो वाक्य बनता है वो संवैधानिक मूल्यों को नया विस्तार देता हुआ वाक्य होता है.'

Unique Snakes and Ladders For Constitution
सांप सीढ़ी से जानें संवैधानिक मूल्य (ETV Bharat)

एमपी में बच्चों नौजवानों ने चढ़ी संवैधानिक मूल्यों की सीढ़ी

एमपी में सात जिलों में खास तौर पर संवैधानिक मूल्यों की ये सीढ़ी विशेष रूप से बच्चों को खिलाई गई. वजह ये कि ये वे कल के नागरिक हैं. राकेश बताते हैं, 'हम बच्चों को खास तौर पर ये खेल खिलाते हैं. उनके बीच संवैधानिक मूल्यों के बीज बो देने से एक पंथ दो काज का काम होगा. एक तो श्रेष्ठ् नागरिक का पाठ और दूसरा समाज में संवैधानिक मूल्यों के बीज इसी तरह से पड़ेंगे.'

सांप हटाया क्योंकि उसके साथ भी अन्याय ना हो

राकेश बताते हैं 'हमने सांप को इस खेल से हटा दिया, क्योंकि सांप कांटता है. नीचे पहुंचा देता है, ये धारणा मजबूत हो रही थी. सांप की पहचान हमेशा काटने से ही क्यों हो. ये उसके साथ भी अन्याय ही था. लिहाजा हमने इसे चढ़ती उतरती सीढ़ी नाम दिया.

Last Updated : Nov 26, 2024, 11:02 PM IST
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