रायसेन। क्या एक छोटी सी शीशी के अंदर हाथी को कैद किया जा सकता है, क्या दुनिया के सात अजूबों में से एक ताजमहल को बोतल में बंद किया जा सकता है. शायद नहीं. पर ये कारनामा कर दिखाया है रायसेन जिले के उदयपुरा निवासी किसान राम मोहन रघुवंशी ने. जो अपनी अद्भुत कला से गागर में सागर भरने में लगे हैं, उनकी यही कला उन्हें आम से खास बनाती है और आवाम के बीच काफी लोकप्रिय भी बना रही है.
राममोहन रघुवंशी की एक जिज्ञासा ने उनके अंदर इस कला को जन्म दिया, जिसे उन्होंने अपने हुनर में तब्दील कर दिया. वे पिछले 9 सालों से कांच की शीशियों में दुनिया की हर बड़ी इमारत, पशु-पक्षी, देवी-देवता का प्रतिबिम्ब बोतल के अंदर बना रहे हैं. जिसे देख लोगों की आंखें फटी की फटी रह जाती हैं.
38 वर्षीय किसान ने कांच की शीशियों में छोटे-छोटे तार के औजार से पूरी दुनिया को समाहित कर दिया है. उनकी इस कला के लोग कायल हैं. जो ठोस थर्माकोल को शीशी के छोटे मुंह में तिनका-तिनका करके डालते हैं. फिर उसी तिनके से सपनों का महल तैयार करते हैं, जिसमें ताजमहल, कुतुबमीनार से लेकर देवी-देवता, पशु-पक्षी तक छोटे से बोतल में बंद हैं. जिसे देख हर कोई तातों दले उंगली दबा लेता है. खास बात ये है कि राम मोहन ये काम पार्ट टाइम करते हैं.
राम मोहन की एक जिज्ञासा ने उन्हें किसान से कलाकार बना दिया. उनकी इस कला के दीवानों का कहना है कि भारत सरकार और प्रदेश सरकार की तरफ से उनकी इस कला को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए. कलाकार राम मोहन रघुवंशी का कहना है कि वह अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मूर्ति को शीशी में बनाकर उन्हें भेंट करेंगे. जो उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी. कहते हैं इंसान में कुछ कर गुजरने की ललक हो तो फिर उसके हुनर को पहचान मिलने में देर नहीं लगती और उसके मंजिल के रास्ते खुद ब खुद खुलने लगते हैं.