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पानी की तरह पैसा बहाकर भी नहीं बुझी शहर की 'प्यास'

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Published : Feb 13, 2021, 4:19 PM IST

Updated : Feb 13, 2021, 4:31 PM IST

नगर के वार्ड क्रमांक 13 ताजपुर में मुख्यमंत्री की शहरी नल जल योजना के हाल बेहाल हैं. खाली बर्तन और लोगों के गले पानी की बूंदों को तरस रहे हैं. हर 3 दिन में आने वाले नगर पालिका के टैंकरो से जरूरत के पानी की भी पूर्ति नहीं हो पा रही है.

People craving for a drop of water
पानी की बूंद के लिए तरस रहे लोग

रायसेन। मुख्यमंत्री शहरी नल जल योजना में करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी कई सालों से शहरवासी पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं. नगर में पेयजल का संकट बरकरार है. बूंद-बूंद पानी के लिए लोगों को संघर्ष करना पड़ रहा है. पेयजल व्यवस्था जर्जर दिखाई दे रही है. आलम यह है कि अपनी जरूरत का पानी लाने के लिए भी लोगों को दो किलोमीटर चलकर जाना पड़ रहा है.

पानी की बूंद के लिए तरस रहे लोग
  • तीन दिन में एक बार आता है पानी का टैंकर

जनता की प्यास बुझाने के लिए नगर पालिका हर तीन दिन में पानी के टैंकर पहुंचाती है. लेकिन नगर निगम के टैंकरों से जरूरत का पानी भी नही मिल पा रहा है. ये सारी समस्या तब है जब शहरी नल जल योजना में लगभग 33 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं. इसके बाद भी लोगों को जरूरत का पानी नहीं मिल पा रहा है. आपको बता दें की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इंदौर से रायसेन नगर की शहरी पेयजल योजना का ई-लोकार्पण किया था. शहरी पेयजल योजना का उद्देश्य शहर के लोगों की जल समस्या का समाधान करना था. लेकिन गर्मी शुरू होने से पहले ही शहर जल संकट से जूझने लगा है.

  • दो किलोमीटर दूर से लाते है पानी

नगर पालिका के अंतर्गत आने वाले वार्ड क्रमांक 13 ताजपुर मोहल्ले में कई वर्षों से पेयजल समस्या बनी हुई है. नगर पालिका द्वारा शहरी नल जल योजना के तहत पाइप लाइन तो बिछाई गई हैं, पर पाइपलाइन से जलापूर्ति संभव नहीं हो रही है. लोगों के बर्तन और गले की प्यास बुझने का नाम नहीं ले रही है. स्थानीय वार्ड वासियों ने बताया कि नगर पालिका हर 3 दिन में पानी के टैंकर पहुंचाती हैं. जिनसे जरूरत का पानी भी नहीं मिल पाता. हमें पानी लेने के लिए दो किलोमीटर पैदल चलकर जाना होता है.

हम गरीब लोग हैं पानी के लिए घंटों इंतजार करें या अपने पेट पालने के लिए मजदूरी. यह हमारी गंभीर समस्या है. जिसे नगर पालिका नजरअंदाज करती है. जिन लोगों के पास नल कनेक्शन है वह भी पानी की आपूर्ति के लिए अक्सर टैंकरों पर ही निर्भर रहते हैं. जब भी पाइप लाइन में समस्या आती है. तो आठ-आठ दिनों तक पानी नहीं आता.

यह भी देखेंः महिलाओं ने किया नगर पालिका का घेराव, पेयजल की व्यवस्था कराने की मांग

  • ऊंचाई पर है वार्ड क्रमांक 13

इस संबंध में जब मुख्य नगरपालिका अधिकारी आरडी शर्मा ने बताया कि वार्ड क्रमांक 13 ऊंचाई पर स्थित है. जिसके कारण वहां पर अक्सर पानी सप्लाई में समस्या आती है. क्योंकि ग्रीष्म ऋतु भी नजदीक है तो समस्या और भी गंभीर हो सकती है. इसके चलते हम जलापूर्ति की समस्या का जल्द निराकरण करेंगे. वहां पर तीन हेडपंप हैं जिन्हें इंजीनियर द्वारा निरीक्षण कर जल्द सुधरा जाएगा.

रायसेन। मुख्यमंत्री शहरी नल जल योजना में करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी कई सालों से शहरवासी पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं. नगर में पेयजल का संकट बरकरार है. बूंद-बूंद पानी के लिए लोगों को संघर्ष करना पड़ रहा है. पेयजल व्यवस्था जर्जर दिखाई दे रही है. आलम यह है कि अपनी जरूरत का पानी लाने के लिए भी लोगों को दो किलोमीटर चलकर जाना पड़ रहा है.

पानी की बूंद के लिए तरस रहे लोग
  • तीन दिन में एक बार आता है पानी का टैंकर

जनता की प्यास बुझाने के लिए नगर पालिका हर तीन दिन में पानी के टैंकर पहुंचाती है. लेकिन नगर निगम के टैंकरों से जरूरत का पानी भी नही मिल पा रहा है. ये सारी समस्या तब है जब शहरी नल जल योजना में लगभग 33 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं. इसके बाद भी लोगों को जरूरत का पानी नहीं मिल पा रहा है. आपको बता दें की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इंदौर से रायसेन नगर की शहरी पेयजल योजना का ई-लोकार्पण किया था. शहरी पेयजल योजना का उद्देश्य शहर के लोगों की जल समस्या का समाधान करना था. लेकिन गर्मी शुरू होने से पहले ही शहर जल संकट से जूझने लगा है.

  • दो किलोमीटर दूर से लाते है पानी

नगर पालिका के अंतर्गत आने वाले वार्ड क्रमांक 13 ताजपुर मोहल्ले में कई वर्षों से पेयजल समस्या बनी हुई है. नगर पालिका द्वारा शहरी नल जल योजना के तहत पाइप लाइन तो बिछाई गई हैं, पर पाइपलाइन से जलापूर्ति संभव नहीं हो रही है. लोगों के बर्तन और गले की प्यास बुझने का नाम नहीं ले रही है. स्थानीय वार्ड वासियों ने बताया कि नगर पालिका हर 3 दिन में पानी के टैंकर पहुंचाती हैं. जिनसे जरूरत का पानी भी नहीं मिल पाता. हमें पानी लेने के लिए दो किलोमीटर पैदल चलकर जाना होता है.

हम गरीब लोग हैं पानी के लिए घंटों इंतजार करें या अपने पेट पालने के लिए मजदूरी. यह हमारी गंभीर समस्या है. जिसे नगर पालिका नजरअंदाज करती है. जिन लोगों के पास नल कनेक्शन है वह भी पानी की आपूर्ति के लिए अक्सर टैंकरों पर ही निर्भर रहते हैं. जब भी पाइप लाइन में समस्या आती है. तो आठ-आठ दिनों तक पानी नहीं आता.

यह भी देखेंः महिलाओं ने किया नगर पालिका का घेराव, पेयजल की व्यवस्था कराने की मांग

  • ऊंचाई पर है वार्ड क्रमांक 13

इस संबंध में जब मुख्य नगरपालिका अधिकारी आरडी शर्मा ने बताया कि वार्ड क्रमांक 13 ऊंचाई पर स्थित है. जिसके कारण वहां पर अक्सर पानी सप्लाई में समस्या आती है. क्योंकि ग्रीष्म ऋतु भी नजदीक है तो समस्या और भी गंभीर हो सकती है. इसके चलते हम जलापूर्ति की समस्या का जल्द निराकरण करेंगे. वहां पर तीन हेडपंप हैं जिन्हें इंजीनियर द्वारा निरीक्षण कर जल्द सुधरा जाएगा.

Last Updated : Feb 13, 2021, 4:31 PM IST
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