रायसेन। जिले के सांची जनपद के अंतर्गत आने वाले मुश्काबाद से शक्तिटोला तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत पुल का निर्माण हुआ था, जो भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है. निर्माण के 2 महीने बाद ही पुल दोनों तरफ से आधा-आधा फीट धंस गया है. जिसके बाद से ग्रामीण जान जोखिम में डालकर रोजाना पुल को पार कर रहे हैं.
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा PM ग्राम सड़क योजना के तहत बना पुल, प्रशासन और ठेकेदार पर गंभीर आरोप
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बना पुल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है. जिसके बाद ग्रामीण अब जान जोखिम में डालकर रोजाना पुल को पार करने को मजबूर हैं.
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा PM ग्राम सड़क योजना के तहत बना पुल
रायसेन। जिले के सांची जनपद के अंतर्गत आने वाले मुश्काबाद से शक्तिटोला तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत पुल का निर्माण हुआ था, जो भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है. निर्माण के 2 महीने बाद ही पुल दोनों तरफ से आधा-आधा फीट धंस गया है. जिसके बाद से ग्रामीण जान जोखिम में डालकर रोजाना पुल को पार कर रहे हैं.
Intro:सांची जनपद के अंतर्गत आने वाले मुश्काबाद से शक्तिटोला तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत सड़क का निर्माण हुआ था। जिसमें घटिया निर्माण के चलते शक्तिटोला गांव की नदी पर बना पुल जो दो महीने पहले ही बना था दोनों तरफ से आधा-आधा फिट धसक गया। जो कभी भी गिर सकता है। पुल के धसकने से एक दर्जन गांव के ग्रामीण यहां से निकलने में अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। गौरतलब है कि दर्जन भर गांव के सैंकड़ों ग्रामीण नदी पर पुल बनने का वर्षों से इंतेज़ार कर रहे थे कि पुल बनने के बाद उनकी राह आसान हो जाएगी। लेकिन यह पुल भी अधिकारियों और ठेकेदार के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। मुश्काबाद से शक्तिटोला तक जाने वाले रास्ते पर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 2.160 लंबाई का रोड निर्माण कार्य ठेकेदार मेसर्स आनंद अग्रवाल भोपाल द्वारा किया गया था। जिसका निर्माण कार्य 29 अप्रैल 2016 से प्रारंभ हुआ था।रोड का निर्माण तो पहले ही हो गया था। लेकिन नदी पर एक पुल का निर्माण अभी लगभग दो माह पूर्व ही हुआ है। यह निर्माण मेसर्स सन्नी मेटल विदिशा के ठेकेदार मोनू दुबे ने किया था।
जो पहली बारिश ही नहीं झेल पाया है पुल दोनों तरफ से आधा-आधा फिट तक धसक गया है। Body:ग्रामीणों ने भी पुल बनते टाइम शिकायत की थी कि इस पुल की लंबाई और ऊंचाई बढ़ाई जाए मगर ठेकेदार और प्रशासन ने एक नहीं मानी जिसका नतीजा ये हुआ कि पहली बारिश में ही पुल में जगह-जगह दरारें पड़ गई और पुल दोनों तरफ से धसक गया है। ऐसे में कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना भी हो सकती है। अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदार ने प्रशासन को लाखों रुपए का चूना लगाया है। और स्थानीय निवासी प्रतिदिन अपनी जान जोखिम में डालकर इस पुल पर से निकल रहे हैं। अगर शासन और प्रशासन ने शीघ्र ही इस पर ध्यान नही दिया तो कभी भी कोई गंभीर दुर्घटना यहां पर हो सकती है।Conclusion:बाइट 1रामबाबू , ग्रामीण मुश्काबाद। ने बताया कि मुश्काबाद से शक्तिटोला सड़क का निर्माण कुछ समय पूर्व ही हुआ है। इसमें नदी पर 2 महीने पहले ही पुल का निर्माण किया गया था। जो पहली बारिश में ही दोनों तरफ से आधा-आधा फिट धसक गया। ग्रामीणों ने पहले ही ठेकेदार से कहा था कि पल का निर्माण और अधिक ऊंचाई पर किया जाए लेकिन प्रारंभ से ही इसका घटिया निर्माण हुआ था। जिसके चलते पुल दोनों तरफ से धसक गया है। और कभी भी गिर सकता है अब हम ग्रामीणों को यहां से अपनी जान जोखिम में डालकर निकलना पड़ रहा है।
बाइट 2 मोहर बाई, ग्रामीण बांसिया गांव। ने बताया कि लगभग दो माह पूर्व ही लाखों रुपये कीमत से बना पुल धसकने के कारण हमारे बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। क्योंकि यह पुल इतनी खतरनाक स्थिति में हो चुका है कि कभी भी गिर सकता है। और इससे गंभीर जनहानी हो सकती है। अगर शीघ्र ही इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो कभी भी कोई बड़ा गंभीर हादसा हो सकता है।
बाइट 3 रईस खान, ग्रामीण शक्ति गांव। ने बताया कि अधिकारियों की मिलीभगत के चलते नदी पर बने पुल का प्रारंभ से ही घटिया निर्माण हुआ था। जो पहली बारिश में ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। अब इस पुल की यह हालत है कि कभी भी गिर सकता है। पुल पर से प्रतिदिन सैंकड़ों वाहन व ग्रामीणों के साथ-साथ बच्चे भी स्कूल जाने के लियें निकलते हैं। पुल धसकने के कारण सैंकड़ों लोगों की जान खतरे में है।
जो पहली बारिश ही नहीं झेल पाया है पुल दोनों तरफ से आधा-आधा फिट तक धसक गया है। Body:ग्रामीणों ने भी पुल बनते टाइम शिकायत की थी कि इस पुल की लंबाई और ऊंचाई बढ़ाई जाए मगर ठेकेदार और प्रशासन ने एक नहीं मानी जिसका नतीजा ये हुआ कि पहली बारिश में ही पुल में जगह-जगह दरारें पड़ गई और पुल दोनों तरफ से धसक गया है। ऐसे में कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना भी हो सकती है। अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदार ने प्रशासन को लाखों रुपए का चूना लगाया है। और स्थानीय निवासी प्रतिदिन अपनी जान जोखिम में डालकर इस पुल पर से निकल रहे हैं। अगर शासन और प्रशासन ने शीघ्र ही इस पर ध्यान नही दिया तो कभी भी कोई गंभीर दुर्घटना यहां पर हो सकती है।Conclusion:बाइट 1रामबाबू , ग्रामीण मुश्काबाद। ने बताया कि मुश्काबाद से शक्तिटोला सड़क का निर्माण कुछ समय पूर्व ही हुआ है। इसमें नदी पर 2 महीने पहले ही पुल का निर्माण किया गया था। जो पहली बारिश में ही दोनों तरफ से आधा-आधा फिट धसक गया। ग्रामीणों ने पहले ही ठेकेदार से कहा था कि पल का निर्माण और अधिक ऊंचाई पर किया जाए लेकिन प्रारंभ से ही इसका घटिया निर्माण हुआ था। जिसके चलते पुल दोनों तरफ से धसक गया है। और कभी भी गिर सकता है अब हम ग्रामीणों को यहां से अपनी जान जोखिम में डालकर निकलना पड़ रहा है।
बाइट 2 मोहर बाई, ग्रामीण बांसिया गांव। ने बताया कि लगभग दो माह पूर्व ही लाखों रुपये कीमत से बना पुल धसकने के कारण हमारे बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। क्योंकि यह पुल इतनी खतरनाक स्थिति में हो चुका है कि कभी भी गिर सकता है। और इससे गंभीर जनहानी हो सकती है। अगर शीघ्र ही इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो कभी भी कोई बड़ा गंभीर हादसा हो सकता है।
बाइट 3 रईस खान, ग्रामीण शक्ति गांव। ने बताया कि अधिकारियों की मिलीभगत के चलते नदी पर बने पुल का प्रारंभ से ही घटिया निर्माण हुआ था। जो पहली बारिश में ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। अब इस पुल की यह हालत है कि कभी भी गिर सकता है। पुल पर से प्रतिदिन सैंकड़ों वाहन व ग्रामीणों के साथ-साथ बच्चे भी स्कूल जाने के लियें निकलते हैं। पुल धसकने के कारण सैंकड़ों लोगों की जान खतरे में है।
Last Updated : Jul 10, 2019, 1:00 PM IST