ETV Bharat / state

लॉकडाउन में चिलर प्लांट का काम हुआ ठंडा, आर्थिक संकट से जूझ रहे संचालक

लॉकडाउन के चलते लोगों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. रायसेन के सिलवानी में चिलर प्लांट संचालकों को 10 से 20 लाख रुपए का नुकसान हो चुका है. प्लांट संचालकों को आर्थिक संकट के दौर से गुजरना पड़ रहा है.

Chiller plant trade stalled in lockdown in Raisen
लॉकडाउन में चिलर प्लांट का व्यापार ठप
author img

By

Published : May 27, 2020, 11:13 AM IST

रायसेन। सिलवानी में लॉकडाउन की वजह से चिलर प्लांट संचालकों का बुरा हाल है. गर्मी में ठंडे पानी की मांग बढ़ जाती है, लेकिन कोरोना काल में न तो ठंडे पानी की मांग है और न ही सप्लाई हो पा रही है. ऐसे में प्लांट संचालकों को 10 से 20 लाख रुपए का नुकसान हो चुका है.

लॉकडाउन में चिलर प्लांट का कामकाज भी ठप हो गया है. जिससे प्लांट संचालकों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है, चिलर प्लांट बंद होने से लोगों की नौकरी भी छिन गई है. ऐसे में अब उनके परिवार को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है.

लॉकडाउन में हो रहा लाखों का नुकसान

चिलर प्लांट संचालक का कहना है कि, मार्च से जुलाई तक 4 महीने चिलर प्लांट का सीजन होता है. इन्हीं दिनों में शादियां होती हैं, गर्मी की वजह से दुकानों और रेस्टोरेंट से लेकर हर व्यावसायिक परिसर में ठंडे जल की मांग रहती है. लॉकडाउन के कारण न तो डिमांड है, न सप्लाई. चिलर प्लांट संचालक सौरभ जैन ने बताया कि, शहर में करीब 2 से 3 प्लांट हैं, जो मांग के हिसाब से सप्लाई दे रहे हैं. कोरोना की वजह से लोगों ने बाहर से पानी लेना बंद कर दिया है.

युवाओं का छिना रोजगार

मांग खत्म होने से सप्लाई प्रभावित हुई, तो लोगों को नौकरियां छोड़नी पड़ी. संचालक ने बताया कि, उनके प्लांट पर लॉकडाउन से पहले 5 लोग काम करते थे, लेकिन अब सिर्फ दो लोग ही काम संभाल रहे हैं. 3 लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है.

रायसेन। सिलवानी में लॉकडाउन की वजह से चिलर प्लांट संचालकों का बुरा हाल है. गर्मी में ठंडे पानी की मांग बढ़ जाती है, लेकिन कोरोना काल में न तो ठंडे पानी की मांग है और न ही सप्लाई हो पा रही है. ऐसे में प्लांट संचालकों को 10 से 20 लाख रुपए का नुकसान हो चुका है.

लॉकडाउन में चिलर प्लांट का कामकाज भी ठप हो गया है. जिससे प्लांट संचालकों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है, चिलर प्लांट बंद होने से लोगों की नौकरी भी छिन गई है. ऐसे में अब उनके परिवार को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है.

लॉकडाउन में हो रहा लाखों का नुकसान

चिलर प्लांट संचालक का कहना है कि, मार्च से जुलाई तक 4 महीने चिलर प्लांट का सीजन होता है. इन्हीं दिनों में शादियां होती हैं, गर्मी की वजह से दुकानों और रेस्टोरेंट से लेकर हर व्यावसायिक परिसर में ठंडे जल की मांग रहती है. लॉकडाउन के कारण न तो डिमांड है, न सप्लाई. चिलर प्लांट संचालक सौरभ जैन ने बताया कि, शहर में करीब 2 से 3 प्लांट हैं, जो मांग के हिसाब से सप्लाई दे रहे हैं. कोरोना की वजह से लोगों ने बाहर से पानी लेना बंद कर दिया है.

युवाओं का छिना रोजगार

मांग खत्म होने से सप्लाई प्रभावित हुई, तो लोगों को नौकरियां छोड़नी पड़ी. संचालक ने बताया कि, उनके प्लांट पर लॉकडाउन से पहले 5 लोग काम करते थे, लेकिन अब सिर्फ दो लोग ही काम संभाल रहे हैं. 3 लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.