रायसेन। सांची विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी प्रभुराम चौधरी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. प्रभुराम चौधरी ने कांग्रेस प्रत्याशी मदन लाल चौधरी को करीब 63,809 मतों से हराकर एक नया रिकॉर्ड बनाया है. डॉ प्रभुराम चौधरी को 1,16,577 वोट मिले, तो कांग्रेस प्रत्याशी मदन लाल चौधरी को महज 52,768 वोट ही मिले. बताया जा रहा है कि, जब से सांची विधानसभा सीट अस्तित्व में आई है. तब से लेकर आज तक इस सीट पर कभी इतनी बड़ी जीत दर्ज नहीं की. जीत के बाद राम चौधरी को कलेक्टर ने प्रमाण पत्र सौंपा.
मतगणना की गिनती शुरू हुई, तो हर तरफ दोनों ही पार्टियों के समर्थकों का जमावड़ा देखने को मिल रहा था. दोनों ही पार्टियों के समर्थक अपने-अपने प्रत्याशियों की जीत के दावे कर रहे थे, लेकिन जैसे ही मतों की गिनती शुरू हुई, उसके बाद डॉक्टर प्रभुराम चौधरी ने जो इतिहास रचा, उसे एक बड़ी जीत में बदल दिया. वहीं मदन लाल चौधरी अपने ही ग्राम हरदोट की पोलिंग भी नहीं जीत पाए. सांची विधानसभा में भी कांग्रेस ने बिकाऊ और टिकाऊ के मुद्दे को भुनाने की कोशिश की, लेकिन प्रभुराम चौधरी ने सारे आरोपों पर विराम लगाते हुए भारी अंतर से जीत दर्ज की, डॉक्टर प्रभुराम चौधरी ने कहा कि, ये आम जनता की जीत है. संगठन की जीत है और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा किए गए विकास कार्यों की जीत है. उन्होंने इस जीत का श्रेय 'शिव-ज्योति एक्सप्रेस' को दिया है.
दो चौधरियों के बीच था मुकाबला
सांची का मुख्य मुकाबला दो चौधरियों के बीच रहा. दलबदल के बाद कांग्रेस के पुराने सिपाही प्रभुराम चौधरी के खिलाफ कांग्रेस ने मदन लाल चौधरी को चुनाव मैदान में उतारा था. कांग्रेस उम्मीदवार के मुकाबले प्रभुराम का राजनीतिक सफर 3 गुना ज्यादा है. मदन लाल चौधरी का राजनीतिक सफर वर्ष 2000 में कृषि उपज मंडी सदस्य के रूप में शुरू हुआ. वे सरपंच भी रहे. 2015 में जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में बराबर वोट मिलने पर मदन लाल चौधरी ने टॉस उछालकर चुनाव जीता था, उनकी पत्नी भी जिला पंचायत सदस्य रही हैं. मदन लाल चौधरी के सामने क्षेत्र में खुद को स्थापित करने का ये मौका था, लेकिन वो हार गए.
विधानसभा सीट का जातिगत गणित
सांची विधानसभा सीट पर अनुसूचित जाति वर्ग के 32,000 मतदाता हैं, जबकि मुस्लिम मतदाता 22000 के करीब हैं. इसके अलावा लोधी और किरार मतदाता भी हैं.