पन्ना। केंद्र और राज्य शासन ने निर्धन, दिव्यांग, वृद्ध, बेवा और कई जरूरतमंदों की सहायता के लिए अनेकों योजनाएं चलाई हैं. लेकिन पन्ना जिले की कुछ ग्राम पंचायतों में भ्रष्ट कर्मचारियों की वजह से इन योजनाओं का लाभ पात्र जरूरतमंदों को नहीं मिल पा रहा है. इसका खुलासा तब हुआ जब एक श्रमिक बेवा अपनी चार महीने के मासूम के इलाज के लिए कलेक्ट्रेट पहुंची.
ग्राम पंचायत सचिव ने किया अपात्र घोषित
पन्ना जिले की जनपद पंचायत अजयगढ़ अंतर्गत ग्राम पंचायत हरदी के बबेरू का मामला है. यहां एक मजदूर नरेश अहिरवार की मौत के बाद उसकी बेवा को संबल योजना के तहत अंत्येष्टि सहायता भी नसीब नहीं हुई. परिजनों ने किसी तरह कर्ज लेकर क्रियाकर्म पूरा किया. लेकिन संबल योजना के तहत कई योजनाओं की उम्मीद पर उस वक्त पानी फिर गया जब ग्राम पंचायत सचिव ने परिवार को संबल योजना में अपात्र घोषित कर दिया.
शिकायत पर नहीं हुई कोई कार्रवाई
महिला ने सचिव के कारनामों की शिकायत जनपद कार्यालय के अधिकारियों से भी की लेकिन वहां से झूठे आश्वासनों के अलावा कुछ हासिल नहीं हुआ. दाने-दाने को मोहताज और बीमार बच्चे को साथ लेकर पीड़िता जिला कलेक्टर ऑफिस पहुंची और अपनी फरियाद सुनाते हुए बताया कि उन्हें अब तक शासन की किसी भी योजना का लाभ नहीं मिला है.
दिया जाए योजनाओं लाभ
पीड़िता ने बताया कि उनके परिवार को आज तक राशन कार्ड से लेकर, उज्जवला योजना, शौचालय, पीएम आवास या किसी भी शासकीय योजना का लाभ नहीं मिला है. प्रभारी सचिव ने व्यक्तिगत बुराई के चलते हमारे परिवार को अपात्र बता कर हमारे साथ अन्याय किया है. यहां तक कि उसे प्रसूति सहायता भी नहीं मिली है. पति की मृत्यु के बाद वह चार महीने के मासूम बच्चे की वजह से मजदूरी भी नहीं कर पा रही है. और बच्चे का इलाज कराना भी मुश्किल हो रहा है. ऐसे में उसे संबल योजना का लाभ दिया जाए.
की जाएगी सख्त कार्रवाई
कलेक्टर संजय मिश्र ने महिला की आपबीती सुनकर 15 दिनों के अंदर समस्या का निराकरण करने की बात कही है. साथ ही सचिव के खिलाफ आरोपों की जांच के निर्देश भी दिए हैं. अगर जांच में सचिव दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.