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गड्ढे का पानी पीने को मजबूर ग्रामीण, शासन-प्रशासन ने फेरा मुंह - पवई विधानसभा

पवई विधानसभा के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत मुड़वारी में लोगों को पीने के पानी के लिए काफी दिक्कतों का सामने करना पड़ रहा है. शासन-प्रशासन से लगातार मांग के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही.

ग्राम पंचायत मुड़वारी
ग्राम पंचायत मुड़वारी
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Published : Apr 30, 2021, 4:23 PM IST

पन्ना। प्रदेश के मुख्यमंत्री पीने के पानी के लिए एक तरफ कई योजनाएं संचालित कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर ग्रामीण गन्दा पानी पीने के लिये मजबूर हैं. हम बात कर रहे हैं पन्ना की पवई विधानसभा के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत मुड़वारी की, जहां पीने के पानी के लिए लोगों को काफी दिक्कतों का सामने करना पड़ रहा है.

ग्राम पंचायत मुड़वारी
भ्रस्टाचार की भेंट चढ़ी नलजल योजनाएं

बता दें कि ग्रामीणों की पानी की समस्याओं पर आज तक किसी भी जनप्रतिनिधियों द्वारा ध्यान नही दिया गया. गर्मी शुरू होते ही हेंडपंपों से पानी की जगह हवा निकलने लगती है, कुएं तालाब सूख जाते है, नलजल योजनाए भ्रस्टाचार की भेंट चढ़ गई है, जिससे मजबूर होकर ग्रामीण गांव से निकलने वाले नदी के पानी को पीने के लिये मजबूर हैं.

शासन-प्रशासन ने ग्रामीणों से फेरा मुंह

ग्रामीणों का कहना है कि पीने के पानी की कोई व्यवस्थाएं नहीं है. हेंडपंपों से पानी नही निकलता, कुएं तालाब सूखे पड़े हैं, नलजल योजना सिर्फ दिखावे के लिए बनी हुई है. मजबूरी में हमलोग गांव से निकलने वाली नदी के बगल में गड्ढे को खोद लेते हैं, जिससे नदी का साफ पानी झिरों के माध्यम से इकट्ठा हो जाता है. जिसे हम लोग उपयोग करते हैं.

नहीं सुन रहा कोई फरियाद

पानी की समस्याओं से कई बार सरपंच, सचिव, अधिकारियों और यहां तक कि विधायक को भी अवगत करा चुके हैं, लेकिन कोई कुछ सुनने के लिए तैयार नहीं है. जिले के कलेक्टर से मांग है कि जल्द से जल्द पानी की समस्या को दूर कराएं. जिससे ग्रामीओं को स्वच्छ पानी पीने को मिल सके.

पन्ना। प्रदेश के मुख्यमंत्री पीने के पानी के लिए एक तरफ कई योजनाएं संचालित कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर ग्रामीण गन्दा पानी पीने के लिये मजबूर हैं. हम बात कर रहे हैं पन्ना की पवई विधानसभा के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत मुड़वारी की, जहां पीने के पानी के लिए लोगों को काफी दिक्कतों का सामने करना पड़ रहा है.

ग्राम पंचायत मुड़वारी
भ्रस्टाचार की भेंट चढ़ी नलजल योजनाएं

बता दें कि ग्रामीणों की पानी की समस्याओं पर आज तक किसी भी जनप्रतिनिधियों द्वारा ध्यान नही दिया गया. गर्मी शुरू होते ही हेंडपंपों से पानी की जगह हवा निकलने लगती है, कुएं तालाब सूख जाते है, नलजल योजनाए भ्रस्टाचार की भेंट चढ़ गई है, जिससे मजबूर होकर ग्रामीण गांव से निकलने वाले नदी के पानी को पीने के लिये मजबूर हैं.

शासन-प्रशासन ने ग्रामीणों से फेरा मुंह

ग्रामीणों का कहना है कि पीने के पानी की कोई व्यवस्थाएं नहीं है. हेंडपंपों से पानी नही निकलता, कुएं तालाब सूखे पड़े हैं, नलजल योजना सिर्फ दिखावे के लिए बनी हुई है. मजबूरी में हमलोग गांव से निकलने वाली नदी के बगल में गड्ढे को खोद लेते हैं, जिससे नदी का साफ पानी झिरों के माध्यम से इकट्ठा हो जाता है. जिसे हम लोग उपयोग करते हैं.

नहीं सुन रहा कोई फरियाद

पानी की समस्याओं से कई बार सरपंच, सचिव, अधिकारियों और यहां तक कि विधायक को भी अवगत करा चुके हैं, लेकिन कोई कुछ सुनने के लिए तैयार नहीं है. जिले के कलेक्टर से मांग है कि जल्द से जल्द पानी की समस्या को दूर कराएं. जिससे ग्रामीओं को स्वच्छ पानी पीने को मिल सके.

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