पन्ना। बफर एरिया के पर्यटन संचालन को लेकर हाल ही में बैठक का आयोजन किया गया था. इसमें होटल संचालकों और टूरिस्ट गाइडों के साथ बैठक कर पन्ना टाइगर रिजर्व (Panna Tiger Reserve) प्रबंधन ने अहम फैसला लिया. जिसके अनुसार अब मानसून के मौसम में भी पर्यटक बाघों सहित पन्ना टाइगर रिजर्व (पीटीआर) के अन्य जंगली जानवरों के दीदार कर सकेंगे. बता दें की 1 जुलाई से कोर एरिया का पर्यटन बंद होने जा रहा है. ऐसे में पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने बफर एरिया (Buffer Area) के पर्यटन को मानसून के मौसम में शुरू करने का फैसला लिया है.
70 से ज्यादा बाघ है मौजूद
पन्ना टाइगर प्रबंधन के द्वारा बफर एरिया के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मानसून पर्यटन (Monsoon Tourism) शुरू किया है. बफर क्षेत्र के अकोला गेट और झिन्ना गेट से पर्यटकों को बाघों सहित अन्य जंगली जानवरों का दीदार हो सकेगा. बाघों की लगातार बढ़ती संख्या से पन्ना टाइगर रिजर्व देश-विदेश के सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है. फिलहाल पीटीआर में 70 से ज्यादा छोटे-बड़े बाघ मौजूद हैं. जिससे आने वाले पर्यटकों को बाघों के दीदार आसानी से हो रहे हैं. माना जाता रहा है कि बाघों का रहवास कोर एरिया में होता है, लेकिन पन्ना टाइगर रिजर्व के अकोला बफर एरिया में इन दिनों बाघों का नया-नया रहवास बन रहा है. वहीं युवा बाघ रहने के लिए बफर एरिया को चुन रहे हैं. जिससे पर्यटकों को बाघ अकोला क्षेत्र में आसानी से दिखाई दे रहे है.
पेड़ में अटका तेंदुआ! नीचे Tiger ऊपर Leopard, फिर क्या हुआ, देखिए video
Night safari भी रहेगी जारी
पर्यटकों को अकोला क्षेत्र के पन्ना अमानगंज रोड पर अब बाघ नजर आने लगे है. जिसके मद्देनजर फैसला लिया गया है कि 1 जुलाई से कोर एरिया के मड़ला गेट और हिनौता गेट बंद हो जाएंगे. लेकिन बफर एरिया का अकोला गेट और झिन्ना गेट चालू रहेगा. दोनों क्षेत्रो में नाइट सफारी भी पर्यटकों के लिए शुरू रहेगी. जिससे पर्यटक बारिश के प्राकृतिक सौंदर्य का लुत्फ उठा सकें.
क्या होता है टाइगर रिजर्व का बफर ज़ोन?
टाइगर प्रजाति को सुरक्षित रखने के लिए कोर व बफर जोन निर्धारित किए जाते हैं.किसी भी टाइगर रिजर्व का बफर जोन वह इलाका होता है जहां तक पर्यटकों को आने-जाने दिया जाता है.कोर जोन में किसी को घुसने की इजाजत नहीं होती.
बफर में सफर
मध्य प्रदेश की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए राज्य सरकार ने पिछले वर्ष ही 'बफर में सफर' योजना शुरू की थी. इस योजना के तहत प्रदेश सरकार ने सभी संरक्षित क्षेत्रों (नेशनल पार्क, अभयारण्य) को पर्यटन के लिए बढ़ावा देने का फैसला लिया था. इसे लेकर सरकार ने विभिन्न टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक और वन्यप्राणी विशेषज्ञों से परामर्श ली. बताया गया कि प्रदेश को दोबारा टाइगर स्टेट का तमगा मिलने के बाद प्रदेश सरकार को पर्यटन से खासी उम्मीदें हैं. इसी के तहत 'बफर में सफर' की विस्तृत कार्य योजना तैयार की गई. खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों से 'आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश' में शामिल वन एवं वन्यप्राणियों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की थी.