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लॉकडाउन के चलते पन्ना टाइगर रिजर्व में होने वाला कार्यक्रम स्थगित

लॉकडाउन के चलते पन्ना टाइगर रिजर्व में होने वाला मुख्य समारोह स्थगित कर दिया गया है. समारोह में देश और विदेश के वन्यप्राणी विशेषज्ञ बाघ पुन:स्थापना में सहयोग देने वाले स्थानीय नागरिक और जनप्रतिनिधि भाग लेने वाले थे.

Celebration of Panna Tiger Reserve's successful 10-year celebrations postponed due to increased infection of Coronavirus and lockdown
कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण और लॉकडाउन के चलते पन्ना टाईगर रिजर्व के सफल 10 वर्ष पर होने वाला समारोह स्थगित
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Published : Apr 17, 2020, 3:58 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में पिछले कुछ वर्षों के दौरान बाघों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है और यही वजह है कि प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा एक बार फिर से मिला है. सरकार के अथक प्रयासों की वजह से बेहतर संरक्षण का ही नतीजा है कि, कभी बाघ शून्य हो चुका पन्ना टाइगर रिजर्व इस वर्ष अपनी विश्व में मिसाल बन चुकी सफलता का दशक वर्ष मना रहा है. लॉकडाउन के चलते पन्ना टाइगर रिजर्व में आज 16 अप्रैल को होने वाला मुख्य समारोह स्थगित कर दिया गया है. समारोह में देश और विदेश के वन्यप्राणी विशेषज्ञ बाघ पुन:स्थापना में सहयोग देने वाले स्थानीय नागरिक और जनप्रतिनिधि भाग लेने वाले थे.

दरअसल, पन्ना टाइगर रिजर्व के लिये 16 अप्रैल 2010 ऐतिहासिक दिन है. जब कान्हा टाइगर रिजर्व से लाई गई बाघिन टी-2 ने पहली बार शावकों को जन्म देकर रिजर्व में पुन: बाघों की आबादी का सुखद आगाज किया था. यह बहुत बड़ी सफलता थी. जिसकी दुनियाभर के वन्यप्राणी विशेषज्ञों ने प्रशंसा की थी. तभी से पन्ना को बाघ पुन:स्थापना में विश्वगुरू का दर्जा मिला. आज रिजर्व में छोटे-बड़े 50 से अधिक बाघ-बाघिन है.

Celebration of Panna Tiger Reserve's successful 10-year celebrations postponed due to increased infection of Coronavirus and lockdown
कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण और लॉकडाउन के चलते पन्ना टाईगर रिजर्व के सफल 10 वर्ष पर होने वाला समारोह स्थगित
सदस्य राज्य जैव विविद्यता बोर्ड और तत्कालीन क्षेत्र संचालक श्रीनिवास मूर्ति ने इस असंभव कार्य को संभव बनाने वाले टाइगर रिजर्व के अधिकारियों-कर्मचारियों और स्थानीय लोगों को इस ऐतिहासिक दिन की बधाई दी है. उन्होंने अपने जारी संदेश में जानकारी दी है कि, जिस तरह की विषम परिस्थितियां प्रदेश और देश में बनी हुई हैं. ऐसी स्थिति में किसी भी प्रकार का कोई आयोजन करना ठीक नहीं है. हालात सामान्य होने के बाद जरूर उत्साह के साथ कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा.

भोपाल। मध्यप्रदेश में पिछले कुछ वर्षों के दौरान बाघों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है और यही वजह है कि प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा एक बार फिर से मिला है. सरकार के अथक प्रयासों की वजह से बेहतर संरक्षण का ही नतीजा है कि, कभी बाघ शून्य हो चुका पन्ना टाइगर रिजर्व इस वर्ष अपनी विश्व में मिसाल बन चुकी सफलता का दशक वर्ष मना रहा है. लॉकडाउन के चलते पन्ना टाइगर रिजर्व में आज 16 अप्रैल को होने वाला मुख्य समारोह स्थगित कर दिया गया है. समारोह में देश और विदेश के वन्यप्राणी विशेषज्ञ बाघ पुन:स्थापना में सहयोग देने वाले स्थानीय नागरिक और जनप्रतिनिधि भाग लेने वाले थे.

दरअसल, पन्ना टाइगर रिजर्व के लिये 16 अप्रैल 2010 ऐतिहासिक दिन है. जब कान्हा टाइगर रिजर्व से लाई गई बाघिन टी-2 ने पहली बार शावकों को जन्म देकर रिजर्व में पुन: बाघों की आबादी का सुखद आगाज किया था. यह बहुत बड़ी सफलता थी. जिसकी दुनियाभर के वन्यप्राणी विशेषज्ञों ने प्रशंसा की थी. तभी से पन्ना को बाघ पुन:स्थापना में विश्वगुरू का दर्जा मिला. आज रिजर्व में छोटे-बड़े 50 से अधिक बाघ-बाघिन है.

Celebration of Panna Tiger Reserve's successful 10-year celebrations postponed due to increased infection of Coronavirus and lockdown
कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण और लॉकडाउन के चलते पन्ना टाईगर रिजर्व के सफल 10 वर्ष पर होने वाला समारोह स्थगित
सदस्य राज्य जैव विविद्यता बोर्ड और तत्कालीन क्षेत्र संचालक श्रीनिवास मूर्ति ने इस असंभव कार्य को संभव बनाने वाले टाइगर रिजर्व के अधिकारियों-कर्मचारियों और स्थानीय लोगों को इस ऐतिहासिक दिन की बधाई दी है. उन्होंने अपने जारी संदेश में जानकारी दी है कि, जिस तरह की विषम परिस्थितियां प्रदेश और देश में बनी हुई हैं. ऐसी स्थिति में किसी भी प्रकार का कोई आयोजन करना ठीक नहीं है. हालात सामान्य होने के बाद जरूर उत्साह के साथ कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा.
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