पन्ना। मध्यप्रदेश में गिद्धों के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश की जा रही है. पन्ना टाइगर रिजर्व में 25 गिद्धों को जीपीएस (GPS) टैग किया गया. जिससे गिद्धों के आवागमन और उनके व्यवहार से जुड़ी जानकारी रिजर्व को प्राप्त हो. यह GPS सिस्टम सौर ऊर्जा से चलता है. GPS सिस्टम से टैग किए गए गिद्दों में से एक गिद्द हिमालयन ग्रिफिन जो 60 दिन में 7 हजार 500 कि.मी की यात्रा कर चीन पहुंच गया है, वहीं दूसरा हिमालयन ग्रिफिन नेपाल में है. (Panna Tiger Reserve)
टैगिंग के बाद मिल रही जामकारी : पन्ना टाइगर रिजर्व फील्ड डायरेक्टर उत्तम कुमार शर्मा के मुताबिक GPS सिस्टम में 3D सेंसर हैं. GPS टैग डेटा उपग्रह के माध्यम से ट्रैक किया जा रहा है. जीपीएस टैगिंग का कार्य पन्ना टाइगर रिजर्व और भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून के शोधकर्त्ता की टीम 2020-21 एवं 2021-22 में सर्दियों के दौरान किया गया था. टैगिंग के बाद निरंतर जानकारी प्राप्त की जा रही है. (Solar Power GPS System)
गिद्धों के प्रबंधन में अच्छा कदम: हाल ही में दो हिमालयन ग्रिफिन गिद्धों के आने-जाने और ठहरने के बारे में जानकारी मिली है. जीपीएस टैग से पता चला कि हिमालयन ग्रिफिन HG 8673 गिद्ध पन्ना टाइगर रिजर्व से चीन के तिब्बत क्षेत्र के पास पहुंच गया है. इसी प्रकार एक अन्य हिमालयन ग्रिफिन HG 8677 पन्ना टाइगर रिजर्व से नेपाल में प्रवेश कर चुका है. जो वर्तमान में घोरपाटन हंटिंग रिजर्व के नजदीक है. (information about vultures)
पन्ना टाइगर रिजर्व में गिद्धों की 7 प्रजातियां : पन्ना टाइगर रिजर्व में गिद्धों की 7 प्रजातियां हैं. इनमें 4 निवासी और 3 प्रवासी प्रजातियां हैं. इनमें हिमालयन ग्रिफिन, यूरेशियन ग्रिफिन और सिनरस जैसी प्रवासी प्रजातियां और भारतीय लंबी चेंच वाला गिद्ध, सफेद पीठ वाला राज गिद्ध और इजीप्सियन गिद्ध जैसी प्रवासी प्रजातियां भी शामिल हैं. (panna vultures GPS tag)