पन्ना। साल 2008 में पन्ना रिजर्व में बाघ विहीन होने के बाद बाघों की वृद्धि के लिए चलाई गई बाघ पुनर्स्थापना योजना अपना रंग दिखाने लगी है. यहां लगातार बाघों की संख्या वृद्धि हो रही है. जानकारों के अनुसार इस समय पन्ना टाइगर रिजर्व के इतिहास में बाघों की सर्वाधिक संख्या है.
टाइगर रिजर्व में बाघों का पूरी तरह से सफाया हो जाने के बावजूद भी यहां के बाघों की नस्ल खत्म नहीं हुई. वर्ष 2008 में बाघों का सफाया हो जाने की घोषणा के बाद टाइगर रिजर्व में वर्ष 2009 में बाघ पुनर्स्थापना योजना शुरू की गई. योजना के तहत कान्हा और बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान से चार बाघिन तथा पेंच टाइगर रिजर्व से एक बाघ पन्ना लाया गया. 2 वर्ष की ही अल्प अवधि में ही यहां तीनों बाघिनों का सफल प्रजनन हुआ, जिसके बाद निरंतर पन्ना टाइगर रिजर्व में इनकी संख्या बढ़ती ही जा रही है.
वर्तमान में फील्ड डायरेक्टर केएस भदौरिया के अनुसार पन्ना टाइगर रिजर्व में 54 बाघ दहाड़ रहे हैं, जिसमें 37 वयस्क बाघ है. जानकार बताते हैं कि यह संख्या पन्ना टाइगर रिजर्व के इतिहास में बाघों की सर्वाधिक संख्या है.