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करीब डेढ़ माह से इंदौर के फंसे पन्ना के कई छात्र, नहीं लौट पा रहे अपने घर

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Published : May 11, 2020, 3:35 PM IST

कोरोना संक्रमण महामारी के चलते पूरे देश में लॉकडाउन घोषित किया है. जिसके चलते महानगरों में फंसे छात्रों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है. पन्ना जिले के भी कई छात्र लॉक डाउन के चलते करीब डेढ़ माह से इंदौर में फंसे हुए हैं.

Family members of students trapped in Indore upset
इंदौर में फंसे छात्रों के परिजन परेशान

पन्ना। कोरोना संक्रमण महामारी के चलते पूरे देश में लॉकडाउन घोषित किया गया है. जिसके चलते महानगरों में फंसे छात्रों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है. पन्ना जिले के भी कई छात्र लॉकडाउन के चलते करीब डेढ़ माह से इंदौर में फंसे हुए हैं. जिसको लेकर कांग्रेस पार्टी के द्वारा पूर्व में कलेक्टर पन्ना को उन्हें वापस अपने घर बुलाने को लेकर ज्ञापन सौंपा था, साथ ही इस मुद्दे को लेकर राजनैतिक गलियारों में भी हलचल तेज हो गई हैं. विपक्ष के द्वारा लगातार सत्ता पक्ष के विधायक और सांसदों पर छात्रों के घर वापसी के प्रति उदासीनता बरतने के आरोप लगाए जा रहे हैं.

Family members of students trapped in Indore upset
इंदौर में फंसे छात्रों के परिजन परेशान

दरअसल छात्र-छात्राओं के परिजनों को भी अपने बच्चों का डर सताने लगा है. पन्ना के गरीब परिवारों के छात्र छात्राओं के परिजनों से जब ईटीवी भारत ने बात की तो उनका दर्द छलक उठा. उन्होंने बताया कि पिछले 1 माह से वह डर के साए में जी रहे हैं. वह अपने बच्चों को घर वापस तो बुलाना चाहते हैं. लेकिन उनके पास इतना पैसा नहीं है कि वह हजारों रुपए की गाड़ी करके उन्हें लेने जा सकें.

जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अंकित शर्मा ने बताया कि संकट की घड़ी में श्रमिकों को लाने के लिए भाजपा की सरकारें श्रमिकों से बकायदा पैसा ले रही हैं. जिसको देखते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रदेश के कांग्रेस पार्टी के फंड से सभी श्रमिकों को उनके लाने का खर्च उठाने की बात कही थी. जिसके चलते राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने पन्ना जिले के छात्रों को पन्ना लाने के लिए बस का खर्चा वहन करने की भी बात कही थी. इसकी लिस्ट भी कलेक्टर को सौंपी जा चुकी है. बावजूद इसके छात्रों को वापस क्यों नहीं लाया जा रहा है यह समझ से परे है.

पन्ना। कोरोना संक्रमण महामारी के चलते पूरे देश में लॉकडाउन घोषित किया गया है. जिसके चलते महानगरों में फंसे छात्रों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है. पन्ना जिले के भी कई छात्र लॉकडाउन के चलते करीब डेढ़ माह से इंदौर में फंसे हुए हैं. जिसको लेकर कांग्रेस पार्टी के द्वारा पूर्व में कलेक्टर पन्ना को उन्हें वापस अपने घर बुलाने को लेकर ज्ञापन सौंपा था, साथ ही इस मुद्दे को लेकर राजनैतिक गलियारों में भी हलचल तेज हो गई हैं. विपक्ष के द्वारा लगातार सत्ता पक्ष के विधायक और सांसदों पर छात्रों के घर वापसी के प्रति उदासीनता बरतने के आरोप लगाए जा रहे हैं.

Family members of students trapped in Indore upset
इंदौर में फंसे छात्रों के परिजन परेशान

दरअसल छात्र-छात्राओं के परिजनों को भी अपने बच्चों का डर सताने लगा है. पन्ना के गरीब परिवारों के छात्र छात्राओं के परिजनों से जब ईटीवी भारत ने बात की तो उनका दर्द छलक उठा. उन्होंने बताया कि पिछले 1 माह से वह डर के साए में जी रहे हैं. वह अपने बच्चों को घर वापस तो बुलाना चाहते हैं. लेकिन उनके पास इतना पैसा नहीं है कि वह हजारों रुपए की गाड़ी करके उन्हें लेने जा सकें.

जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अंकित शर्मा ने बताया कि संकट की घड़ी में श्रमिकों को लाने के लिए भाजपा की सरकारें श्रमिकों से बकायदा पैसा ले रही हैं. जिसको देखते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रदेश के कांग्रेस पार्टी के फंड से सभी श्रमिकों को उनके लाने का खर्च उठाने की बात कही थी. जिसके चलते राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने पन्ना जिले के छात्रों को पन्ना लाने के लिए बस का खर्चा वहन करने की भी बात कही थी. इसकी लिस्ट भी कलेक्टर को सौंपी जा चुकी है. बावजूद इसके छात्रों को वापस क्यों नहीं लाया जा रहा है यह समझ से परे है.

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