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भगवान श्री जुगल किशोर जी का अनोखा मंदिर, कनक कटोरा स्वरूप में भक्तों को देते हैं दर्शन - जुगल किशोर जी का सबसे अनोखा मंदिर

पन्ना जिला अपने ऐतिहासिक मंदिरों के लिए जाना जाता है. इन्हीं मंदिरों में एक सबसे अनोखा मंदिर है भगवान श्री जुगल किशोर जी का. यहां श्रद्धालु भगवान के इस स्वरूप के दर्शन करके अपने आप को धन्य समझते हैं.

भगवान श्री जुगल किशोर जी का अनोखा मंदिर
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Published : Nov 16, 2019, 2:35 PM IST

पन्ना। ये जिला ऐतिहासिक मंदिरों के लिए जाना जाता है. यहां कई ऐतिहासिक और प्राचीन मंदिर हैं, जो अपने आप में अलग महत्व रखते हैं. इन्हीं मंदिरों में से एक है भगवान श्री जुगल किशोर जी का मंदिर, जो जिले का सबसे अनोखा मंदिर है.

ईटीवी भारत आज श्री जुगल किशोर जी के मंदिर पहुंचा, जहां ठीक 8 बजे भगवान के पट खोले जाते हैं. भक्तों को भगवान जुगल किशोर जी ने अपने कनक कटोरा स्वरूप के दर्शन दिए.

भगवान श्री जुगल किशोर जी का अनोखा मंदिर

माना जाता है कि ठीक 8 बजे भगवान श्रीकृष्ण नाश्ता करके अपनी गायों को जंगलों में चराने के लिए ले जाया करते हैं. यहां श्रद्धालु भगवान के इस स्वरूप के दर्शन करके अपने आप को धन्य समझते हैं. वहीं दोपहर में भगवान के पट फिर से खुलते हैं और आरती होती है.

पन्ना। ये जिला ऐतिहासिक मंदिरों के लिए जाना जाता है. यहां कई ऐतिहासिक और प्राचीन मंदिर हैं, जो अपने आप में अलग महत्व रखते हैं. इन्हीं मंदिरों में से एक है भगवान श्री जुगल किशोर जी का मंदिर, जो जिले का सबसे अनोखा मंदिर है.

ईटीवी भारत आज श्री जुगल किशोर जी के मंदिर पहुंचा, जहां ठीक 8 बजे भगवान के पट खोले जाते हैं. भक्तों को भगवान जुगल किशोर जी ने अपने कनक कटोरा स्वरूप के दर्शन दिए.

भगवान श्री जुगल किशोर जी का अनोखा मंदिर

माना जाता है कि ठीक 8 बजे भगवान श्रीकृष्ण नाश्ता करके अपनी गायों को जंगलों में चराने के लिए ले जाया करते हैं. यहां श्रद्धालु भगवान के इस स्वरूप के दर्शन करके अपने आप को धन्य समझते हैं. वहीं दोपहर में भगवान के पट फिर से खुलते हैं और आरती होती है.

Intro:पन्ना।
एंकर :- पन्ना जिला जो अपने ऐतिहासिक मंदिरो के लिए जाना जाता है। पन्ना में कई ऐतिहासिक और प्राचीन मंदिर है। इन्ही मंदिरो में एक सबसे अनोखा मंदिर है भगवान श्री जुगल किशोर जी का मंदिर।


Body:ईटीवी भारत आज श्री जुगल किशोर जी मंदिर पहुँचा जहा पर ठीक 8 बजे भगवान के पट खोले जाते है। भक्तों को भगवान जुगल किशोर जी ने अपने कनक कटोरा स्वरूप के दर्शन दिए।


Conclusion:माना जाता है कि ठीक 8 बजे भगवान श्रीकृष्ण नास्ता करके अपनी गायों को जंगलों में चराने के लिए ले जाया करते थे। श्रद्धालु भी भगवान के इस स्वरूप के दर्शन करके अपने आप को धन्य समझते है। वही दोपहर में भगवान के फिर पट खुलते है और आरती होती है।
पीटीसी :- मुकेश कुमार
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