ETV Bharat / state

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी सरकारी योजनाएं, पशुपालकों को नहीं मिल रहा योजनाओं का लाभ

author img

By

Published : Dec 6, 2020, 1:29 PM IST

गुनौर स्थित शासकीय पशु चिकित्सालय में इन दिनों लोगों को शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. यहां पशु चिकित्सालय ज्यादातर समय बंद रहता है और डॉक्टर भी गायब रहते हैं. गुनौर के स्थानीय लोगों ने कई बार प्रशासन से इस संबंध में शिकायत की लेकिन आज तक कोई भी सुधार नहीं हुआ.

Veterinary Hospital Gunnaur
गुनौर पशु चिकित्सालय

पन्ना: गुनौर स्थित शासकीय पशु चिकित्सालय का हाल बेहाल है. ज्यादातर वक्त यहां पशु चिकित्सालय बंद रहता है और डॉक्टर गायब. गुनौर के स्थानीय लोगों ने कई बार प्रशासन से इस संबंध में शिकायत भी की लेकिन आज तक हालात में कोई सुधार नहीं हुआ. सरकारी योजना का लाभ पाने के लिए किसान और पशुपालक दर-दर भटक रहे हैं. पशु लोन लेने के लिए कागज लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं. 45 वर्षीय रामलगन पाल जो पेशे से किसान हैं, पशु चिकित्सालय गुनौर के अधिकारियों और कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाते हैं. उनकी माने तो खेती-बाड़ी छोड़कर करीब डेढ़ माह पहले पशु लोन लेने के लिए फार्म जमा किया था लेकिन पशु चिकित्सालय गुनौर के चक्कर काट-काट कर परेशान हो चुके हैं लेकिन अब तक पशु लोन नहीं मिला.

कोई भी जब पशु चिकित्सालय जाता है तो ऑफिस बंद रहता है. अगर कभी ऑफिस खुला मिले तो यह कहकर भगा दिया जाता है कि अभी साहब बीमार हैं. किसानों की बात पर गौर करें तो ज्ञात होता है कि पशु चिकित्सालय गुनौर में योजना का लाभ लेना इतना आसान नहीं है. सरकारी कागजों से मिली जानकारी के अनुसार हर ग्राम पंचायत में एक पशुपालक तैनात है जिसको सरकार द्वारा मानदेय भी देने का प्रावधान है. इनका काम पशुओं के स्वास्थ्य के लिए समय पर इलाज कराना और सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाना है. लेकिन इन कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से सरकार की सभी योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं.

राम लगन पाल सहित अन्य किसानों का आरोप है कि गुनौर क्षेत्र में जिन लोगों को वत्स प्रोत्साहन राशि या केसीसी प्रदान किया गया है उनकी अगर जांच करा ली जाए तो सबकी पोल खुल जाएगी. जिन दवाओं और अन्य सुविधाओं का लाभ पशु चिकित्सालय के माध्यम से प्रदान करने की सरकारी मंशा है वो कागजी खानापूर्ति तक ही सीमित है.

पन्ना: गुनौर स्थित शासकीय पशु चिकित्सालय का हाल बेहाल है. ज्यादातर वक्त यहां पशु चिकित्सालय बंद रहता है और डॉक्टर गायब. गुनौर के स्थानीय लोगों ने कई बार प्रशासन से इस संबंध में शिकायत भी की लेकिन आज तक हालात में कोई सुधार नहीं हुआ. सरकारी योजना का लाभ पाने के लिए किसान और पशुपालक दर-दर भटक रहे हैं. पशु लोन लेने के लिए कागज लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं. 45 वर्षीय रामलगन पाल जो पेशे से किसान हैं, पशु चिकित्सालय गुनौर के अधिकारियों और कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाते हैं. उनकी माने तो खेती-बाड़ी छोड़कर करीब डेढ़ माह पहले पशु लोन लेने के लिए फार्म जमा किया था लेकिन पशु चिकित्सालय गुनौर के चक्कर काट-काट कर परेशान हो चुके हैं लेकिन अब तक पशु लोन नहीं मिला.

कोई भी जब पशु चिकित्सालय जाता है तो ऑफिस बंद रहता है. अगर कभी ऑफिस खुला मिले तो यह कहकर भगा दिया जाता है कि अभी साहब बीमार हैं. किसानों की बात पर गौर करें तो ज्ञात होता है कि पशु चिकित्सालय गुनौर में योजना का लाभ लेना इतना आसान नहीं है. सरकारी कागजों से मिली जानकारी के अनुसार हर ग्राम पंचायत में एक पशुपालक तैनात है जिसको सरकार द्वारा मानदेय भी देने का प्रावधान है. इनका काम पशुओं के स्वास्थ्य के लिए समय पर इलाज कराना और सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाना है. लेकिन इन कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से सरकार की सभी योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं.

राम लगन पाल सहित अन्य किसानों का आरोप है कि गुनौर क्षेत्र में जिन लोगों को वत्स प्रोत्साहन राशि या केसीसी प्रदान किया गया है उनकी अगर जांच करा ली जाए तो सबकी पोल खुल जाएगी. जिन दवाओं और अन्य सुविधाओं का लाभ पशु चिकित्सालय के माध्यम से प्रदान करने की सरकारी मंशा है वो कागजी खानापूर्ति तक ही सीमित है.

For All Latest Updates

TAGGED:

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.