ETV Bharat / state

सरकारी और निजी स्कूलों में नहीं किया जा रहा सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन

सरकारी और निजी स्कूलों में सुप्रीम कोर्ट के दिए आदेशों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है. पन्ना के कई स्कूलों में अभी भी बच्चे भारी- भरकम स्कूल बैग लेकर कर स्कूल जाने को मजबूर हैं.

बच्चों के स्कूल बैग भारी
author img

By

Published : Jul 20, 2019, 10:18 PM IST

पन्ना। सरकारी और निजी स्कूलों में सुप्रीम कोर्ट के दिए आदेशों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है. पन्ना के कई स्कूलों में अभी भी बच्चे भारी- भरकम स्कूल बैग लेकर कर स्कूल जाने को मजबूर हैं. क्योंकि स्कूल बोर्ड द्वारा निर्धारित विषय के साथ- साथ दूसरी किताबें बच्चों को पढ़ाई जा रही है.

बच्चों के परिजनों का कहना है कि सुप्रीमकोर्ट के निर्देशों के बाद भी वे भारी भरकम बैग ले जाने को मजबूर हैं. जिसका अशर न केवल उनके स्वास्थ्य पर पड़ता है. बल्कि कई बार उन्हें भारी भरकम बैग की वजह से कई समस्यायों का सामना भी करना पड़ता है. वही स्कूल प्रबंधन नियमों का पूरा पालन करने की बात कर रहे हैं.

सरकारी और निजी स्कूलों में नियम का नहीं हो रहा पालन

मानव संसाधन विकास मंत्रालय और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद निजी और सरकारी स्कूलों में बच्चों के बैग के वजन तय किये गए थे. जिससे कक्षा दर कक्षा बच्चो भारी-भरकम बैग लेकर स्कूल ना जाना पड़े. इसलिए पांच किलो वजन ही दसवीं क्लास के लिए तय किया गया था. इसी तरह कक्षा 1 से10 वीं तक के छात्र- छात्राओं के बैग का अधिकतम वजन भी तय कर दिया गया था. जिसके निर्देश भी सभी को दिए गए थे. जिससे इसका कड़ाई से पालन करवाया जाए.

पन्ना। सरकारी और निजी स्कूलों में सुप्रीम कोर्ट के दिए आदेशों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है. पन्ना के कई स्कूलों में अभी भी बच्चे भारी- भरकम स्कूल बैग लेकर कर स्कूल जाने को मजबूर हैं. क्योंकि स्कूल बोर्ड द्वारा निर्धारित विषय के साथ- साथ दूसरी किताबें बच्चों को पढ़ाई जा रही है.

बच्चों के परिजनों का कहना है कि सुप्रीमकोर्ट के निर्देशों के बाद भी वे भारी भरकम बैग ले जाने को मजबूर हैं. जिसका अशर न केवल उनके स्वास्थ्य पर पड़ता है. बल्कि कई बार उन्हें भारी भरकम बैग की वजह से कई समस्यायों का सामना भी करना पड़ता है. वही स्कूल प्रबंधन नियमों का पूरा पालन करने की बात कर रहे हैं.

सरकारी और निजी स्कूलों में नियम का नहीं हो रहा पालन

मानव संसाधन विकास मंत्रालय और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद निजी और सरकारी स्कूलों में बच्चों के बैग के वजन तय किये गए थे. जिससे कक्षा दर कक्षा बच्चो भारी-भरकम बैग लेकर स्कूल ना जाना पड़े. इसलिए पांच किलो वजन ही दसवीं क्लास के लिए तय किया गया था. इसी तरह कक्षा 1 से10 वीं तक के छात्र- छात्राओं के बैग का अधिकतम वजन भी तय कर दिया गया था. जिसके निर्देश भी सभी को दिए गए थे. जिससे इसका कड़ाई से पालन करवाया जाए.

Intro:एंकर :- मानव संसाधन विकास मंत्रालय एवं सुप्रीमकोर्ट के आदेश दिए थे कि निजी एवं शासकीय स्कूलो में बच्चो के बस्ते के वजन तय किये गए थे ताकि कक्षा दर कक्षा बच्चो भारी-भरकम बेग लेकर न स्कूल जाना पड़े इस लिए 5 किलो वजन ही कक्षा 10 वी तक तय किया गया था इसी प्रकार कक्षा 1 से कक्षा 10 वी तक के छात्र-छात्राओं के बस्तों का अधिकतम वजन भी तय कर दिया गया था जिसके निर्देश भी सभी को दिए गए तबे की इसका कड़ाई से पालन करवाया जाए।


Body:लेकिन पन्ना के निजी स्कूलो और शासकीय विद्यालयों में इस आदेश का कोई खास अशर देखने को नही मिल रहा है। पन्ना के कई स्कूलो जैसे लिश्यू आनंद विद्यालय एवं केंद्रीय विद्यालयों सहित अन्य स्कूलो में आज भी बच्चे भारी-भरकम बेग ले कर स्कूल जाने को मजबूर है क्योंकि विद्यालयों में बोर्ड द्वारा निर्धारित विषय के साथ-साथ अन्य किताबे भी बच्चो को पढ़ाई जा रही है जिस कारण से बच्चे भारी-भरकम बस्ते ले कर स्कूल जाने को मजबूर है।


Conclusion:बच्चो के अभिभावकों का कहना है कि सुप्रीमकोर्ट के निर्देशों के बाद भी बच्चे भारी भरकम बस्ते ले जाने को मजबूर है जिसका अशर न केवल उनके स्वस्थ पर पड़ता है बल्कि कई बार उन्हें भारी भरकम बेग की वजह से कई समस्यायों का सामना भी करना पड़ता है। वही स्कूल प्रबंधन नियमो का पूरा पूरा पालन करने की बात कर रहे है।
बाइट :- 1 मनीष मिश्रा (अभिभावक)
बाइट :- 2 प्राचार्य केंद्रीय विद्यालय पन्ना
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.