पन्ना। आंगनबाड़ी केंद्र के प्रांगण में स्थित कुएं में एक बच्ची और सहायिका गिर गए, जिन्हें आनन-फानन में ग्रामीणों की मदद से कुएं से बाहर निकाला गया. इसके बाद तत्काल पहाड़ीखेरा स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया, जहां पर डॉक्टर और स्टाफ नर्स नहीं मिलने से दोनों को जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया. फिलहाल घायल सहायिका और बच्ची का उपचार जारी है.
बताया जा रहा है कि हादसा उस वक्त हुआ, जब आंगनबाड़ी केंद्र की सहायिका कुएं के पास बच्चों के हाथ धुलावा रही थी. तभी अचानक कुएं की लेंटर वाली छत टूट गई. इस दौरान एक 4 वर्षीय बच्ची और खुद सहायिका कुएं में जा गिरी. चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनते ही ग्रामीण तुरंत मौके पर पहुंचे. ग्रामीणों ने बड़ी मुश्किल से दोनों को कुएं से बाहर निकाला. घटना की सूचना मिलते ही महिला एवं बाल विकास के परियोजना अधिकारी भी मौके पर पहुंचे. उन्होंने तत्काल पुलिस और एम्बुलेंस को इस घटना की सूचना दी. सूचना मिलने पर पुलिस तो मौके पर पहुंच गई, लेकिन सरकारी सिस्टम की लाचारी के कारण घायल सहायिका और बच्ची को एम्बुलेंस की सुविधा नहीं मिल सकी.
काफी समय इंतजार करने के बाद जब एम्बुलेंस नहीं पहुंची, तो परियोजना अधिकारी खुद अपनी गाड़ी से घायलों को पहाड़ीखेरा स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे. जहां पर न तो डॉक्टर मिले और न ही कोई स्टाफ कर्मचारी. इसके बाद घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां दोनों का इलाज जारी है.
इस हादसे के बाद सरकारी सिस्टम पर बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है. जब आंगनबाड़ी केंद्र में कुआं था, तो उसे ढकवाया क्यों नहीं गया. साथ ही जो लेंटर से कुआं थोड़ा-बहुत ढका भी था, तो उसकी रिपेयरिंग क्यों नहीं करवाई गई.