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जिला अस्पताल के सफाईकर्मी गए हड़ताल पर, गंदगी के बीच हो रहा मरीजों का इलाज

पन्ना जिला चिकित्सालय के सफाई कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं, जिससे जिला चिकित्सालय की सफाई व्यवस्था भी पूरी तरह से लड़खड़ा गई है. वार्डो की गंदगी के कारण वार्ड में भर्ती मरीजों और उनके परिजनों का बुरा हाल है साथ ही बच्चों को संक्रमण बीमारी होने की आशंका है.

पन्ना जिला चिकित्सालय के सफाई कर्मचारी हड़ताल पर
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Published : Nov 12, 2019, 7:46 PM IST

पन्ना। जिला चिकित्सालय के सफाई कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं, जिससे जिला चिकित्सालय की सफाई व्यवस्था भी पूरी तरह से लड़खड़ा गई है. वार्डो की गंदगी के कारण वार्ड में भर्ती मरीजों और उनके परिजनों का बुरा हाल है साथ ही बच्चों को संक्रमण बीमारी होने की आशंका है.

जिला अस्पताल के सफाईकर्मी गए हड़ताल पर
अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस के बैनर तले अनिश्चितकालीन हड़ताल से जिला अस्पताल में सफाई व्यवस्था चरमरा गई है. पूरे जिला चिकित्सालय परिसर में गंदगी का आलम है, सफाई कर्मचारियों के अनुसार 3 माह से मानदेय नहीं मिला और पूर्व ठेका कंपनी काम से पीएफ की राशि भी नहीं दिलवाई जा रही है. सफाई कर्मचारियों ने बताया कि इससे पहले भी 15 दिन सभी कर्मचारियों ने काम बंद कर हड़ताल की थी. जिस पर अस्पताल प्रबंधन ने 15 दिन में ही समस्याओं के निराकरण का भरोसा दिला कर हड़ताल समाप्त करवा दी थी. लेकिन आश्वासन के बाद भी समस्या का समाधान नहीं किया गया. जिससे सफाई कर्मचारियों को 1 माह में दूसरी बार हड़ताल पर जाना पड़ा इसके साथ ही तीन-तीन माह तक का भुगतान नहीं किया जाता. जिस वजह से परिवार का भरण-पोषण नहीं हो पा रहा है.

पन्ना। जिला चिकित्सालय के सफाई कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं, जिससे जिला चिकित्सालय की सफाई व्यवस्था भी पूरी तरह से लड़खड़ा गई है. वार्डो की गंदगी के कारण वार्ड में भर्ती मरीजों और उनके परिजनों का बुरा हाल है साथ ही बच्चों को संक्रमण बीमारी होने की आशंका है.

जिला अस्पताल के सफाईकर्मी गए हड़ताल पर
अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस के बैनर तले अनिश्चितकालीन हड़ताल से जिला अस्पताल में सफाई व्यवस्था चरमरा गई है. पूरे जिला चिकित्सालय परिसर में गंदगी का आलम है, सफाई कर्मचारियों के अनुसार 3 माह से मानदेय नहीं मिला और पूर्व ठेका कंपनी काम से पीएफ की राशि भी नहीं दिलवाई जा रही है. सफाई कर्मचारियों ने बताया कि इससे पहले भी 15 दिन सभी कर्मचारियों ने काम बंद कर हड़ताल की थी. जिस पर अस्पताल प्रबंधन ने 15 दिन में ही समस्याओं के निराकरण का भरोसा दिला कर हड़ताल समाप्त करवा दी थी. लेकिन आश्वासन के बाद भी समस्या का समाधान नहीं किया गया. जिससे सफाई कर्मचारियों को 1 माह में दूसरी बार हड़ताल पर जाना पड़ा इसके साथ ही तीन-तीन माह तक का भुगतान नहीं किया जाता. जिस वजह से परिवार का भरण-पोषण नहीं हो पा रहा है.
Intro:पन्ना।
एंकर :- जिला चिकित्सालय के सफाई कर्मचारी लगातार अनिश्चितकालीन काम बंद कर हड़ताल पर बैठे हैं इससे जिला चिकित्सालय की सफाई व्यवस्था भी पूरी तरह से लड़खड़ा गई है देखा जा रहा है कि डस्टबिन तक साफ नहीं हुआ और वार्डो कोने में कचरे के अंबार लगे हुए हैं जहां देखो वहीं गंदगी बिखरी हुई है वार्डो की गंदगी के कारण वार्ड 2 में भर्ती मरीजों और उनके परिजनों का बुरा हाल है इसके साथ ही बच्चों को संक्रमण बीमारी भी होने की आशंका है।


Body:अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस के बैनर तले जारी अनिश्चितकालीन हड़ताल से जिला अस्पताल की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है पूरे जिला चिकित्सालय परिसर में गंदगी का आलम है सफाई कर्मचारियों के अनुसार 3 माह से मानदेय नहीं मिल और पूर्व ठेका कंपनी काम थेन से पीएफ की राशि भी नहीं दिलवाई जा रही है इससे पहले भी 15 दिन सभी कर्मचारियों ने काम बंद कर हड़ताल की थी जिस पर अस्पताल प्रबंधन ने 15 दिन में समस्याओं के निराकरण का भरोसा दिला कर हड़ताल समाप्त करवा दी थी।


Conclusion:सफाई कर्मचारियों ने बताया कि आश्वासन के बाद भी किसी समस्या का समाधान नहीं किया गया जिससे सफाई कर्मचारियों को 1 माह में दूसरी बार हड़ताल पर जाना पड़ा इसके साथ ही तीन-तीन माह तक उनको भुगतान नहीं किया जाता है जिस वजह से उनके परिवार का भरण पोषण नहीं हो पा रहा सफाई नहीं होने से डस्टबिन तो दोपहर तक ही ऊफान मार जाती है अब वार्डो में जहां पर डस्टबिन रखी है वही कूड़ा दान बन गए हैं इन कोनों में कचरे के ढेर लगे हुए हैं जिससे मरीजों को संक्रमित बीमारी होने का भी खतरा मंडरा रहा है।
बाइट :- 1 माया (सफाई कर्मचारी)
बाइट :- 2 सुनील (अध्यक्ष अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस)
बाइट :- 3 आर. एस. त्रिपाठी (सिविल सर्जन पन्ना)
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