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आंगनबाड़ी केंद्रों में मासूमों को नहीं मिल रहा नाश्ता, सरकारी फाइलों में चल रही सांझा चूल्हा योजना

अगर जमीनी स्तर पर पन्ना जिले में देखा जाए तो लगभग 10% आंगनबाड़ी केंद्रों में ही बच्चों को नाश्ता दिया जा रहा है. जिस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

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Published : Sep 10, 2019, 4:02 PM IST

बच्चों को नहीं मिल रहा सांझा चूल्हा योजना का लाभ

पन्ना। सरकारी फाइलों में सरकार चाहे कितनी भी योजनाएं क्यों न दर्ज करा दे, लेकिन इन योजनाओं की जमीनी हकीकत उम्मीदों पर खरा नहीं उतरती. सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों को नहीं मिल पा रहा है. इन क्षेत्रों में सरकार सांझा चूल्हा योजना सिर्फ दस्तावेजों में ही संचालित हो रही है.

बच्चों को नहीं मिल रहा सांझा चूल्हा योजना का लाभ


सांझा चूल्हा योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को भोजन के पहले नाश्ते के रूप में पौष्टिक आहार दिया जाता है, लेकिन पन्ना जिले के ज्यादातर पहाड़ी एवं ग्रामीण क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्रों में इसका वितरण नहीं किया जा रहा है और जो खाना दिया जाता है वह भी गुणवत्ता विहीन होता है.आंगनबाड़ी में पदस्थ कार्यकर्ताओं का कहना है कि बच्चों को खाना तो खिलाते हैं, लेकिन नाश्ते के लिए कुछ भी नहीं आता. इस मामले में महिला एवं बाल विकास अधिकारी ने जांच कराने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिये.

पन्ना। सरकारी फाइलों में सरकार चाहे कितनी भी योजनाएं क्यों न दर्ज करा दे, लेकिन इन योजनाओं की जमीनी हकीकत उम्मीदों पर खरा नहीं उतरती. सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों को नहीं मिल पा रहा है. इन क्षेत्रों में सरकार सांझा चूल्हा योजना सिर्फ दस्तावेजों में ही संचालित हो रही है.

बच्चों को नहीं मिल रहा सांझा चूल्हा योजना का लाभ


सांझा चूल्हा योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को भोजन के पहले नाश्ते के रूप में पौष्टिक आहार दिया जाता है, लेकिन पन्ना जिले के ज्यादातर पहाड़ी एवं ग्रामीण क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्रों में इसका वितरण नहीं किया जा रहा है और जो खाना दिया जाता है वह भी गुणवत्ता विहीन होता है.आंगनबाड़ी में पदस्थ कार्यकर्ताओं का कहना है कि बच्चों को खाना तो खिलाते हैं, लेकिन नाश्ते के लिए कुछ भी नहीं आता. इस मामले में महिला एवं बाल विकास अधिकारी ने जांच कराने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिये.

Intro:पन्ना।
एंकर - भले ही सरकार द्वारा योजनाएं तो चला दी जाती हैं और योजनाओं में करोड़ों रुपए भी खर्च कर दिये जाते हैं लेकिन इसका लाभ ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों को नहीं मिल पाता ऐसी कुछ योजनाएं केवल कागजों में ही संचालित होती हैं और उसका लाभ योजना से संबंधित अधिकारियों और ठेकेदारों को ही मिल पाता है हम बात कर रहे हैं शासन द्वारा चलाई जा रही सांझा चूल्हा योजना की जिसके तहत आंगनवाड़ी में बच्चों को भोजन के पहले नाश्ता के रूप में पौष्टिक आहार दिया जाता है लेकिन पन्ना जिले में बहुत से पहाड़ी एवं ग्रामीण क्षेत्र की आंगनबाड़ियों में इसका वितरण नहीं किया जाता एवं जो भोजन दिया जाता है वह भी गुणवत्ता विहीन होता है ।
Body:आंगनवाड़ी में पदस्थ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से जब हमने बात की दोनों का कहना है कि बच्चों के लिए खाने के अलावा और कुछ नहीं आता है बच्चों को हम लोग प्रतिदिन खाना तो खिलाते हैं लेकिन नाश्ते के लिए कुछ भी नहीं आता। जब इस संबंध में जब महिला बाल विकास अधिकारी से बात की गई तो उन का कहना है कि नाश्ता तो दिया जाता है जिन आंगनबाड़ियों में नाश्ता नहीं दिया जाता उन को नाश्ता का पैसा भी नहीं दिया जाता मैं जांच करूंगा यदि ऐसा पाया जाता है तो कार्यवाही करूंगा ।Conclusion:अगर जमीनी स्तर पर पन्ना जिले में देखा जाए तो लगभग 10% आंगनबाड़ीयों में ही नाश्ता का वितरण किया जाता है फिर भी सालों से जांच क्यों नहीं की गई और कार्यवाही क्यों नहीं की गई क्या कारण है कहीं ना कहीं यह एक बड़ा सवाल।
बाइट :- 1 ज्योति (आंगनबाड़ी कार्यकर्ता)
बाइट :- 2 (आंगनबाड़ी कार्यकर्ता)
बाइट :- 3 ऊदल सिंह ठाकुर (महिला एवं बाल विकास अधिकारी पन्ना)
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