पन्ना। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अति महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना ‘अन्न उत्सव’ का 16 सिंतबर यानी बुधवार को प्रदेशभर में शुभारंभ किया गया. प्रदेश की धरती पर कोई भी भूखा नहीं सोए और न ही गरीब की थाली कभी खाली रहे. इस संकल्प के साथ प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रदेश के ऐसे 36 लाख 86 हजार 856 गरीब को चिन्हित किया जाए, जिनके पास राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत पात्रता पर्ची नहीं है. उन्हें पात्रता पर्ची जारी कर उचित मूल्य पर राशन प्रदान करने का उद्देश्य लिया जाए.
जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाली बख्तरी ग्राम पंचायत में भी कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए योजना का शुभारंभ किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय खाद्य आपूर्ति विभाग मजदूर संघ के जिला अध्यक्ष केपी सिंह बुंदेला सहित आदिम जाति कल्याण विभाग छात्रावास अधीक्षक दिनेश मिश्रा, सचिव गणेश कुशवाहा, सरपंच प्रतिनिधि स्वरूपा आदिवासी, रोजगार सहायक रुची बुंदेला, पटवारी अजय पाठक, सेल्समैन भूपेंद्र सिंह सहित ग्रामवासी उपस्थिति रहे, जिसमें 15 हितग्राहियों को खाद्यान्न पर्ची देकर अनाज वितरण किया गया. साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का मोबाइल पर संदेश वाचन सुनाया गया. इस दौरान सचिव और रोजगार सहायक ने ग्रामीणों की समस्याएं सुनी और जल्द समाधान का आश्वासन दिया.
आदिवासी वनवासी संगठन के जिला प्रभारी एवं राष्ट्रीय खाद्य आपूर्ति मजदूर संघ के जिला अध्यक्ष केपी सिंह बुंदेला ने कहा कि जिले में लगातार पात्र गरीबों को खाद्यान्न पर्ची की लड़ाई लड़नी पड़ रही है. विगत 3 माह पहले तहसीलदार देवेन्द्र नगर के माध्यम से कलेक्टर और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया था. उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आज गरीबों के लिए बड़े हर्ष का दिन है.
जिला अध्यक्ष केपी सिंह बुंदेला ने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से खाद्यान्न पर्ची और अनाज वितरण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि वह आदिवासी वनवासी दलित अल्पसंख्यक के लिए लड़ाई लड़ रहे थे, जो कुछ हद तक सफल होती जा रही है. वन भूमि पर काबिज आदिवासियों के लिए पट्टा वितरण का कार्यक्रम मध्य प्रदेश शासन द्वारा 19 सितंबर को आयोजित किया जाना है.
आदिम जाति कल्याण विभाग के छात्रावास अधीक्षक दिनेश मिश्रा ने कहा कि गरीबों को जब योजनाओं का लाभ मिलता है, तो बड़ा हर्ष होता है. व्यक्ति को आशावादी परोपकारी होना चाहिए. आदिवासी वनवासी संगठन के जिला प्रभारी की प्रशंसा कर उन्होंने कहा कि जिन गरीब परिवारों को गेहूं, चावल, दाल, नमक नहीं मिल पा रहा था, उन्हें इस योजना के माध्यम से पंहुचाया जाएगा. इसी तरह आदिवासियों को उनकी जगह पर काबिज पट्टे और जमीन मिल जाएगी.